एक साल के कार्यकाल पर तपेगा तपोवन
हिमाचल प्रदेश सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इस एक वर्ष में सरकार ने क्या किया, क्या करना चाहा और क्या सरकार नहीं कर पाई, ये तमाम सवाल सरकार से तपोवन धर्मशाला में होने वाले विधानसभा के शीत सत्र में पूछे जाएंगे। विपक्ष सवाल दागेगा और सत्तापक्ष को हर सवाल का जवाब देना होगा। विपक्ष ने अभी से ही सुक्खू सरकार की विफलताओं को सदन में उठाने की रणनीति बना ली है।
चर्चा सरकार के एक साल पर होगी, अधूरी गारंटियों पर होगी, प्रदेश में आई आपदा पर होगी और हर उस मसले पर होगी जो हिमाचल प्रदेश की जनता के लिए महत्वपूर्ण है।
इस सेशन में केंद्र सरकार से राहत राशि नहीं मिलने के बावजूद प्रभावित परिवारों को मदद करने को कांग्रेस अपनी ढाल बनाएगी। इस बाबत 18 दिसंबर को धर्मशाला में कांग्रेस और 19 दिसंबर को भाजपा के विधायक दल की बैठक होगी। प्रदेश के अपने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावितों के लिए 4500 करोड़ रुपये का पैकेज जारी करने की बात भी प्रदेश सरकार और कांग्रेस सदन में बताएगी। केंद्र सरकार की ओर से आर्थिक मदद नहीं दिए जाने को भी कांग्रेस विधायक हथियार के तौर पर प्रयोग करेगी।
उधर, भाजपा विधायक केंद्र सरकार से विभिन्न मदों के तहत जारी हुई आपदा राहत राशि को मुद्दा बनाकर सरकार को घेरेंगे। सुक्खू सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल के दौरान विकास कार्य नहीं होने, कर्मचारी वर्ग को देय वित्तीय लाभ नहीं मिलने को लेकर भाजपा विधायकों ने हंगामा करने की तैयारी की है। भाजपा विधायकों ने सड़क, स्वास्थ्य और कानून व्यवस्था से जुड़े कई सवाल लगाकर भी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने की तैयारी की है। वही विधानसा में विपक्ष कांगड़ा से भेदभाव के मुद्दों को भी धार देगा। बीजेपी प्रदर्शन से भी माहौल बनाएगी और विधानसभा सत्र में हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की 30 करोड़ की धनराशी जमा करवाने, कांगड़ा के क्रशरों को बंद कर विकास पर ब्रेक लगाने, कोविड आउटसोर्स कर्मचारी की बहाली जैसे मुद्दे भी उठाएगी।
चार से पांच लेयर में होगी सुरक्षा
बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र पांच दिनों तक चलेगा। इस सत्र में निजी कार्य दिवस भी शामिल है। हर बार की तरह इस बार भी हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र धर्मशाला स्थित तपोवन में होगा। इस बार तपोवन विधानसभा परिसर की सुरक्षा व्यवस्था चार से पांच लेयर में होगी। साथ ही दर्शक दीर्घा में बैठने वाले तमाम अधिकारियों-कर्मचारियों, मीडिया कर्मियों व अन्य लोगों की जानकारी पुलिस के पास रहेगी। इसके अलावा परिसर में मंत्रियों के कमरों तक फरियाद लेकर पहुंचने वालों के पहचान पत्र भी पुलिस जवानों की ओर से जांचे जाएंगे। हाल ही में दिल्ली संसद में चल रहे सत्र के दौरान सुरक्षा व्यवस्था में चूक सामने आई थी। इस तरह की कोई चूक तपोवन में होने वाले शीत सत्र के दौरान सामने न आए, इसके लिए बोर्ड ऑफ आफिसर्स की कमेटी गठित की गई है। वहीं विधानसभा सत्र के दौरान धर्मशाला शहर से लेकर विस परिसर तक करीब 1,000 पुलिस जवान सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। विस ड्यूटी के लिए प्रदेश की विभिन्न बटालियनों से जवान 17 दिसंबर को धर्मशाला पहुंच जाएंगे।