हिमाचल: इस जिले में एक भी हार्ट सर्जन नहीं, बाहरी राज्यों से इलाज करवा रहें मरीज
हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में स्थित डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के मुद्दे पर भाजपा-कांग्रेस के बीच चल रही जबरदस्त राजनीति का खामियाजा सिरमौर जिले की जनता को भुगतना पड़ रहा है। लिहाजा यहां की जनता बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर खुद को ठगा सा महसूस कर रही है। उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के दावे भी यहां खोखले साबित हो रहे है। इसका बड़ा अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिला सिरमौर की लगभग 6 लाख की आबादी के दिलों का एक भी रखवाला नहीं है।
दरअसल हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार के गृह जिला सिरमौर में एक भी हार्ट सर्जन (हृदय रोग विशेषज्ञ) नहीं है। जिले का सबसे बड़ा स्वास्थ्य संस्थान मेडिकल काॅलेज एवं नाहन अस्पताल भी इससे अछूता है। जिला वासी एक लंबे अरसे से उनके दिलों के रखवाले का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज के नाम पर चल रही राजनीति के बीच इस गंभीर मुद्दे पर कोई उचित कदम नहीं उठाए जा रहे है। सरकार चाहे इससे पहले भाजपा की रही है या फिर वर्तमान सरकार के 3 साल का कार्यकाल हो, इस मुद्दे पर किसी ने कुछ नहीं किया। हालांकि घोषणाओं के बीच पिछली भाजपा सरकार सत्ता से अलविदा जरूर हो गई।
मेडिकल कॉलेज ही नहीं सिरमौर में किसी सरकारी अस्पताल में भी हार्ट सर्जन नहीं है। यहां राजगढ़, पांवटा साहिब, ददाहू और सराहाँ सिविल अस्पताल हैं इसके अलावा संगड़ाह और शिलाई में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहे हैं। विडम्बना ये है कि मेडिकल कॉलेज के शिफ्टिंग और विस्तारीकरण को कांग्रेस और भाजपा आमने सामने रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर कोई जिक्र नहीं किया जा रहा है। जबकि मरीज मेडिकल कॉलेज ही नहीं जिले के अन्य अस्पतालों में भी सुविधाओं की कमी का दंश झेल रहे हैं।
