सांस्कृतिक चेतना के प्रखर संवाहक थे स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी - नरेंद्र शर्मा
हिमाचल प्रदेश के गौरव लालचन्द ‘प्रार्थी’ जो ‘चाँद कुल्लुवी’ के नाम से विख्यात हुए, सांस्कृतिक चेतना के प्रखर संवाहक एवं महान विभूति थे । यह बात आज स्वर्गीय लाल चंद प्रार्थी जयंती के अवसर पर आयोजित कवि गोष्ठी तथा प्रार्थी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर समीक्षा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करते हुए जिला लोक संपर्क अधिकारी नरेंद्र शर्मा ने कही । उन्होंने कहा कि लालचन्द ‘प्रार्थी’ दो स्तम्भ ‘लूहरी से लिंघटी तक’ तथा ‘प्रार्थी के खड़प्के’ पाठकों में अत्यधिक लोकप्रिय थे परंतु दुर्भाग्यवश आज उपलब्ध नहीं हैं। कुल्लू जिले के नग्गर गांव में 3 अप्रैल, 1916 को जन्मे लालचन्द ‘प्रार्थी’ उच्च कोटि के साहित्यकार, राजनेता, हिन्दी, संस्कृत, अंग्रेजी, फारसी और उर्दू के प्रकांड विद्वान थे , आकर्षक व्यक्तित्व के प्रार्थी अपने धाराप्रवाह भाषण से श्रोताओं को घंटों तक बांधे रखते थे।