एतिहासिक पल का गवाह बनकर उत्साहित है सौमिल शर्मा
प्रधानमंत्री के साथ चंद्रयान-2 मिशन को नजदीक से देख कर अध्ययन करने के लिए देशभर से करीब 60 विद्यार्थियों को चयन किया गया।ओर 7 सितंबर को बेंगलुरू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जिला सोलन की ग्राम पंचायत दाड़लाघाट के गांव कोटला (स्यार) का बेटा सौमिल शर्मा चन्द्रमा पर चंद्रयान-2 के लैंडिंग कार्यक्रम का गवाह बना।ग्राम पंचायत दाड़लाघाट के गांव कोटला (स्यार) के रहने वाले सौमिल शर्मा डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट में दसवीं कक्षा का छात्र है।
ऐतिहासिक पल का गवाह बनकर उत्साहित है सौमिल शर्मा
सौमिल शर्मा ने कहा कि सचमुच में एतिहासिक पल था,क्योकि पीएम मोदी से मिलने का सपना साकार हो गया।ऎतिहासिक पल व नजदीक से नरेंद्र मोदी को देखने को लेकर अपने ऊपर गर्व महसूस हो रहा है।
कैसे हुआ सेलेक्शन
प्रधानमंत्री के साथ चंद्रयान मिशन को देखने के लिए ऑलइंडिया लेवल पर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी।चन्द्रमा पर चन्द्रयान-2 की लैंडिंग को बच्चो के साथ साझा करने और विज्ञान के प्रति लोगों की रुचि बरकरार रखने के लिए केंद्र सरकार ने ऑनलाइन क्विज़ करवाई।इसमे भाग लेने वाले प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से दो- दो बच्चो का चयन किया गया।जिसमे 20 प्रश्नो का जबाब 400 सेकेंड में देना था।सभी प्रश्न चंद्रयान से जुड़े विषय पर दिया गया था।सौमिल शर्मा की दादी रामकला शर्मा ने बताया कि सौमिल शर्मा शुरू से ही होनहार छात्रा है।सौमिल की माता डॉ मीना शर्मा भी आयुर्वेदिक चिकित्सक अधिकारी है व पिता डॉ देवराज शर्मा भी पशु चिकित्सालय बुघार में डॉक्टर है।
बहन की मानें तो भाई आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग बनेगा
सौमिल शर्मा की बहन सुहानी शर्मा ने बताया कि उन्हें अपनी भाई पर गर्व है कि उसने यह इसरो का क्विज क्वालीफाई किया ,जिसमें वह भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के साथ चन्द्रयान की लाइव लैंडिंग देखी। मुझे उम्मीद है कि मेरा भाई एक दिन आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग बनेगा।
400 सेकेंड में दिए 20 प्रश्नों के उत्तर
डीएवी अम्बुजा विद्या निकेतन दाड़लाघाट के सौमिल ने बताया कि ऑनलाइन क्विज़ में 600 सेकंड में 20 प्रश्नों के उत्तर देने थे,उसने 400 सेकंड में सारे प्रश्नों के जवाब दे दिए थे।25 अगस्त को ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी हुई,इस प्रतियोगिता में कक्षा 8 से 10 तक के बच्चो ने भाग लिया था।
सौमिल शर्मा की उपलब्धियां
सौमिल शर्मा के पिता डॉ देवराज शर्मा ने बताया कि इससे पहले भी सौमिल शर्मा ने डीएवी स्कूल न्यू शिमला में आयोजित इंटर स्कूल प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में अपना परचम लहराया है।जिसमें विभिन्न नामी स्कूलों की नौ टीमों ने भाग लिया।इस प्रतियोगिता में डीएवी अंबुजा दाड़लाघाट से सौमिल शर्मा तथा आशुतोष चाहल दसवीं कक्षा ने प्रथम स्थान हासिल कर स्कूल का तथा अपने अभिभावकों का नाम रोशन किया।वही सौमिल शर्मा बताता है कि विज्ञान में उसकी शुरू से ही रुचि रही,इसलिए जब इसरो की इस प्रतियोगिता के बारे में पता चला तो उन्होंने रजिस्ट्रेशन करवा दिया।28 अगस्त को फोन से सौमिल शर्मा को जानकारी मिली कि इसका चयन हो गया है।
रात 11:30 से 2:45 बजे तक जागते रहे परिवार के सदस्य
सौमिल शर्मा के पिता डॉ देवराज शर्मा ने बताया कि लैंडिंग के समय रात 11:30 से 2:45 बजे तक जब टीवी पर कार्यक्रम आयोजित होना था तो उस समय उनके साथ सौमिल शर्मा कि दोनों बुआ सुनीता शर्मा व मीरा शर्मा रात के समय उनके साथ मौजूद रही।वहीं उनके साथ उनके मित्र प्रेम शर्मा व उनके पड़ोसी भी उस समय मौजूद रहे।
सौमिल शर्मा के पिता डॉ देवराज शर्मा कहते हैं,मेरे लिए वह पल स्वर्णिम रहा,जब बेटे को प्रधानमंत्री से मिलने का मौका मिला।सौमिल ने बताया की उसे तीन अगस्त को इस प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का पता चला उसने उसी दिन इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पूरी तैयारी शुरू कर दी।इस तैयारी में उसका साथ उसके माता-पिता,अंबुजा विद्या निकेतन के अध्यापकों ने विशेष रुप से दिया। सौमिल शर्मा इस उपलब्धि से बहुत खुश है,उसका अगला सपना आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग करना है।
डीएवी स्कूल के प्रधानाचार्य मुकेश ठाकुर ने अपने स्कूल के छात्र सौमिल शर्मा के इसरो में इस ऐतिहासिक क्षण के गवाह बनने का मौका मिलने को स्कूल ही नही,पूरे हिमाचल के लिए बड़ी उपलब्धि बताया।