अध्यक्ष पद पर मजबूत चेहरा चाहिए, 'रबर स्टांप' नहीं : विक्रमादित्य सिंह

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को बदलने की अटकलों के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने पार्टी नेतृत्व से आग्रह किया है कि प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किसी प्रभावशाली और जनाधार वाले नेता को सौंपी जाए, न कि किसी "रबर स्टांप" को। विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदेश अध्यक्ष बनाए रखने या बदलने का निर्णय पूरी तरह पार्टी हाईकमान के विवेक पर है। उन्होंने कहा, “प्रतिभा सिंह को रखना है या नहीं, यह निर्णय पार्टी नेतृत्व को लेना है। लेकिन मैं इतना ज़रूर कहूंगा कि नया अध्यक्ष अगर बनाया जाता है तो वह ऐसा नेता होना चाहिए, जिसका दो-तीन जिलों में व्यक्तिगत प्रभाव हो और जो संगठन को मजबूती दे सके। रबर स्टांप जैसी नियुक्ति पार्टी के लिए नुकसानदेह हो सकती है।”
कार्यकारिणी गठन में देरी पर भी जताई चिंता
विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के गठन में हो रही देरी पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि यह कार्य बहुत पहले ही पूरा हो जाना चाहिए था। “हमारी अध्यक्ष प्रतिभा सिंह और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, दोनों ने यह मुद्दा पार्टी फोरम में उठाया है। अब केंद्रीय नेतृत्व को जल्द निर्णय लेना चाहिए।”
“संगठन में फ्रेश ब्लड और मास लीडरशिप ज़रूरी”
लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को आने वाले 15-20 वर्षों तक मजबूत बनाए रखने के लिए ज़रूरी है कि फ्रेश ब्लड और प्रभावी जननेताओं को संगठन में जगह मिले। “हमें ऐसे नेताओं को इम्पावर करना होगा जो जनमानस में लोकप्रिय हों और संगठन को गति दे सकें।”
प्रतिभा सिंह की भूमिका को किया सराहा
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि वे प्रतिभा सिंह की भूमिका का सम्मान करते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जब कांग्रेस विपक्ष में थी, उस कठिन समय में प्रतिभा सिंह ने मंडी लोकसभा उपचुनाव जीतकर पार्टी को मजबूती दी थी। “मैं स्वयं उस फैसले का हिस्सा था, जब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में कमान संभाली थी।”
सड़क निर्माण और भूमि अधिग्रहण पर फोकस
प्रदेश में सड़क निर्माण को लेकर विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि काम तेज़ी से चल रहा है और सभी डिवीजनों को तय समयसीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। “बिना वजह देरी करने वाले ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा और अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।”
उन्होंने बताया कि भूमि अधिग्रहण सड़क निर्माण में सबसे बड़ी बाधा बन रही है, और इसके समाधान के लिए पंचायती राज विभाग के साथ समन्वय ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि इस विषय पर मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी चर्चा की जाएगी।
तुर्किये की कंपनियों पर भी लिया सख्त रुख
तुर्किये की कंपनियों के खिलाफ बढ़ते विरोध पर विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देशहित सर्वोपरि है। “तुर्किये ने पाकिस्तान का खुला समर्थन किया है, जो हमारी आंतरिक सुरक्षा के लिए ख़तरा है। ऐसे में प्रदेश में कार्यरत तुर्किये की कंपनियों की समीक्षा कर आवश्यक निर्णय लिया जाएगा।"