कर्ज लेकर अपने CPS को पालने में लगे CM सुक्खू : जयराम ठाकुर
** कर्मचारियों के डीए-एरियर के समय आर्थिक तंगी का रोना
मंडी: पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को निशाने पर लेते हुए कर्मचारियों और पेंशनरों की मांगों को जायज ठहराया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, सीएम सुक्खू प्रदेश में सबकुछ बंद करते-करते अब कर्मचारियों तक पहुंच आए हैं। बेहतर होगा अगर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू बंद करने की शुरुआत अपने दफ्तर से करते। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा कि सुक्खू कर्ज पर कर्ज ले रही है और इस पैसे का इस्तेमाल सीएम सुक्खू अपने सीपीएस को पालने में कर रहे हैं। सीएम सुक्खू ने प्रदेश में सीपीएस की फौज खड़ी कर दी है और उनके लिए विभागों से चार-चार अतिरिक्त गाड़ियां लगा रखी हैं। उनके लिए अतिरिक्त स्टाफ लगाकर करोड़ों रुपए खर्चे जा रहे हैं। जयराम ने कहा कि सीएम सुक्खू द्वारा अपने दफ्तर के खर्चे कम करने के बजाए लोगों पर अनावश्यक बोझ डाला जा रहा है।
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को आड़े हाथों लेते हुए जयराम ठाकुर ने कहा, प्रदेश की भोली-भाली जनता के आगे आर्थिक संकट का रोना रोने वाले सीएम सुक्खू मंत्रियों को नए दफ्तर देने जा रहे हैं। सचिवालय के जिस भवन का सीएम सुक्खू ने स्वयं कुछ दिन पहले उद्घाटन किया था, उसके कमरों को आज मंत्रियों के नए और बड़े दफ्तर बनाने के लिए तोड़ा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, हमने भी पांच साल आर्थिक संकट के बावजूद सरकार चलाई और कभी ऐसा नहीं हुआ कि हमें किसी महीने कर्मचारियों की पगार रोकनी पड़ी हो या डीए और एरियर देने में देरी की हो। ये पहली ऐसी सरकार है जो ऋण तो बेतहाशा ले रही है, लेकिन न तो समय पर सैलरी मिल रही है और न ही घोषणा के बावजूद डीए व एरियर दिया जा रहा है। यही नहीं मेडिकल रीइंबर्समेंट का भुगतान भी दो सालों से नहीं हुआ है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे प्रदेश में सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू और कांग्रेस ने सिर्फ चुनाव जीतने के लिए प्रदेश के कर्मचारियों का इस्तेमाल किया है। सत्ता में आते ही सीएम सुक्खू की 10 की 10 गारंटियां फेल हुई है। नेता प्रतिपक्ष ने तंज कसते हुए कहा कि सुक्खू सरकार को इन गांरटियों को पूरा करने के लिए 10 जन्म लग जाएंगे। बता दें कि 1 जनवरी 2023 से हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों की डीए की 3 किस्तें का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है, यानी 12 फीसदी देय है। कर्मचारी इसके लिए लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं, हालांकि कर्मचारियों को 15 अगस्त के दिन उम्मीद थी कि उनकी कम से कम डीए की एक किस्त तो जारी होगी, लेकिन सरकार की ओर से कोई घोषणा न होने पर अब उन्हें 1 साल और इंतजार करना होगा, जबकि सरकार ने 75 साल की उम्र पूरी कर चुके पेंशनर्स को पूरे एरियर के भुगतान की घोषणा की है। वहीं, एरियर और डीए की किस्त न मिलने पर प्रदेश में कर्मचारियों में सुक्खू सरकार के प्रति भारी रोष है।