अंडमान-निकोबार की तर्ज पर बिलासपुर में विकसित होगा आइलैंड टूरिज्म
बिलासपुर जिले में स्थित गोबिंदसागर झील को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की तर्ज पर आइलैंड टूरिज्म विकसित करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जल्द ही कार्ययोजना तैयार की जाएगी। इस परियोजना के तहत उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक और एसडीएम सदर अभिषेक गर्ग ने झील के ज्योरीपत्तन क्षेत्र का निरीक्षण किया। जहां एक बड़े द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह द्वीप पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और झील के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा। इस बड़े द्वीप की खासियत यह है कि यह पानी में स्थित होने के बावजूद आठ से नौ महीने तक पानी से ऊपर रहता है। यह विशेषता इसे पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बनाती है, जहां वे बिना किसी समस्या के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना और पर्यटकों को झील में अनूठे अनुभव प्रदान करना है। अंडमान-निकोबार की तरह यहां वॉटर स्पोट्र्स, कैंपिंग और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन कर इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। ज्योरीपत्तन क्षेत्र में ईको फ्रेंडली कैंपिंग साइट्स विकसित की जाएंगी, जहां पर्यटक रात में बोनफायर और स्थानीय संगीत का आनंद ले सकेंगे। झील के चारों ओर नेचर ट्रेल्स और हाइकिंग रूट्स बनाए जाएंगे, जहां प्रकृति प्रेमी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। उपायुक्त के अनुसार स्थानीय संस्कृति व व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए फूड और कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत व नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। उपायुक्त ने कहा कि झील में ज्योरीपत्तन का यह विकास न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।