अंग्रेज़ो की देन है रविवार की छुट्टी, जानिए पूरा मामला

बच्चें स्कूल जाते हो या कोई व्यक्ति काम करता हो, सभी को रविवार का इंतज़ार रहता है। रविवार का दिन होता है सभी के लिए छुट्टी का दिन, यानि की मस्ती का दिन। इस दिन लोग अपने काम और पढ़ाई से हटकर अपने परिवार के साथ समय बिताते है, या वो करते है जिससे उन्हें रिलेक्स मिलता है। एक वैज्ञानिक शौध में खुलासा हुआ है कि 7 दिन में एक छुट्टी होनी ही चाहिए। इससे दिमाग और शरीर को शांत और रिलेक्स होने का मौका मिलता है।
लेकिन अहम सवाल यह है कि छुट्टी केवल रविवार के दिन ही क्यों होती है।
दरअसल ऐसा ईसाई धर्म के अनुसार होता है। दुनिया के कई बड़े देशों में ईसाई धर्म माना जाता है। भारत में कई सालो तक अंग्रेज़ों का राज रहा, इस कारण यहाँ भी कई चीज़े अंग्रेज़ों के द्वारा दी गई है। ईसाई धर्म में माना जाता है कि उनके ईश्वर ने धरती बनाने में 6 दिन लगाए थे, इसके बाद उन्होंने सातवें दिन यानि कि रविवार को आराम किया था। इसी मान्यता से अंग्रेज़ों ने रविवार को आराम का दिन मान लिया। ये छुट्टी सन 1843 से घोषित कि गई थी। भारत में मेघाजी लोखंडे के प्रयास से यह छुट्टी 10 जून 1890 को लागू हुई। आपको बता दे कि ज्यादातर मुस्लिम देशों में शुक्रवार को इबादत का दिन माना जाता है। इस कारण वहां रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी होती है।