कुल्लू: पांच करोड़ की लागत से बना भवन महीनों से बंद, बोली लगने के बाद पीछे हटे दुकानदार
हिमाचल प्रदेश में जिला कल्लू के मुख्यालय ढालपुर मैदान के साथ करोड़ों की लागत से बना अंतरराष्ट्रीय दशहरा व्यावसायिक परिसर धूल खा रहा है। पहले जिला प्रशासन और नगर परिषद के बीच विवाद हुआ और फिर दुकानों की बोली लगने के बाद दुकानदार पीछे हट गए। जिससे जिला प्रशासन और नगर निगम को लाखों का नुकसान हुआ हैं। इस व्यवसायिक परिसर का निर्माण डिस्ट्रिक्ट रूरल डेवलपमेंट एजेंसी की धनराशि से किया गया है। इस परिसर के निर्माण पर साढ़े 5 करोड़ रुपए की धन राशि खर्च की गई, लेकिन उसके बाद दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया हैं।
जिला प्रशासन और नगर परिषद के बीच किराए को लेकर विवाद हुआ हैं, जिला प्रशासन का कहना था कि भवन प्रशासन की ओर से दी गई राशि से तैयार हुआ है। ऐसे में इसका किराया प्रशासन को मिलना चाहिए। नगर परिषद और जिला कुल्लू प्रशासन के बीच समझौता किया गया, जिसमें 55% धनराशि नगर परिषद को और 45% राशि कुल्लू प्रशासन को किराए के रूप में मिलनी तय हुई। उसके बाद जुलाई माह में पहली बार इन दुकानों के आवंटन के लिए बोली लगाई गई। व्यावसायिक परिसर की 37 दुकानें औसतन 50 हजार रुपये प्रति महीना के हिसाब से नीलाम हुई थीं, लेकिन बोलीदाता बोली से पीछे हट गए। जिसके कारण अभी तक यहां पर पूरी तरह से दुकानें खुल नहीं पाई हैं।
अब दूसरी बार इस परिसर में बनी दुकानों का आवंटन होने जा रहा हैं। आज टेंडर दाखिल करने की अंतिम तारीख है। कुल्लू नगर परिषद के अध्यक्ष गोपाल कृष्ण महंत ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा व्यावसायिक परिसर में शेष 30 दुकानों के लिए नीलामी प्रक्रिया फिर से अमल में लाई जा रही है, जिसमें व्यापारियों से आवेदन मांगे गए है। इसके बाद नीलामी प्रक्रिया अमल में लाई जाएगी, ताकि इन दुकानों को व्यापारियों के लिए आवंटित किया जा सके।
जिला कुल्लू प्रशासन और नगर परिषद ने इस बार व्यापारियों के लिए और शर्तें लगाई हैं। नीलामी के दौरान बोलीदाता व्यापारी जब दुकान लेगा, तो उसी दौरान उसे 50 हजार रुपये नकद जमा करने होंगे। अगर व्यापारी 50 हजार रुपये जमा नहीं करता है तो उसकी दुकान की बोली रद्द मानी जाएगी और उस दुकान की उसी दिन फिर से नीलामी प्रक्रिया होगी। नगर परिषद कुल्लू ने उन सभी दुकानदारों को ब्लैक लिस्ट किया है, जिन्होंने पिछली बार बोली में दुकानों तो खरीदी, लेकिन फिर पैसा जमा नहीं करवाया और साथ ही उनके परिवार का कोई सदस्य भी बोली प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएगा।
