हिमाचल छात्रवृत्ति घोटाला: ED की दो और FIR, घेरे में 10 नए आरोपी

हिमाचल प्रदेश के चर्चित 250 करोड़ रुपये के छात्रवृत्ति घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा और कस दिया है। एजेंसी ने शिमला में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत दो नई एफआईआर दर्ज की हैं। इस नए घटनाक्रम में ईडी ने 10 और लोगों को आरोपी बनाया है। जांच एजेंसी इस मामले में पहले ही 30.5 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्ति को अस्थायी रूप से जब्त कर चुकी है। जब्त की गई संपत्तियों में नाहन, पंचकूला (हरियाणा) और अन्य स्थानों पर स्थित संपत्तियां शामिल हैं। ईडी ने यह गहन जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी।
दरअसल, यह मामला उच्च शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों को दी जाने वाली पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में हुई भारी गड़बड़ी से संबंधित है। सीबीआई की पड़ताल में यह सामने आया था कि कई शिक्षण संस्थानों ने धोखाधड़ी करके छात्रवृत्ति के फंड हासिल किए। ईडी की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एजेंसी को पता चला है कि संस्थानों ने छात्रों के फर्जी दस्तावेज और गलत जानकारी देकर छात्रवृत्ति की रकम प्राप्त की। यहां तक कि ऐसे छात्रों के नाम भी छात्रवृत्ति के लिए भेजे गए जो वास्तव में उन संस्थानों में किसी भी पाठ्यक्रम में नामांकित ही नहीं थे। ईडी पहले ही इस मामले में आरोपियों से लगभग 80 लाख रुपये नकद और विभिन्न बैंक खातों में जमा 2.80 करोड़ रुपये जब्त कर चुकी है। अब तक इस घोटाले में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और ताजा एफआईआर के साथ जांच और भी तेज होने की संभावना है।