पर्यटन उद्योग के शिमला सर्किट को एक बड़ा झटका

हमे विश्वसनीय सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि रेल विभाग कालका हावड़ा ट्रैन को चंडीगड़ तक टर्मिनेट करने का फैसला ले रही है। यदि इस रेल गाड़ी को चंडीगढ़ तक चलाया गया तो इसका सीधा असर शिमला सर्किट के पर्यटन पर पड़ेगा। हावड़ा -कालका ट्रैन बहुत ही पॉपुलर ट्रैन है तथा वेस्ट बंगाल से आने वाले पर्यटकों के लिए बहुत ही सुविदाजनक है क्योंकि इसकी कनेक्टिविटी नैरो गेज वर्लड हेरिटेज ट्रैन द्वारा शिमला तक है। हिमाचल के पर्यटन में बंगाल तथा मुबई से आने वाले पर्यटकों का बहुत बड़ा योगदान है। दुर्गा पूजा सीजन में इस ट्रेन की अहमियत और भी बढ़ जाती है क्योंकि इस दौरान बहुत बड़ी संख्या में पर्यटक वेस्ट बंगाल से दुर्गा पूजा की छुटियों में शिमला आते है तथा यही से हिमाचल के अन्य पर्यटक स्थालों में घूमने जाते है। हावड़ा कालका रेलगाड़ी 1903 से भी पहले से कालका तक चल रही है तथा एक बहुत ही लोकप्रिय रेल गाड़ी है। यदि इस ट्रेन को चंडीगड़ तक ही रोक दिया तो विश्व विख्यात हेरिटेज दहरोहर शिमला कालका रेल सेवा भी बंद होने की कगार पर आ जायेगी क्योंकि मुम्बई बांद्रा कालका रेल सेवा भी आने वाले सप्ताह से पहले ही कालका की बजाय चंडीगढ़ तक शिफ्ट कर दी गई है।
रेल मार्ग से आने वाले यात्रियों पर शिमला के होटल्स जहा वाहन नही जाते ,ट्रेवल एजेंट्स,टैक्सी ऑपरेटर्स का वयवसाय निर्भर है। यदि इन रेल गाड़ियों को चंडीगढ़ तक ही चलाया गया तो इससे ट्रैफिक की समस्या और बढ़ जाएगी क्योंकि अभी तक जो पर्यटक रेल सेवा से शिमला तक आ रहे थे वह सड़क मार्ग से आएंगे तो शिमला की ट्रैफिक समस्या और विकराल हो जाएगी तथा इसका पर्यटन पर विपरीत असर पड़ेगा।
हम रेलवे ऑथोर्टीज़ से आग्रह करते है कि कालका हावड़ा सर्विस को कालका तक ही चलाया जाय तथा बांद्रा कालका ट्रैन को भी कालका तक ही चलाया जाए क्योंकि हिमाचल के पर्यटन में इसका बहुत बड़ा योगदान है। हमारी एसोसिएशन पर्यटन की दृष्टि से इन दोनी ट्रैन को कालका तक ही चलाने के विषय को मुख्यमंत्री के समक्ष भी उठाएगी तथा आग्रह करेगी इस विषय को रेल मंत्रालय से उठाया जाए ताकि हिमाचल के पर्यटन को इसका नुकसान न हो।
-मोहिंद्र सेठ
-प्रेजिडेंट
-टूरिज्म इंडस्ट्री स्टेक होल्डर्ज असोसिएशन।