कुनिहार में भागवत पुराण में व्यास जी ने सुनाई कृष्ण -रुक्मिणी विवाह की कथा
कुनिहार के तालाब मंदिर परिसर में राधे श्याम परिवार संस्था द्वारा आयोजित की जा रही सात दिवसीय भागवत पुराण कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन प्रसिद्ध कथा वाचक एवं बांके बिहारी विश्व मंगलम सेवा धाम के प्रमुख संस्थापक हरीजी महाराज ने कृष्ण- रुक्मिणी विवाह के प्रसंग सहित कृष्ण की अनेक लीलाओं का व्याख्यान किया। कथा वाचक ने कहा कि कृष्ण बाल्यकाल से ही गवालो के साथ गऊए चराना,गोपियों की मटकियां फोड़ना, गोपियों संग रास लीला करना, मधुर बांसुरी वादन करना, एक उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाना और इंद्र का अभिमान चूर करना जैसी कई अदभुत लीलाएं की। कथा व्यास हरिजी महाराज ने श्रोताओं को कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि रुक्मिणी कई रूपों में प्रकट हुई है और हर रूप में नारायण का ही वर्णन करती है। रुक्मिणी का भाई रुक्मिणी का विवाह शीशपाल से करवाना चाहता था सारे नगरों में शादी के कार्ड बांटने शुरू हो गए लेकिन रुक्मिणी तो मन से कृष्ण को अपना वर मानती थी। रुक्मिणी ने कृष्ण को खत लिखा कि मेरा भाई मेरी शादी शीशपाल से करवाने जा रहे हैं। यदि शीशपाल से मेरी शादी होती है तो मैं जहर खाकर मर जाऊंगी। मैं आपसे शादी करना चाहती हूं और मन से आपको अपना वर मान चुकी हूं, मुझे यहां से तुरंत ले जाएं। कृष्ण ने बहुत सोच विचार कर निर्णय लिया और अकेले ही रथ पर बैठ कर रुक्मिणी को लाने निकल गए तथा रुक्मिणी को साथ लाकर रुक्मिणी से विवाह रचा लिया। आगे के प्रसंग में कथा व्यास ने कहा कि यमुना नदी में कालिया नाग ने अपने विष को छोड़कर आतंक मचाया हुआ था, जिसके विष वाले पानी पीने से मनुष्यों व जानवरों की मृत्यु हो रही थी, जब कृष्ण को इस बात का पता चला तो कृष्ण ने कालिया नाग से युद्ध कर उसका मर्दन किया तथा यमुना को विष से मुक्त किया।
डी डी कश्यप मीडिया प्रभारी विश्व मंगलम सेवा धाम ने जानकारी देते हुए बताया कि कल वीरवार 10 अक्तूबर को 11 बजे पूर्णाहुति होगी तथा 12 बजे से 2 बजे तक प्रवचन के साथ कथा को विराम दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके बाद आयोजकों द्वारा विशाल भंडारा सभी क्षेत्र वासियों के लिए लगाया जाएगा। इस अवसर पर डॉक्टर नागेश गर्ग ,गोदावरी आर्या, कृष्णा पंवर, इंदिरा शांडिल, कुमारी अनिता कश्यप, नीलम गर्ग, लता, इंदु शांडिल, कौशल्या शांडिल, कमला देवी, लछमी रघुवंशी, मीरा कश्यप, पुष्पा देवी, अंजना, सुलेखा, शीला, श्यामा नन्द शांडिल, जगदीश पंवर,जगदीश चंदेल आदि मौजूद रहे।