स्वीपर से असिस्टेंट एंटोमोलॉजिस्ट बनी ये महिला, कड़ी मेहनत से हासिल किया ये बड़ा मुकाम
कहते है मेहनत और योग्यता आपको आसमान की बुलंदियों तक पहुंचा सकती है। इस कहावत को सच कर दिखाया हैदराबाद की एक महिला ने, जो पढ़ी लिखी होने के बावजूद अपने बद्दतर हालातों की वजह से एक स्वीपर के तौर पर काम करने को मजबूर हो गई थी। हम बात कर रहे हैं हैदराबाद की पोस्ट ग्रेजुएट स्वीपर अंबी रजनी की। आज अंबी रजनी सिर्फ एक स्वीपर नहीं बल्कि सहायक कीटविज्ञानी बन चुकी हैं।
दरअसल, अंबी रजनी तेलंगना के वारंगल जिले की रहने वाली हैं। उनका जन्म खेतिहर मजदूरों के परिवार में हुआ था। गरीब परिवार में जन्मी अम्बी रजनी ने बचपन से ही आर्थिक समस्याओं का सामना किया, बावजूद इसके उन्होंने माता पिता के सहयोग से अपनी पढ़ाई पूरी की। अम्बी रजनी ने साल 2013 में ऑर्गेनिक केमिस्ट्री में एमएससी किया और फर्स्ट ग्रेड के साथ पास हुईं। इज़के बाद रजनी ने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी से पीएचडी के लिए क्वालीफाई भी किया। हालांकि इस दौरान उनकी शादी हो गयी और वह पढ़ाई को जारी न रख सकीं। अंबी की शादी एक वकील के साथ हुई और वह बाद में अपने पति के साथ हैदराबाद में शिफ्ट हो गईं।
अंबी के दो बच्चे हैं। शादी के बाद भी अंबी ने अपने सपनों को नहीं छोड़ा और सरकारी नौकरी पाने के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होती रहीं। अंबी रजनी पर दुखों का पहाड़ तब टूटा जब उनके पति बीमार हो गए। कार्डियक समस्या की वजह से उनके पति बिस्तर पर चले गए। इसके बाद अंबी के परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गयी। दो बच्चे, एक सास और एक बीमार पति इन सबकी जिम्मेदारी अंबी रजनी के कंधों पर आ गई। घर चलाने के लिए रजनी ने सब्जी बेचना शुरू कर दिया पर इतनी कमाई नहीं हो पाती थी कि परिवार का खर्च चल सके। फिर अंबी रजनी ने जीएचएमसी में कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर स्वीपर की नौकरी शुरू की। इसके लिए उन्हें 10,000 रुपये वेतन में मिलने लगे।
बतौर स्वीपर काम कर रही रजनी की काबिलियत छुपने वाली नहीं थी। एक तेलुगु दैनिक में रजनी के बारे में रिपोर्ट आई जिस पर तेलंगाना के नगर प्रशासन मंत्री के.टी. रामा राव की नजर पड़ी। उन्होंने रजनी के बारें में जानकारी पता करने के निर्देश दिए। जिसके बाद रजनी की क्रेडेंशियल को वेरीफाई कराया गया। सभी कुछ सही पाए जाने के बाद मंत्री ने रजनी को अपने कार्यालय बुलाया जहां मंत्री ने रजनी को उनकी योग्यता के मुताबिक कीट विज्ञान विभाग में सहायक कीटविज्ञानी के रूप में नौकरी ऑफर की।