ज्वालामुखी: मतेहड़ गाँव के लोग आज भी श्मशान घाट की सुविधा से वंचित
ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत पड़ती तहसील खुंडिया के तहत देहरू पँचायत का एक गाँव मतेहड़ के लोग आज भी श्मशान घाट में शेड न होने की सुविधा से महरूम है। उक्त पँचायत के तहत पड़ते गाँव में विकास के नाम पर लोग आज भी सरकार को खूब कोस रहे है। बीते रविवार को खुंडिया तहसील की सबसे उम्र दराज महिला 103 वर्षीय जय देइ की मृत्यु हो गयी थी। वहीं उसी दिन भारी वर्षा में मज़बूरन वश बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार करना पड़ा। पूरे दिन भर तेज़ वर्षा होने के कारण उनके अंतिम संस्कार में लोगों ने कड़ी मशककत के उपरांत अंतिम संस्कार किया। स्थानीय लोगों के अनुसार कई बार सरकार व पंचायत से डोडा में श्मशान घाट शेड बनाने की अपील की जा चुकी है। परन्तु प्रशासन एवम पंचायत के कान में जूं तक नहीं रेंगी है। कैप्टेन अमर सिंह ने बताया है की यह श्मशान घाट समस्त खुन्डिया क्षेत्र में सबसे बड़ा श्मसान घाट शेड है और आज दिन तक कोई रेन शेड न होने के कारण अंतिम संस्कार करने आये लोगों को भारी समस्यों का सामना करना पड़ता है। इस संदर्भ में प्रधान देहरु पँचायत आशा देवी से बात की गई उन्होंने बताया कि आचार सहिंता के खत्म होते ही श्मशान घाट में शेड का कार्य करवाया जाएगा। इस श्मशान घाट की ओर जाने के लिए रास्ता भी नहीं है, उसको बनाने का समाधान भी जल्द ही किया जाएगा।
