छत्तीसगढ़ में किन मुद्दों ने कांग्रेस को दिखाया बाहर का रास्ता?
न किसी को उम्मीद थी न अंदेशा, और छत्तीसगढ़ में खेला हो गया। नतीजों के लिए गिनती जारी थी, रुझान आने शुरू हुए तो लगा कि इस बार भी कांग्रेस कि सरकार बनेगी और चर्चाएं होने लगी कि क्या सीएम भूपेश बघेल ही रहेंगे ? इस बार मंत्रिमंडल में किन किन नेताओं को जगह मिलेगी ऐसे तमाम सवाल थे जो राजनीतिक गलियारों में घूम रहे थे, लेकिन देखते ही देखते कब वक़्त बदल गया, कब जज्बात बदल गए पता ही नहीं चला। स्कोरबोर्ड पर भाजपा को लीड मिलती देख हर कोई दंग रह गया। 90 सीटों वाले छत्तीसगढ़ में भाजपा का अर्धशतक देख सभी सर्वे फेल हो गए और सभी एग्जिट पोल कि पोल खुल गयी और भाजपा ने छत्तीसगढ़ में खेला कर दिया।
चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की लहर थी। तमाम राजनीतिक विश्लेषक सियासी गुणा भाग कर ये आकलन कर बैठे थे कि इस बार छत्तीसगढ़ में बघेल सरकार रिपीट कर रही है। उधर बघेल सरकार भी ओवर कॉंफिडेंट थी। चुनाव बेहद नजदीक आ चुका था कि उसी समय छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक धमाका हुआ। नवंबर में ED ने सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा कि महादेव बेटिंग एप में एक ई-मेल से खुलासा हुआ है कि महादेव एप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल को 508 करोड़ रुपये की रिश्वत दी है। ये पैसे कांग्रेस पार्टी को चुनावी खर्चे के लिए दिए जा रहे हैं। हालांकि भूपेश बघेल ने इन सभी आरोपों से इनकार किया और इन्हें राजनीति से प्रेरित बताया, भाजपा ने भी मौके का फायदा उठाया और इस मुद्दे को ऐसा भुनाया कि बघेल सरकार के लिए महादेव एप घोटाला गले कि फांस बन गया। हर रैली हर जनसभा में मोदी ने महादेव का नाम जपा। नतीज़न 3 दिसम्बर को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के होश उड़ गए।
बघेल पाटन को पाटने में तो कामयाब रहे पर अपनी सरकार नहीं बचा पाए। छत्तीसगढ़ में डिप्टी सीएम समेत 9 मंत्रियों को करारी शिस्कत्त मिली। माहिर मान रहे है कि मोदी के नाम पर छत्तीसगढ़ में भाजपा को फायदा मिला है और ओवरकॉन्फिडेन्स ने कांग्रेस का खेल बिगाड़ा है। दूसरा महादेव कि कृपा भी बघेल सरकार पर नहीं बरसी और भाजपा ने बघेल सरकार का काम तमाम कर दिया।