सीएम सुक्खू पेश कर रहे बजट, सीएम सुक्खू ने शेर के साथ बजट की शुरुआत

न गिराया किसी को कभी न खुद को उछाला, कटा ज़िन्दगी का सफर धीरे धीरे
जहाँ आप पहुंचे छलांगें लगा लगा कर, मैं भी पहुंचा वहां धीरे धीरे..इन पंक्तियों के साथ सीएम सुक्खू ने अपने कार्यकाल का तीसरा बजट पेश करे की शुरुवात की। सीएम सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पर्यटन उद्योग को गति देने के लिए पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार एक अहम आवश्यकता बन गई है। पर्यटन कारोबारियों का मानना है कि इस क्षेत्र को और विकसित करने के लिए बजट में प्रचार-प्रसार के लिए विशेष प्रावधान होना चाहिए। सीएम सुक्खू ने कहा है कि देश के अन्य प्रमुख पर्यटन राज्यों के मुकाबले हिमाचल प्रदेश अपने पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार में पिछड़ा हुआ है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ-साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी हिमाचल के पर्यटन स्थलों का प्रचार करने के लिए एक सशक्त नीति की आवश्यकता है। आसपास के राज्यों जैसे कश्मीर और उत्तराखंड ने डिजिटल माध्यम का सहारा लेकर अपने पर्यटन स्थलों को प्रमोट किया है, जिससे इन राज्यों के पर्यटन उद्योग को बल मिला है। डिजिटल मीडिया के माध्यम से इन राज्यों ने अपने पर्यटन स्थलों का व्यापक प्रचार किया है, और अब हिमाचल प्रदेश को भी इस दिशा में कदम बढ़ाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी राज्य के विकास के लिए कई अहम योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कृषि और बागवानी क्षेत्र में कीटनाशकों के इस्तेमाल को कम करने की आवश्यकता जताई और वनों के संरक्षण पर जोर दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार 2026 तक हिमाचल को एक ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करेगी, और ई-बसों को बढ़ावा दिया जाएगा। सरकारी विभागों में भी ई-गाड़ियों को शामिल करने की योजना है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए पहली बार एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की घोषणा की गई है। यह कदम राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि पिछली सरकार से 76,185 करोड़ रुपये का कर्ज वर्तमान सरकार को विरासत में मिला है, जिससे बड़ी राशि इसके ब्याज के रूप में जा रही है। हालांकि, कृषि और संबंधित क्षेत्रों में 3.38 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है, और प्रति व्यक्ति आय में 9.6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो एक सकारात्मक संकेत है। इन तमाम पहलों से हिमाचल प्रदेश में न केवल पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा मिलेगी।