जयसिंहपुर: खड़गे के 'भगवा' बयान पर पूर्व विधायक रविंद्र धीमान का पलटवार
जयसिंहपुर/ नरेंदर डोगरा: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के 'संतों को राजनीति में नहीं आना चाहिए ' और भगवे वस्त्रों वाले बयान पर जयसिंहपुर के पूर्व विधायक रविंद्र धीमान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि खड़गे को भारत का सनातनी इतिहास पढ़ना चाहिए और याद दिलाया कि कई महान संतों ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा लिया था।आदिकाल से ही भारत की राजनीति में साधु संतों का अमूल्य योगदान रहा है, जिसके भारत के समृद्ध इतिहास में कई उदाहरण मिलते हैं। रविंद्र धीमान ने अपने जारी बयान में कहा कि भगवा रंग पहनकर राजनीति न करने की सलाह यदि खड़गे सनातनी समाज को दी है तो राजनीति में सफेद और हरे रंग को पहनने के लिए भी उन्हें विशेष धर्म के लोगों को अधिकृत कर देना चाहिए था । उन्होंने कहा कि भाजपा वस्त्रों के रंग को देखकर राजनीति नहीं करती। गेरुआ वस्त्र धारण व्यक्ति अपना सम्पूर्ण जीवन ही समाज और संस्कृति को न्यौछावर कर देता है। ऐसा घटिया बयान देने से परहेज करना चाहिए उनका यह कथन सनातनी समाज की भावनाओं का खुलेआम क्रूर मजाक है तथा हिन्दू समाज को उकसाने के समान है। योगी के भगवा वस्त्र और सिर मुड़वाने पर उपहास करना संभवतः कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की मुसलिम तुष्टिकरण की राजनीति को दर्शाता है क्या वह बिना मूंछ के दाढ़ी वाले लोगों को और उनके पहनावे पर भी कोई टिप्पणी करेंगे? उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस भी बहुत सारे संतों को राजनीति में लेकर आई थी। यह अलग बात है कि अब कांग्रेस में संतों को सम्मान नहीं मिलता तथा केवल धर्म और जाति की राजनीति करने वाली उनकी पार्टी में कोई साधु संत जाने को तैयार नहीं है।