वाया भाग्यनगर दक्षिण में भाग्य चमकाने पर नज़र !

हिन्दुस्तान के इतिहास में पहले शायद ही किसी स्थानीय निकाय चुनाव की इतनी चर्चा हुई हो, जितना ख़ास ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव बन चुका है। ये चुनाव ख़ास इसलिए हैं क्योंकि विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी भाजपा ने इसमें सारी ताकत झोंक दी है। पहले शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हैदराबाद में रोड शो करते है, फिर शनिवार को फायर ब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रचार के लिए पहुंचते है और हैदराबाद बनाम भाग्यनगर की जंग शुरू करते है। वहीं रविवार को खुद गृह मंत्री अमित शाह प्रचार में उतरे और विवादों में रहे भाग्य लक्ष्मी मंदिर में पूजा अर्चना कर एक और नया संदेश देने की कोशिश की। स्पष्ट है भाजपा की नजर ध्रुवीकरण के रथ पर सवार होकर हैदराबाद के रास्ते पूरा दक्षिण भारत जीतने पर टिकी है।
बीजेपी और एआईएमआईएम आमने सामने
हैदराबाद में सीधा मुकाबला दिख रहा है बीजेपी ओवैसी की AIMIM में। ओवैसी वर्तमान में सबसे बड़े मुस्लिम नेताओं में है तो बीजेपी खुद को हिन्दुओं की सबसे बड़ी हमदर्द बताने से नहीं चूकती। ऐसे में ध्रुवीकरण तो होना ही है। पहली बार है जब किसी ने हैदराबाद में ओवैसी को खुलकर इस तरह चुनौती दी हो। देश के अन्य क्षेत्रों में भी ओवैसी की पार्टी मजबूत हो रही है। हाल ही में हुए बिहार चुनाव में भी उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है । यही कारण है कि भाजपा ने सीधे उनके घर में घुसकर उन्हें घेरने की रणनीति बनाई है। हालांकि यदि भाजपा का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा तो उसकी खूब किरकिरी होना तय है पर यदि भाजपा ठीक ठाक भी कर ले तो पूरे दक्षिण भारत की राजनीतिक तस्वीर बदल सकती है। वैसे इस चुनाव में यदि किसी का नुकसान होना तय है तो वो है केसीआर और बात करें कांग्रेस कि तो होना न होना ज्यादा मायने नहीं रखता।
आखिर क्यों इतना महत्वपूर्ण है ये चुनाव
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम देश के सबसे बड़े नगर निगमों में से एक है l यह नगर निगम 4 जिलों में है, जिनमें हैदराबाद, रंगारेड्डी, मेडचल-मलकजगिरी और संगारेड्डी आते हैं. इस पूरे इलाके में 24 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं और तेलंगाना के 5 लोकससभा सीटें आती हैं l यही वजह है कि ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में केसीआर से लेकर बीजेपी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी तक ने ताकत झोंक दी है. इसके अलावा इस नगर निगम का सालाना बजट लगभग साढ़े पांच हजार करोड़ का है l तेलंगाना की जीडीपी का बड़ा हिस्सा यहीं से आता है l यहां की आबादी लगभग 82 लाख लोगों की है l तो ऐसे में बीजेपी के ये तेवर लाज़मी है l दरअसल ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव को 2023 के तेलंगाना विधानसभा चुनाव का लिटमस टेस्ट माना जा रहा है l यहीं कारण है कि बीजेपी ने केसीआर और असदुद्दीन ओवैसी के मजबूत दुर्ग में अपने दिग्गज नेताओं की फौज उतार दी है l दक्षिण में अपनी पकड़ तेज़ करने का मौका इससे बेहतर कोई और नहीं हो सकताऔर बीजेपी ये बात बखूबी समझती है l
पिछले चुनाव में ये थी स्थिति
ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम कि 150 पिछले चुनाव में 99 सीटें तेलंगाना राष्ट्र समिति को मिली थी l असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम ने 44 सीटों पर जीत दर्ज की थी l बीजेपी को महज चार सीटों से संतोष करना पड़ा था मगर इस बार के प्रचार ने गेम को पूरी तरह पलट दिया है l बीजेपी ओवैसी के गड में अपनी पैठ बनाने में कामयाब होती नज़र आ रही है l