हिमाचल: PMKSY का हिस्सा बनी फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना, डिप्टी सीएम ने जताई खुशी
हिमाचल प्रदेश के लिए काफी राहत की खबर है। कई सालों से लंबित पड़ी बहुउद्देशीय फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना को आधिकारिक तौर पर प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना एवं AIBP के अंतर्गत शामिल कर लिया गया है। हिमाचल प्रदेश की सिंचाई प्रणाली में यह बड़ी सफलता है। अब इस योजना के सिरे चढ़ने की उम्मीद बंध गई है। ऐसे में अब फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना पूरी होने पर जिला कांगड़ा के एक बड़े हिस्से में किसानों को सिंचाई सुविधा का लाभ मिल सकेगा, जिससे खाद्यान्न उत्पादन बढ़ने से किसानों की आर्थिक सेहत सुधरेगी। डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने इसको लेकर खुशी जाहिर की है। बता दें कि जिला कांगड़ा के नूरपुर में फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना बीते 13 सालों से लंबित पड़ी है। इस दौरान कई सरकार सत्ता में आई और गई, लेकिन यह परियोजना फाइलों से आगे नहीं बढ़ पाई थी। साल 2011 में 204 करोड़ रुपये की प्रारंभिक राशि से शुरू हुई इस परियोजना की लागत अब 646 करोड़ रुपये पहुंच गई है।
प्रदेश में फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना पर सरकार अब तक अपने संसाधनों से 283 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है। इस योजना को सिरे लगाने के लिए प्रदेश सरकार लंबे समय से केंद्र सरकार से आर्थिक मदद की मांग कर रही थी। वहीं, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने फरवरी 2023 में दिल्ली का दौरे के दौरान उन्होंने पूर्व केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से मुलाकात की थी। अपने दिल्ली के दौरे के दौरान डिप्टी सीएम ने फिन्ना सिंह परियोजना के लिए केंद्र सरकार से बजट जारी करने की अपील की थी। उन्होंने फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना के लिए केंद्र से मिलने वाली 340 करोड़ रुपये की मदद राशि जल्द जारी करने का आग्रह किया था। जो मांग अब जाकर पूरी हुई है। फिन्ना सिंह सिंचाई परियोजना का कार्य पूरा होने से जिला कांगड़ा के एक बड़े हिस्से में किसानों को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इस परियोजना के तहत कांगड़ा जिले की चक्की खड्ड पर लाहडू के पास एक डैम का निर्माण किया जा रहा है। एक सुरंग के जरिए नूरपुर के विभिन्न गांवों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध करवाया जाएगा, जिससे सूखा पड़ने और जरूरत के समय किसानों को खेतों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होगा, जिससे कृषि उत्पादन बढ़ने से किसानों की आर्थिक सेहत भी सुधरेगी। ऐसे में किसानों के लिए ये परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है।