रामशहर में आयोजित किया किसान मेला, 300 किसानों को जल संरक्षण का दिया संदेश
कृषि विज्ञान केंद्र, सोलन और डॉ वाईएस परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी द्वारा बुधवार को रामशहर में जल संरक्षण और टमाटर दिवस का आयोजन किया गया। जल संरक्षण और पानी के विवेकपूर्ण उपयोग के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए केंद्र सरकार के जल शक्ति अभियान के तहत इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया था। इस अवसर पर नौणी विवि के कुलपति डॉ परविंदर कौशल मुख्य अतिथि रहे।विश्वविद्यालय के निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ राकेश गुप्ता, कृषि विज्ञान केंद्र सोलन के प्रभारी डॉ डीपी शर्मा, विश्वविद्यालय और केवीके के वैज्ञानिक डॉ उदय शर्मा, डॉ कुलदीप ठाकुर, डॉ राजेश ठाकुर, डॉ सीमा ठाकुर, डॉ बंटी शैला, डॉ आरती, डॉ डीडी शर्मा, क्षेत्र के पूर्व विधायक केएल ठाकुर, रामशहर पंचायत प्रधान वीरेंदर शर्मा, पंचायत प्रतिनिधि और बीडीसी सदस्य समेत विभिन्न पंचायतों के 300 से अधिक किसानों, जिसमें 105 वर्षीय देवी सिंह भी शामिल थे, इस अवसर पर डॉ कौशल ने जल शक्ति अभियान के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि क्षेत्र के जल संसाधनों पर पिछले कुछ दशकों में बहुत दबाव पड़ा है। उन्होनें सभी से जल संरक्षण और भू जल को रीचार्ज करने, पेड़ लगाने और पानी के सदुपयोग करने की अपील की। विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए डॉ कौशल ने सभी किसानों से कृषि विज्ञान केंद्र और विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों से संपर्क करने का आग्रह किया ताकि उनकी समस्याओं का समय पर समाधान किया जा सके। डॉ कौशल ने किसानों ने कहा कि प्रदेश और इस क्षेत्र बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन के लिए के अनुकूल है और हर मौसम में कोई न कोई सब्ज़ी उगाई जा सकती है। उन्होंने अधिक उपज से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अतिरिक्त फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण और ब्रांडिंग के लिए पोस्ट हार्वेस्ट प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर दिया। स्वयं सहायता समूहों की स्थापना का आह्वान करते हुए उन्होनें कहा कि किसानों को कुटीर उद्योग भी शुरू करने चाहिए जो उनके खेत की आय को और अधिक बढ़ा सकते हैं और दूसरों को रोजगार के अवसर भी प्रदान कर सकते हैं। डॉ कौशल ने कहा कि विश्वविद्यालय प्राकृतिक खेती में ब्लॉक के 50 किसानों को प्रशिक्षित करेगा और पांच किसानों की खेत में प्रदर्शन मॉडल भी स्थापित किए जाएगें। प्रतिभागियों को जल संरक्षण के लिए कृषि और बागवानी विभाग की विभिन्न योजनाओं, प्राकृतिक कृषि, सटीक सिंचाई और जल संरक्षण के लिए रणनीतियों और तरीकों पर तकनीकी व्याख्यान आयोजित किए गए। फलों, सब्जियों और फूलों, खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कीट और पादप रोग विज्ञान पर प्रदर्शनी भी लगाई गई। इस आयोजन में एक किसान वैज्ञानिक परिचर्चा भी आयोजित की गई जहाँ वैज्ञानिकों ने किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया।