"मसोट बनेगा हिमाचल का पहला संस्कृत गांव"
केन्द्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय की योजना के अनुसार हिमाचल के कांगड़ा जिले में परागपुर का निकटवर्ती गांव मसोट"संस्कृत ग्राम" के रूप में विकसित किया जाएगा। इस क्रम में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के बलाहर स्थित वेदव्यास परिसर में दो दिनों तक कार्यशाला में प्रशिक्षण प्रदान किया गया।शनिवार-रविवार को आयोजित कार्यशाला में हिमाचल के विभिन्न जिलों से 62 कार्यकर्त्ताओं ने भाग लिया। स्वयंसेवी संगठन संस्कृतभारती के उत्तरक्षेत्रीय प्रशिक्षणप्रमुख संजीव कुमार ने कहा कि संस्कृतग्राम बनाने में संस्कृतभारती संगठन अपना पूर्ण योगदान प्रदान करेगा। रविवार प्रातः कार्यशाला के संयोजक डॉ. पुरुषोत्तम ने प्रसिद्ध संस्कृत प्रचारक प्रताप सिंह व संस्कृतभारती के डॉ. ओंकार को मसोट गांव का भ्रमण करवाया एवं ग्रामवासियों से मिलवाया। इस कार्य से ग्रामवासी काफी उत्साहित हैं कि हमारा मसोट गांव भारत के मानचित्र पर संस्कृत गांव के रूप में दिखेगा। कार्यशाला का आयोजन कुलपति प्रो. वरखेड़ी एवं परिसर निदेशक प्रो. सत्यम कुमारी के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यशाला के दौरान समस्त कार्यक्रम का संचालन बी एड विभाग के शिक्षक डॉ. सत्यदेव ने किया।