सिरमौर: सीडीपीओ नाहन ब्लॉक के माध्यम जागरुकता शिविर आयोजित
** शिविर में स्कूली बच्चों सहित अन्य लोगों ने लिया भाग
चाइल्ड हेल्पलाइन यूनिट सिरमौर द्वारा सीडीपीओ नाहन ब्लॉक के माध्यम से जागरुकता शिविर लगाए जा रहे है। आज यह जागरुकता शिविर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पनार और राजकीय उच्च पाठशाला कोटला में लगाया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को पोषण माह के अंतर्गत बाल पोषण के बारे में और बच्चों के लिए बनी हेल्पलाइन तथा उनके अधिकारों/कानूनों व योजनाओं के बारे में जागरूक करना था।जागरुकता कार्यक्रम के दौरान सीडीपीओ कार्यालय से आई ब्लॉक कोर्डिनेटर (पोषण परियोजना) आरती देवी ने उपास्थित बच्चो व अध्यापकों को पोषण के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई । उन्होंने बच्चों के न्यूट्रिशन के बारे में जानकारी प्रदान की तथा बताया कि बच्चों को अपने सेहत को लेकर विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि शारीरिक रूप से वह मानसिक रूप विकसित हो सके। इसके पश्चात आंगनवाड़ी सुपरवाइजर वीर सिंह द्वारा आंगनबाड़ी के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न सेवाओं के बारे में जानकारी प्रदान की ।
जागरुकता कार्यक्रम में चाइल्ड हेल्पलाइन सुपरवाइजर सुरेशपाल ने कार्यक्रम चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 की विस्तृत जानकारी दी और बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन फोन सेवा 1098 के माध्यम से अनाथ अर्ध-अनाथ, स्कूल छोड़ चुके, घर से भागे हुए, मानसिक और शारीरिक रूप से अक्षम, छेड़छाड़ से पीड़ित व अन्य किसी भी कारण से शोषित बच्चों हेतु चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से दी जाने वाली सेवाओं की विस्तृत जानकारी के साथ साथ बच्चों के अधिकारों व कर्तव्यों के बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की गई। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन केस वर्कर राजेन्द्र सिंह द्वारा उपस्थित बच्चों को जेजे एक्ट 2015, पोक्सो अधिनियम 2012, बाल श्रम अधिनियम व बाल विवाह कानून के संबंध में भी बच्चों और अध्यापकों को जागरूक किया गया, साथ ही बच्चों को सुरक्षित और असुरक्षित स्पर्श के बारे में में उदाहरण सहित समझाया गया। बच्चो व अध्यापकों को सुखाश्र्य योजना और स्पॉन्सरशिप योजना के बारे में भी जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम मे सभी को बताया गया कि यदि किसी के द्वारा नाबालिक बच्चों को बहलाया-फुसलाया जाता है तो इसे किसी भी रूप में नजर अंदाज ना किया जाए उसकी सूचना चाइल्ड हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 1098 पर अवश्य दी जाए ताकि उसे जरूरतमंद और मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद की जा सके। इस कार्यक्रम में दोनो स्कूल के कुल 117 बच्चों, 11 अध्यापकों, 08 आंगनवाड़ी वर्कर्स ने सक्रिय रूप से भाग लिया ।