हिमाचल: आउटसोर्स भर्ती के खिलाफ तपोवन के बाहर बेरोजगार युवाओं ने किया धरना प्रदर्शन
आज शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश द्वारा हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा 1लखा सरकारी नौकरी और सरकारी स्कूलो में गेस्ट अध्यापक भर्ती करवाये जाने के निर्णय आउटसोर्स भर्ती के खिलाफ तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बाहर बेरोजगार युवाओं के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार द्वारा गेस्ट अध्यापक की भर्तिया करवाने के विरोध में शिमला तपोवन शीतकाल सत्र धर्मशाल के बहार धरना प्रदर्शन किया शिक्षित बेरोज़गार संघ अध्यक्ष बाल कृष्ण मानना है की प्रदेश सरकार छात्र विरोधी और युवा विरोधी निर्णय लेकर लगातार प्रदेश सरकार युवाओ को बेरोजगारी की और धकेल रही है, जिसके कारण प्रदेश के युवाओं में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेश सरकार ने दो साल पूरे होने का जश्न पूरी धूमधाम से बनाया, लेकिन युवाओं ने जिस मंशा से प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और अव्यवस्था से तंग आकर प्रदेश में कांग्रेस का समर्थन किया था आज इसी बात से तंग आकर खुद को ही कोस रहे हैं। व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर युवाओं व छात्रों को बड़ी तेजी के साथ बेरोजगारी के गर्त में धकेला जा रहा है।
शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष बाल कृष्ण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश में पूर्व भाजपा सरकार की तरह युवा विरोधी नीतियां लाकर लगातार प्रदेश को पीछे धकेलने का काम कर रही है। शिक्षित बेरोज़गार संघ ने प्रदेश सरकार द्वारा लाई गई गेस्ट अध्यापक की नीति का कड़े शब्दों में विरोध करती है। क्योंकि वर्ष 2013 में बिल्कुल इसी तर्ज पर स्कूल में खाली चल रहे पदों को भरने के लिए SMC के माध्यम से हजारों युवाओ को भरा गया था लेकिन सालों से उन लोगों का शोषण ही हुआ और अब जाकर उन लोगो के लिए नियमित भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और कुछ ही लोगो को नियमित किया गया। बिल्कुल ऐसा ही गेस्ट टीचरों के साथ भी होगा। ये उन तमाम युवाओं के साथ धोखा है जो सालों से सपने संजो कर मेहनत कर रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्णय का विरोध करती है, जिसमें गेस्ट टीचर नियुक्त किए जा रहे हैं, जबकि प्रदेश में नियमित अध्यापको की नियुक्ति की जानी चाहिए। यह निर्णय NEP-2020 के कार्यान्वयन का हिस्सा है, जो बिना किसी सही योजना और विचार के लागू किया जा रहा है। यह नीति न केवल शिक्षा के स्तर को गिरा रही है, बल्कि हमारे राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। इसलिए, शिक्षित बेरोज़गार संघ द्वारा तत्काल गेस्ट टीचर नीति की समाप्ति और NEP-2020 के वर्तमान रूप में कार्यान्वयन की वापसी की मांग करती है। राज्य सरकार को सरकारी स्कूलों में सभी खाली पदों में स्थाई भर्तिया जल्द से जल्द करवाने की जरूरत एसएफआई HPRCA के माध्यम से योग्य और स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। लेकिन बीते दो सालों में सरकारी भर्तियों में ग्रहण लगा है राज्य चयन आयोग भी दो साल से बंद पड़ा था परन्तु कुछ दिनों पहले से पुराने भर्तियों के परिणाम निकाले जा रहे है। इन परिणामों के लिए भी प्रदेश के युवाओं को कई दिनों तक आंदोलन करने पड़े उसके बाद इन परिणामों को घोषित किया गया। प्रदेश सरकार द्वारा पुरानी स्वीकृत भर्तियों को निरस्त कर दिया गया है और आउटसोर्स के नाम पर धांधलियों को अंजाम दिया जा रहा है। शिक्षित बेरोज़गार संघ यह मांग करती है की जो प्रदेश सरकार ने सरकारी स्कूलों में गेस्ट अध्यापक भर्ती करने का निर्णय लिया है उसे वापिस लिया जाए और प्रदेश सरकार से यह भी मांग करती है की छात्र व युवा विरोधी इस पालिसी को न अपनाया जाए और गेस्ट टीचर और आउटसोर्स के बजाय नियमित भर्तीया करवाई जाए। ताकि प्रदेश के युवाओं को स्थाई रोजगार मिल सके।