कुनिहार: श्रावण मास के पावन अवसर पर शिव महापुराण कथा का किया गया शुभारंभ
शिव कावड़ सेवा संघ कुनिहार के सौजन्य से श्रावण मास के पावन अवसर पर शिव महापुराण कथा का शुभारंभ बड़े ही धूमधाम के साथ राजदरबार के प्रांगण में किया गया। शिव महापुराण कथा को सोलन के कोट बेजा से आए प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित विक्रांत शर्मा बड़े ही सुंदर व मधुर वाणी से कथा का वर्णन कर रहे हैं। प्रथम दिवस की कथा का वर्णन करते हुए विक्रांत शर्मा ने बताया कि ज्ञान तथा करुणा का साक्षात स्वरूप शिव है। शिव शिवा संपूर्ण जगत के माता-पिता है। सूत जी जो पुराण वक्ता है वह शौनकादि ऋषियों से कहते हैं कि प्रयाग तीर्थ से शिव पुराण की अविरल धारा प्रारंभ होती है। शिवलिंग का स्तंभ ब्रह्मा तथा विष्णु के मध्य हुआ है जो संपूर्ण संसार के लिए पूजनीय है तथा मृत्युलोक के प्राणियों के लिए शिव पूजन का विशेष महत्त्व है। जो कोई भी शिवलिंग पर बेलपत्र, भांग, धतूरा ,विलगिरी ,कमल पुष्प, दूध ,दही, शहद व पंचामृत से स्नान करवाता है वह आवागमन के चक्कर से बच जाता हैं। कथा सुनने के लिए दूर-दूर इलाकों से शिव भक्त प्राचीन ठाकुरद्वारा मंदिर राजदरबार प्रांगण में पहुंच कर कथा का रसपान कर रहे हैं। कथा आयोजक कांवड़ संघ के राधा रमन शर्मा व विनोद भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि यह शिव महापुराण कथा का अयोजन पिछले कई वर्षो से चला आ रहा है। उन्होने बताया कि शिव महापुराण कथा में प्रतिदिन ढाई फुट के पार्थेश्वर शिवलिंग को सुबह की पूजा में पंडित रमेश शर्मा के सहयोग से बनाया जा रहा है। वहीं कथा समाप्ति के उपरांत सांय काल को समस्त कुनिहार निवासियों के सहयोग सहित कथा स्थल से गंभर नदी तक ढोल नगाड़ों के साथ पार्थेश्वर शिवलिंग का विसर्जन प्रतिदिन किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सभी सदस्य कथा के सफल आयोजन के लिए पूरी मेहनत और लगन से कार्य कर रहे हैं। इस दौरान कथा मे विनोद भारद्वाज, राधा रमन शर्मा, सुरेन्द्र कुमार, नीरज शर्मा, हेमन्त जोशी, राहुल, मृदुल व आरव सहित कावड़ संघ के सभी सदस्यों सहित कथा प्रेमी मौजूद रहे।