कुल्लू: नौ महीने बाद भी नहीं सुधरे हालात, विधायक लोकेंद्र कुमार सरकार पर लगाया भेदभाव का आरोप

कुल्लू जिले के आनी विधानसभा क्षेत्र के निरमंड में पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ के नौ महीने बीत जाने के बाद भी, स्थानीय निवासियों का जीवन अभी भी संकट में है। क्षेत्र के विधायक लोकेंद्र कुमार ने इस स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सरकार पर उदासीनता और भेदभाव का आरोप लगाया है। निरमंड के चायल और जवागी पंचायतों के कई गांवों के लोग, जिनमें स्कूली बच्चे भी शामिल हैं, अभी भी खतरनाक लकड़ी के अस्थायी पुलों का उपयोग करने के लिए मजबूर हैं। यह पुल न केवल असुरक्षित हैं, बल्कि हर दिन सैकड़ों ग्रामीणों के लिए एक बड़ा खतरा भी हैं। विधायक लोकेंद्र कुमार ने बताया कि यह क्षेत्र श्रीखंड महादेव यात्रा के बेस कैंप के रूप में भी जाना जाता है, जो केवल दो महीने दूर है। उन्होंने सरकार की निष्क्रियता पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तक सड़कों की मरम्मत नहीं हुई है, जिससे आगामी तीर्थयात्रा पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा कि समेज और बागीपुल में प्रभावित लोगों को 7 लाख रुपये के मुआवजे के बजाय केवल 20,000 और 50,000 रुपये दिए गए, जबकि पड़ोसी शिमला जिले में पूरा मुआवजा दिया गया।