शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर की होगी स्थापना
शिमला, सोलन और कांगड़ा में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर स्थापित होंगे। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में पीपीपी मोड पर यह केंद्र स्थापित किए जाएंगे। प्रत्येक केंद्र में सालाना दो हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ) के अवर सचिव मृत्युंजय कुमार की ओर से इसे लेकर प्रदेश सरकार को पत्र भेजा गया है। देश में लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने का निर्णय लिया है।15 वें वित्त आयोग के अधीन ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (आईडीटीआरएस) क्षेत्रीय ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (आरडीटीसी) और ड्राइविंग प्रशिक्षण केंद्र (डीटीसी) की स्थापना के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले अभ्यार्थियों को प्रमाणपत्र जारी करेंगे। जिनके पास ड्राइविंग सेंटरों से पास होने का प्रमाणपत्र होगा, उन्हें क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। ड्राइविंग लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों पर रिफ्रेशर कोर्स भी करवाए जाएंगे। केंद्र व राज्यों में सरकारी वाहनों के ड्राइवरों के लिए इन केंद्रों से प्रशिक्षण और प्रमाणपत्र लेना भी अनिवार्य करने का भी प्रस्ताव है। प्रदेश में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोलने की प्रक्रिया चल रही है। इन केंद्रों पर प्रशिक्षण लेने वालों को प्रमाण पत्र मिलेंगे और उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनाते समय ड्राइविंग टेस्ट नहीं देना पड़ेगा। तीनों जिलों में ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के लिए जल्द ही स्थान चयनित कर लिए जाएंगे।