परागपुर : मनुष्य एक शक्तिपीठ का भी विधिवत पूजन कर ले तो उसका जीवन सफल होता है- सुमित शास्त्री
श्री शिव जगन्नाथ मन्दिर हार बाग पुली में पिछले दो दिनों से चल रही श्रीमद भागवत कथा के तीसरे दिन कथा व्यास पंडित सुमित शास्त्री ने वर्णन करते हुए कहा भगवती सती जब अपने पिता दक्ष के घर यज्ञ में पहुंची तब वहां भगवान शिव के लिए कोई भी स्थान ना देखकर बड़ी दुखी हुई और योगाग्नि प्रकट कर उसमें भसम हो गई। भगवती माता के जहां भी अंग पतन हुए वहां एक शक्तिपीठ बना। शास्त्रों में वर्णन आता कि जो भी मनुष्य एक शक्तिपीठ का भी विधिवत पूजन कर ले तो उसका जीवन सफल हो जाता है। माता सती का अगला जन्म हिमालय की पत्नी मेनका के यहां पार्वती के रूप में हुआ। ऐसा वर्णन आता है कि पार्वती ने स्वस्थानी माता का दिव्य व्रत अनुष्ठान किया और पति रूप भगवान शिव को पाया। कथा में जगदीश शर्मा अंकित आचार्य, पंडित पीयूष, संजू शर्मा, रक्षित, रूपलाल, सन्नी, सानवी, मानवी व रीना ने भाग लिया। कल यहां भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा।
