जसवां:परागपुर-आज जो कुछ भी हूं, अपने गुरूओं की बदौलत हूं - कैप्टन संजय पराशर
कैप्टन संजय पराशर ने कहा है कि आज वो जो कुछ भी हैं, उसके पीछे उनके शिक्षकों का ही सबसे बड़ा योगदान रहा है। रविवार को सरस्वती विद्या मंदिर, परागपुर के प्रांगण में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पराशर ने कहा कि शिक्षक ही हमें जीवन के कठिन संघर्षों के रास्तों पर चलने के लिए तैयार करते हैं। जीवन और अपने परिवेश को सुंदर और उपयोगी बनाने का मार्ग के पथ-प्रदर्शक भी शिक्षक ही हाेते हैं। वही हमारे जीवन को सजाते व संवारते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी दृष्टि में जीवन को सही अर्थों में जीने और इस संसार को खूबसूरत बनाने की कला सिखाने वाले शिक्षक ही वरेण्य हैं, सम्माननीय है। इस अवसर पर कैप्टन संजय ने जसवां-परागपुर क्षेत्र के 372 शिक्षकों को भी सम्मानित किया। पराशर ने कहा कि शिक्षक का ज्ञान जीवन को उज्जवलित करता है तो आज शिक्षकों को दिया जा रहा सम्मान सही मायनों में उन्हें गर्वित कर रहा है। उन्होंने अपने जीवन को सफल बनाने के लिए अपने गुरूओं का आभार जताते हुए कहा कि गुरू-शिष्य परंपरा भारती की सनातन संस्कृति का अहम और पवित्र हिस्सा रही है। शिक्षक उस माली के समान होते हैं, जो एक ही बागीचे को अलग-अलग रूप-रंग के फूलाें को सजा देते हैं। इतना ही नहीं शिक्षक ही अपने विद्यार्थियों में राष्ट्र चरित्र का भी निर्माण करते हैं। कहा कि गुरू की महिमा का वर्णन करना बहुत मुश्किल काम है। गुरू बिना ज्ञान नहीं मिलता है क्योंकि शिक्षक ही जीवन में अंधकार को मिटाकर प्रकाश फैलाते हैं और जीवन को जीने की राह दिखाते हैं। शिक्षक दिवस को मनाने का भी उद्देश्य शिक्षकों का सम्मान और विद्यार्थियों को शिक्षा के प्रति जागरूक करना रहा है। संजय ने कहा कि शिक्षक का हर किसी के जीवन में बहुत महत्व होता है और सच यही है कि आज वह जिस मुकाम पर भी पहुंचे है, अपने गुरूजनों की बदौलत ही यह सब संभव हो पाया है। बड़ी बात यह भी रही कि कैप्टन संजय ने शिक्षकों को सम्मानित करने से पहले उनके चरण भी छुए। वहीं, एसवीएम के प्रधानाचार्य वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि संजय पराशर द्वारा शिक्षकों के सम्मान के लिए पहली बार इतने बड़े स्तर पर आयोजन करना शिक्षा जगत से जुड़े सभी लोगों के लिए भी गर्व की बात है। कार्यक्रम में पहुंचे सलेटी से सेवानिववृत शिक्षक बिशन लाल, सेहरी से बालक राम, हार बाग से नानक शर्मा और परागपुर से जगन्नाथ शर्मा ने कहा कि पराशर सामाजिक सरोकारों के लिए लंबे समय से काफी कुछ कर रहे हैं और समाज के हर वर्ग को लेकर साथ चलते हैं। शिक्षकों के लिए ऐसा सम्मान समारोह इस क्षेत्र में पहली बार हुआ है और इसके लिए वे भी पराशर की सोच व विजन काे सलाम करते हैं। कार्यक्रम में हिमाचल शिक्षा समिति के प्रदेश उपाध्यक्ष खेमराज शर्मा, पूर्व बीडीसी चेयरमैन गुरचरण सिंह, कैप्टन संजय की धर्मपत्नी सोनिका पराशर, संस्कृत विद्या पीठ ब्लाहर से शिक्षक मुकेश शर्मा और एसवीएम कटोहड़ खुर्द की प्रधानाचार्य मीनाक्षी शर्मा भी मौजूद रहीं।
