हाईकोर्ट के फैसले से उजागर हुआ सुक्खू सरकार का असंवैधानिक चेहरा: रतन सिंह पाल
भारतीय जनता पार्टी सोलन के जिलाध्यक्ष रतन सिंह पाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैंसले ने साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार गैर कानूनी तरीके से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करते हुए दो साल व्यतीत कर दिए। लगातार हिमाचल प्रदेश के पैसे का दुरूपयोग हुआ, शक्तियों का दुरूपयोग हुआ, 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाकर उनको मंत्रियो के बराबर शक्तियां देना गैर कानूनी रहा, संविधान के खिलाफ रहा। पाल ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश के उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं, जिन्होनें सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को पदमुक्त करने का निर्देश दिया। इनकी शक्तियां व कानून को समाप्त करने का जो फैंसला किया, वो स्वागत योग्य कदम है और हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्यायपूर्ण रवैया वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किया है, हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू द्वारा यह फैसला असंवैधानिक और तानाशाहीपूर्ण तरीके से लिया गया था।
भारतीय जनता पार्टी मांग करती है कि सीपीएस के पद पर नियुक्त किए गए सभी विधानसभा सदस्यों की सदस्यता भी रद्द की जाए। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बाद भी सरकार द्वारा तानाशाही पूर्ण तरीके से यह नियुक्ति अपने इस विधायकों को खुश रखने के लिए की गई थी, जिसका खर्च प्रदेश के आम टैक्स पेयर्स को उठाना पड़ा। सुक्खू सरकार ने यह निर्णय संविधान के दायरे के बाहर रहकर लिया था, जिसे आज न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया है। सरकार द्वारा किए गए इस फैसले से स्पष्ट है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार संविधान के बजाय अपने प्रावधानों से चलना पसंद करती है। पाल ने कहा कि भाजपा पहले दिन से ही सीपीएस बनाने के फैसले के खिलाफ थी क्योंकि यह असंवैधानिक था। न्यायालय के आदेशों की उल्लंघना थी। इसके विरुद्ध भाजपा ने आवाज उठाई, न्यायालय गए और सरकार के इस फैसले को चुनौती दी गई। असंवैधानिक निर्णय को औचित्यपूर्ण ठहराने में सुक्खू सरकार ने हर स्तर पर राज्य के संसाधनों का प्रयोग किया। पहले हमारी पार्टी के नेताओं के द्वारा दाखिल की गई याचिकाओं के औचित्य पर सवाल उठाने में प्रदेश के करोड़ों रुपए वकीलों की फीस में खर्च की जो ऊर्जा और संसाधन प्रदेश के विकास के लिए लगाए जाने थे उन्हें सरकार ने अपने तानाशाही फैसलों को जायज ठहराने में खर्च किए।