बागवानी मंत्री का एलान-अगले साल से अनिवार्य किया जाएगा यूनिवर्सल कार्टन
-कहा, बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा
अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि बटेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा।
हिमाचल प्रदेश में अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि टेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। बाहरी राज्यों में भी किलो के हिसाब से ही सेब बेचा जाएगा। नहीं मानने वाले प्रदेशों के उच्च न्यायालयों में मामला उठाया जाएगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर की ओर से मामले पर उठाए गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का मामला उठाया।
उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सेब को किलो के हिसाब से बेचना ऐतिहासिक निर्णय है। इसमें समस्या आएगी भी, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। लेकिन यह संभव नहीं था कि एक-एक पेटी को बाजार में तोलने की व्यवस्था की जाए। भ्रम की स्थिति बनी रही। कई जगह बागवानों में भी नाराजगी हुई। यह नियम केवल हिमाचल प्रदेश में है। बाहर नहीं है। वहां इस तरह की व्यवस्था नहीं है। जब भ्रम की स्थिति बनी तो बहुत से बागवानों से प्रदेश से बाहर जाकर सेब बेचा।
इससे राजस्व की हानि हुई। करोड़ों रुपये खर्च करके यहां पर मंडियां बनाई गई हैं। करोड़ों की लागत से हिमाचल प्रदेश में मंडियां विकसित की गई हैं। बागवानी मंत्री भी मंडियों का दौरा करते रहे। मंत्री रोहित ठाकुर भी बागवानों से लगातार मिलते रहे। उनका यह कहना है कि इसका एक सबसे बढ़िया उपाय है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि इससे हमेशा के लिए अच्छी व्यवस्था बने। राठौर ने बागवानी मंत्री से अनुरोध किया प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था को लागू किया जाए। बाजार में इससे अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। गुणवत्ता वाला सेब जाएगा तो अच्छा होगा। एक ही मापदंड होने चाहिए। हिमाचल में किलो के हिसाब से बिक रहा है। बाहर किलो के हिसाब से नहीं बिक रहा है। सेब बागवानी के खर्चा देखा जाए तो यह लाभ का काम नहीं रह गया है। इस वक्त बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सेब पर आयात शुल्क घटाए जाने से भी बागवानों को नुकसान हो रहा है। यह मसला पूरे प्रदेश से जुड़ा हुआ है। सेब का सालाना कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये है। बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सभी लोग सहयोग करें। आयात शुल्क बढ़ाया जाए। कुलदीप राठौर ने कहा कि अफगानिस्तान के रास्ते ईरान का सेब आ रहा है। अफगानिस्तान के साथ देश की निशुल्क व्यापार की संधि है। इस बारे में भी सोचे जाने की जरूरत है।