विकास के लिए समीक्षा बैठकों के महत्व को समझें अधिकारी-डॉ. सैजल
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सहकारिता मंत्री डॉ. राजीव सैजल ने कहा कि अनुसूचित जाति उपयोजना का लाभ लक्षित वर्गों तक पहुंचाने के लिए यह आवश्यक है कि सभी विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें। डॉ. सैजल शुक्रवार को अनुसूचित जाति उपयोजना समीक्षा एवं क्रियान्वयन समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर सभी को ‘सही पोषण-देश रोशन’ की शपथ भी दिलाई। डॉ. सैजल ने कहा कि इस प्रकार की समीक्षात्मक बैठकों का आयोजन सरकार की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए पूर्ण बजट के साथ योजनाओं का कार्यान्वयन कर रही है अपितु यह सुनिश्चित बना रही है कि अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग से लक्षित वर्ग लाभान्वित हों। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण तालमेल आवश्यक है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ने उपायुक्त सोलन केसी चमन को निर्देश दिए कि ऐसी बैठकों में सभी विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित बनाई जाए। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि जन-जन के कल्याण की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए न केवल इन बैठकों को गंभीरता से लिया जाए बल्कि यह भी सुनिश्चित बनाया जाए कि सभी योजनाओं की पूर्ण जानकारी अधिकरियों को हो। उन्होंने कहा कि विभिन्न योजनाओं को अधिक से अधिक जनमित्र बनाने के लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों का पूर्ण सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए धन की कोई कमी नहीं है और आवश्यकतानुसार सोलन जिला को और अधिक धन उपलब्ध करवाया जाएगा। डॉ. सैजल ने अधिकारियों से आग्रह किया कि ऐसी बैठकों में योजनाओं का अधिक पारदर्शी एवं समयबद्ध बनाने के लिए लिखित सुझाव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि योजनाओं की धनराशि समय पर लक्षित वर्गों तक पहुंचनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि जन कल्याण के लिए सभी सामूहिक उत्तरदायित्व की भावना के साथ कार्य करें और योजना के विषय में लक्षित वर्गों को जागरूक बनाने के लिए नियमित अंतराल पर ग्राम पंचायत स्तर पर जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएं। उन्होंने कहा कि योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में प्रदेश सरकार के स्तर पर लिए जाने वाले निर्णयों को उचित स्तर पर प्रेषित किया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि वित्त वर्ष 2018-19 में सोलन जिला में अनुसूचित जाति उप योजना के तहत राज्य योजना एवं विशेष केन्द्रीय सहायता के तहत क्रमशः लगभग 45 करोड़ तथा 48 लाख रुपए का बजट प्रावधान किया गया था। केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के तहत 8.72 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। वित्त वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत लगभग 69 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सोलन जिला में 827 गांव ऐसे हैं जहां अनुसूचित जाति की जनसंख्या 40 प्रतिशत से अधिक है। 156 गांवों में 90 प्रतिशत या इससे अधिक की जनसंख्या अनुसूचित जाति से संबंधित है। दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने आग्रह किया कि विभिन्न योजनाओं की धनराशि समय पर लक्षित वर्गों के लिए खर्च की जाए। उन्होंने कहा कि लक्षित वर्गों तक योजनाओं के लाभ पहुंचाने के लिए व्यापक रणनीति के साथ कार्य किया जाना चाहिए। उपायुक्त सोलन केसी ने मुख्यातिथि का स्वागत किया और विश्वास दिलाया कि निर्देशानुसार कार्यों को पूर्ण किया जाएगा। उन्होंने विभिन्न विभागों से आग्रह किया कि योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए नियमित आधार पर विभागीय बैठकें आयोजित करें तथा योजनाओं का अनुश्रवण सुनिश्चित बनाएं। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि विकासात्मक कार्यों के लिए भूमि हस्तांतरण की विस्तृत जानकारी उन्हें उपलब्ध करवाएं ताकि कार्यों को गति प्रदान की जा सके। जिला कल्याण अधिकारी बीएस ठाकुर ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया। पुलिस अधीक्षक सोलन मधुसूदन शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी एनके शर्मा सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।