पुलिस विभाग को न्याय न मिलना सिस्टम की खामी नहीं सरकार की नाकामी : राणा | Himachal News

जेसीसी की बैठक के बाद पुलिस विभाग लगातार सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आवाज़ उठा रहा है। इसी बीच पुलिस विभाग की समस्याओं को नजरअंदाज करने को लेकर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और सुजानपुर विधायक राजेंद्र राणा ने सरकार पर निशाना साधा है। राजेंद्र राणा का कहना है कि प्रदेश की जनता को हर तरफ से न्याय देने की जिम्मेदारी उठाए पुलिस विभाग की समस्याओं को सरकार नजरअंदाज न करे। अगर पुलिस विभाग को ही न्याय नहीं मिल रहा है तो यह सिस्टम की खामी नहीं, सरकार की नाकामी है। 7 रुपए प्रतिदिन की डाईट मनी देकर सरकार पुलिसकर्मियों से क्रूर मजाक कर रही है जो कि पुलिस कर्मियों के लिए न तर्कसंगत है न न्याय संगत और न ही सहन करने के काबिल है। लेकिन बीजेपी सरकार पुलिस की इस जायज मांग को लगातार नजरअंदाज कर रही है। राजेंद्र राणा का कहना है की पुलिस प्रशासनिक अधिकारी भी सरकार की घोर उपेक्षा को लेकर खासे नाराज हैं। सरकार पुलिस अधिकारियों की प्रमोशन को लेकर उपेक्षित व अडियल रुख अपनाए हुए है। राणा का कहना है कि पुलिस में एचपीएस स्तर के अधिकारियों की प्रमोशन 11 साल से लगातार रुकी है।
पुलिस प्रमुख संजय कुंडू की अध्यक्षता में सिस्टम में चल रहे असंतुलन को लेकर सरकार को गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार मूक और मौन बनी हुई है। आलम यह है कि डीएसपी व एडिशनल एसपी स्तर के 189 अधिकारी वर्षों से अपनी प्रमोशन की राह देख रहे हैं। इनमें डायरेक्ट भर्ती हुए डीएसपी, एडिशनल एसपी व प्रमोट होकर आए कांस्टेबल व सब-इंस्पेक्टर से डीएसपी बने अधिकारियों की फौज सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए देख रही है। राणा का कहना है कि विजिलेंस, सीआईडी, स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल सेंटर में अनुभव प्राप्त अधिकारियों की दरकरार है लेकिन सरकार इस समस्या से अनजान बनकर नई पोस्ट क्रिएट नहीं कर रही है। इस कारण से जुगाड़ व सिफारिश के आधार पर अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है, जबकि लम्बा अनुभव रखने वाली पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की फौज सरकार की इस घोर उपेक्षा से कुंठित व प्रताड़ित महसूस कर रही है। मौजूदा दौर में 34 एडिशनल एसपी के पदों की जरूरत है और जब यह पोस्टें क्रिएट होंगी तो इनकी प्रमोशन का रास्ता खुलेगा। इसलिए सरकार पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों की इस मांग व जरूरत को ध्यान में रखते हुए तुरंत कार्रवाई अमल में लाए। वहीं राजेंद्र राणा ने सवर्ण समाज की समस्या का भी सरकार को घेरते हुए कहा है कि इस मसले को जल्द हल करें अन्यथा सवर्ण समाज का बढ़ता आक्रोश समूचे समाज को तनावग्रस्त कर रहा है। सरकार अपनी जवाबदेही व जिम्मेदारी से लगातार भाग रही है। राणा का कहना है कि सवर्ण आयोग की मांगों को लेकर सरकार ने इस वर्ग से वायदा किया था लेकिन अब सरकार वायदा खिलाफी कर रही है।
Himachal Pradesh News | Himachal Politics