इंदौरा: कहीं दलालों के चक्कर में न फंस जाए मंड क्षेत्र के किसान, पढ़िए क्या है पूरा मामला
हिमाचल प्रदेश की विधानसभा क्षेत्र इंदौरा और फतेहपुर में अधिकतर किसान गन्ने की खेती करते है। बता दें कि गन्ने की खेती तैयार हो चुकी है और किसान अपना गन्ना मुकेरिया मिल में सप्लाई कर रहे है। लेकिन पिछले कुछ दिनों से इंदौरा व फतेहपुर मंड क्षेत्र के गन्ना काश्तकारों के चेहरो पर मायूसी छाई हुई। किसानों को डर है कि कही उनके खून पसीने की मेहनत से तैयार किया गया हज़ारों एकड़ गन्ना दलालों के हाथों में न देना पड़ जाए। बता दें इंदौरा व फतेहपुर मंड क्षेत्र में पड़ते 37 गावों में गन्ने की खेती होती है। गावों में लगभग 4000 एकड़ भूमि पर किसान गन्ने की फसल की काश्त करते है। गौरतलब है कि पंजाब व हिमाचल सरकार की आपसी सहमति के बाद पंजाब की मुकेरिया चीनी मिल को पंजाब सरकार आदेश दिया था कि पंजाब के किसानों की भांति हिमाचल प्रदेश के किसानों के गन्नों की भी खरीद कर उन्हें उचित दाम दिया जाए। सूत्रों के हवाले से यह भी ज्ञात हुआ है कि पीछे 20 वर्षो से हिमाचल के किसान मुकेरिया मिल को अपना गन्ना बेच रहे है और आजतक गन्ने संबंधी कोई भी लिखित में शिकायत हिमाचल के किसानों द्वारा नही हुई है। लेकिन वंही हिमाचल के मंड क्षेत्र के किसान कुलदीप सिंह, प्रभदयाल, जयदीप राणा, प्यार सिंह, अतुल कुमार, राजेश ठाकुर, परमजीत सिंह आदि का कहना है कि कुछ लोग अपने निजी सवार्थ के लिए किसानों को तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे है। जिन्हें मंड क्षेत्र से 150 किलोमीटर दूर पंजाब में पड़ती वुटर चीनी मिल का सहयोग प्राप्त है। मंड के किसानों को यह डर है कि कहीं मंड में उक्त मिल द्वारा गलत तरीके से दी जा रही दखलअंदाजी से यह क्षेत्र मुकेरिया मिल से न हट जाए।
