मंडी में भाजपा धड़ाम, साथ ही टूट गए कई भ्रम
'बुलंदी देर तक किस शख़्स के हिस्से में रहती है, बहुत ऊँची इमारत हर घड़ी खतरे में रहती है'...मुनव्वर राणा का शेर मंडी में भाजपा की स्थिति पर सटीक बैठता है। 2014 में जो मंडी करीब चालीस हज़ार के अंतर से भाजपा की हुई थी, 2019 में चार लाख के अंतर से भाजपा की हुई। इस बीच 2017 भी आया जहाँ भाजपा ने जिला मंडी की दस में से नौ सीटें जीती और संसदीय क्षेत्र की 17 में से 13। इस साल हुए पंचायत और शहरी निकाय चुनाव में भी नगर निगम मंडी सहित अधिकांश क्षेत्रों में भाजपा का ही डंका बजा। पर 2021 जाते जाते भाजपा को आइना दिखा गया। मुख्यमंत्री लगातार कहते रहे की मंडी हमारी थी है और रहेगी लेकिन मंडी वालों ने सारा भ्रम तोड़ दिया। मंडी लोकसभा उपचुनाव में पूरा दमखम दिखाने के बावजूद भी मुख्यमंत्री भाजपा को जीत नहीं दिलवा पाए। राष्ट्रवाद और देशभक्ति के नारों के साथ मैदान में उतरी भाजपा इस दफे चूक गई। ये हार बड़ी इसलिए है क्योंकि मंडी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का गढ़ है। दो मंत्री रामलाल मारकंडा और गोविन्द सिंह ठाकुर भी इसी संसदीय क्षेत्र से आते है। भरपूर संसाधन और ज़बरदस्त प्रचार प्रसार के बावजूद भी भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा। अंतर बेशक कम रहा हो लेकिन भाजपा की इस हार की आवाज दिल्ली तक गुंजी है और अब गहन चिंतन मंथन के बाद समीक्षा भी दिल्ली दरबार में ही होगी।
मंडी संसदीय हलके के 17 निर्वाचन क्षेत्रों में से कई जगह पार्टी के विधायक पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे। 9 विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को बढ़त मिली। जिला मंडी के 9 में से आठ विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को बढ़त मिली पर नाचन में कांग्रेस आगे रही। जिला कुल्लू कि सभी चार, शिमला की एक, चम्बा की एक, लाहौल स्पीति और किन्नौर में कांग्रेस को लीड मिली। सुंदरनगर, बल्ह, करसोग विधानसभा क्षेत्र में भाजपा को लीड तो मिली लेकिन अपेक्षा से कम। यहाँ भाजपाई विधायक अपनी जमीनी पकड़ साबित नहीं कर पाए। विशेषकर सुंदरनगर विधायक राकेश जम्वाल से भाजपा अच्छी लीड की उम्मीद कर रही थी। विनोद कुमार, कर्नल इंद्र सिंह ठाकुर, जवाहर ठाकुर जैसे कई विधायक उपचुनाव में अपना दमखम नहीं दिखा पाए। जबकि मंडी सदर से यानि अनिल शर्मा के गढ़ से ब्रिगेडियर को 3 हजार से अधिक मतों की बढ़त प्राप्त हुई।
भाजपा के विधायक ही नहीं शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मार्कंडेय अपने-अपने हलके व गृह जिले में भाजपा की साख नहीं बचा पाए। दोनों के हलकों व जिलों में कांग्रेस प्रत्याशी को बढ़त मिली। लाहुल स्पीति के विधायक एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ रामलाल मार्कडेंय ने जिला परिषद के चुनाव में भाजपा को मिली हार से भी कोई सबक नहीं सीखा। प्रतिभा सिंह को मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर के गढ़ मनाली में भी 1841 मत अधिक प्राप्त हुए है। मंडी संसदीय सीट पर चुनाव के लिए भाजपा ने मंत्री महेन्दर सिंह को चुनाव प्रभारी बनाया था। पर लग रहा था मानो मंत्री जी को प्रचार प्रसार में बोलने के बजाए चुप रहने के लिए कहा गया था। दरअसल बीते कुछ समय में मंत्री जी के कई बयानों से भाजपा को काफी नुक्सान झेलना पड़ा है। शायद इसीलिए मंत्री प्रचार प्रसार से दूर दूर नज़र आए।
तो भाजपा के टिकट पर लड़ेंगे राणा
जोगिंद्र नगर में निर्दलीय विधायक प्रकाश राणा भी भाजपा के साथ ही है और उनके क्षेत्र में भाजपा को अच्छी लीड मिली है। यहाँ सात हज़ार से अधिक की लीड लेकर राणा ने अपनी काबिलियत सिद्ध की है। संभावित है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व राणा भाजपा में शामिल हो और अगली बार भाजपा टिकट पर चुनाव लड़े।
- विधानसभा क्षेत्र भाजपा कांग्रेस अंतर
- भरमौर 5893 21150 5257
- लाहौल स्पिति 5588 7734 2147
- मनाली 21251 23092 1841
- कुल्लू 21778 25675 3897
- बंजार 19713 21591 1878
- आनी 20922 27965 7043
- रामपुर 11552 31507 19555
- किन्नौर 12566 17543 4977
- नाचन 24422 26933 2511
- करसोग 20643 19230 1413
- सुंदरनगर 23761 21849 1912
- सराज 38394 18735 21659
- द्रंग 26352 23731 2621
- जोगिंद्रनगर 27993 20849 7144
- मंडी 22073 18827 3246
- बल्ह 22875 21919 956
- सरकाघाट 21109 19260 1849