प्रदेश में पिछले तीन दिनों से ऑनलाइन नहीं बन रहे प्रमाण पत्र, जनता परेशान लेकिन सरकार नहीं ले रही सुध
प्रदेशभर में पिछले तीन दिनों से लोगों के हिमाचली प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस सहित कई प्रमाण पत्र ऑनलाइन नहीं बन पा रहे जिसके कारण जनता को सरकारी दफ्तरों में भटकना पड़ रहा है। ये ही नहीं लोगों के अब ऑनलाइन अपडेट होने वाले इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी नहीं हो रहे है। वहीं, तहसीलदार और एसडीएम की ओर से लोगों की सुविधा के लिए बनाए गए व्हाट्सएप ग्रुप्स से भी पटवारी और कानूनगो एग्जिट हो गए है।
इन सभी असुविधाओं के पीछे कारण है पटवारियों और कानूनगो की सरकार से नाराजगी
दरसअल राजस्व विभाग में कार्यरत पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर का दर्जा दिए जाने के फैसले से ग्रामीण राजस्व विभाग के अधिकारी सुक्खू सरकार के खिलाफ भड़क गए हैं. इसी नाराज़गी के चलते हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने 15 जुलाई से प्रदेश भर में लोगों को ऑनलाइन सेवाएं देने की सुविधा बंद कर दी है। नाराज़गी सरकार से है और जनता को इसका खामियाज़ा भुगतना पड़ रहा है। बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब सरकार ने ये फैसला लिया हो। पिछले साल 18 नवंबर को भी ये अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन उसी दिन देर शाम तक हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के विरोध के बाद सरकार ने फैसला वापस ले लिया थ। लेकिन अब सरकार ने फिर से पटवारी और कानूनगो स्टेट कैडर का दर्जा दे दिया है। बता दें कि ऑनलाइन सुविधा बंद किए जाने से महिलाएं 1500 मासिक पेंशन लेने के लिए फॉर्म जमा नहीं कर पा रही है क्यूंकि इसके लिए हिमाचली प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है। इस सबसे जनता परेशान है मगर सरकार सुध नहीं ले रही। वहीँ हिमाचल प्रदेश संयुक्त पटवारी एवं कानूनगो महासंघ के अध्यक्ष सतीश चौधरी का कहना है कि स्टेट कैडर के फैसले को वापस नहीं लिए जाने तक विरोध जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश महासंघ की बैठक में आगामी रणनीति भी तैयार की जाएगी।