एससीईआरटी तथा डायट शिक्षकों की पात्रता की शर्तों पर पुनर्विचार करें हिमाचल सरकार: प्रवक्ता संघ सिरमौर
हिमाचल प्रदेश विद्यालय प्रवक्ता संघ जिला सिरमौर ने हिमाचल प्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा गुणात्मक शिक्षा हेतु किए जा रहे प्रयासों का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, तथा शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों से निवेदन किया है कि हाल ही में एस सी ई आर टी तथा डाइट शिक्षकों के पात्रता हेतु निर्धारित सेवा शर्तों पर पुनर्विचार किया जाए। प्रवक्ता संघ जिला अध्यक्ष सुरेंद्र पुंडीर, महासचिव डॉक्टर आईडी राही, संरक्षक डॉक्टर दीर्घायु कोमोथी, राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेंद्र नेगी, उपाध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा ,पूर्व जिला अध्यक्ष रमेश नेगी, पूर्व महासचिव संजय शर्मा, राज्य सलाहकार सतीश शर्मा , संध्या चौहान, रमा शर्मा, भावना साथी,फतेह पुंडीर आदि कार्यकारिणी सदस्यों ने कहा कि बेशक शिक्षण तथा प्रशिक्षण के इन प्रतिष्ठित संस्थानों में योग्य अनुभवी एवं शोधकर्ताओं की नियुक्ति होना उचित हैं परंतु हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व अन्य विश्वविद्यालयों तथा स्कूल शिक्षा बोर्ड धर्मशाला की वर्ष 2000 से पूर्व की मूल्यांकन पद्धति को देखा जाए तो बहुत कम तत्कालीन विद्यार्थी ऐसे होंगे जो वर्तमान में निर्धारित की गई बारहवीं, स्नातक तथा स्नातकोत्तर परीक्षाओं में 70 व 75% से अधिक अंकों की शर्त को पूरा करते हो । तत्कालीन पद्वति में 70% से कम अंकों में भी कई विषयों में स्वर्ण पदक मिल जाते थे। अतः अनुभवी शिक्षको से पात्रता की इस शर्त को पूरा कर पाना संभव नहीं। प्रवक्ता संघ जिला अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षण तथा प्रशिक्षण के इन संस्थानों की कार्यप्रणाली विद्यालयों की कार्यप्रणाली से अलग है जहां सदैव किसी न किसी प्रशिक्षण अथवा शिक्षण हेतु संस्थान से बहार जाना होता है एसी परिस्थिति में इन संस्थानों में नियुक्त शिक्षकों में कक्षाओं में प्राप्तांको से अधिक अनुभव, शौधक्षमता तथा नवाचार ग्रहण करने तथा उसे अन्य शिक्षकों में साझा करने की दक्षता का होना अनिवार्य है। प्रवक्ता संघ ने मांग की कि इन संस्थानों हेतु नियुक्ति अथवा प्रतिनियुक्ति के लिए सभी ऐच्छिक शिक्षकों की क्षमता, दक्षता तथा उपयोगिता के लिए साक्षात्कार अथवा लिखित परीक्षा के माध्यम से चयन किया जा सकता है , जिस से अधिक से अधिक अनुभवी शिक्षकों को चयन प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर मिले तथा ऐसे प्रतिष्ठित संस्थानों में बेहतर से बेहतर शिक्षक नियुक्त हो सके।