केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाया कारगिल दिवस
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में शुक्रवार को कारगिल दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें बतौर मुख्य अतिथि निकटवर्ती लोअर सुनहेत के शहीद सुरजीत सिंह डढवाल के पिता हुकम सिंह उपस्थित रहे व वशिष्ठ तिथि के रूप में निकटवर्ती गांव मसोट के सेवानिवृत कर्नल मस्तान सिंह ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
वेदव्यास परिसर के सभागार में हुए कार्यक्रम के दौरान सेवानिवृत कर्नल मस्तान सिंह ने 1997 को कारगिल में हुए युद्ध के बारे में विस्तार पूर्वक बताया, उन्होंने बताया कि कैसे-कैसे भारतीय सेना ने पाकिस्तान सेना द्वारा अपने कब्जे में लिए कारगिल के कुछ इलाकों को कैसे अपने कब्जे में लेकर जीत का झंडा फहराया था। उस समय देश के 500 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे।
इस अवसर पर परिसर के प्रभारी निदेशक प्रोफेसर शीशराम ने भी अपने विचार रखे। मूलत राजस्थान के रहने वाले प्रोफेसर शीशराम ने बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा भारतीय सेना के जवान राजस्थान के झुनझुनू जिला के हैं व दूसरे नंबर पर हिमाचल के कांगड़ा जिला के हैं ।
इस मौके पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि व वशिष्ठ अतिथि को परिसर प्रशासन द्वारा शाल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के अंत में वेदांत विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर मंजूनाथ ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। वहीं इस मौके पर परिसर की एनएसएस यूनिट व पर्यावरण कमेटी ने कार्यक्रम अधिकारी अमित वालिया व संयोजक कवि पंकज की उपस्थिति में पौधारोपण भी किया। इसके अंतर्गत परिसर के इर्द गिर्द कई फलदार व औषधीय पौधे रोपे गए। इस अवसर पर परिसर के समस्त शिक्षक,कर्मचारी व छात्र छात्राएं मौजूद रहे।