भारत का कोरोना वायरस से कोरोना वैक्सीन तक का सफर : 30 जनवरी 2020 को आया था पहला मामला
30 जनवरी, भारत में आज ही के दिन एक साल पहले कोरोना वायरस का पहला केस दर्ज किया गया था। आज भारत को कोरोना से लड़ते हुए पूरा 1 साल हो गया है। 30 जनवरी 2020 को पहले केस के बाद, कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या आज 30 जनवरी 2021 को 1 करोड़ 7 लाख के पार पहुंच गई है। देश में कोरोना वैक्सीन का महाअभियान चल रहा है। अब तक लाखों लोगों को टीका लग चूका है धीरे धीरे देश के हर कोने तक ये अभियान पहुंच जाएगा। हालांकि, देश ने कुछ हद्द तक कोरोना को मात दे दी है, पर ये कोरोना वायरस से कोरोना वैक्सीन का सफर भारत और भारतीयों के लिए इतना भी आसान नहीं था। कोरोना वायरस ने लोगों के जीने का तरीका बदल दिया। अधिकांश लोगों की दिनचर्या बाधित हो गई। लॉकडाउन ने आर्थिक गतिविधियों में कमी, नौकरी के अवसरों की हानि, आर्थिक मंदी और प्रत्येक नागरिक के लिए कठिनाई पैदा की। पर फिर भी देश के नागरिकों, कोरोना वरीयर्स और साइंटिस्ट्स ने हार नहीं मानी। देश लड़ा और आज लगभग कोरोना को मात देने की कगार पर है।
केरल में आया था पहला मामला
भारत मे कोरोना का पहला मामला केरल में दर्ज हुआ था। फरवरी में चीन के वुहान से लौटे कुछ विद्यार्थी कोरोना संक्रमित पाए गए। मार्च तक पहुंचते-पहुंचते कोरोना संक्रामितों का आंकड़ा 1000 के पार हो गया। कोरोना के आंकड़े को 500 से 1000 तक पहुंचने में केवल 5 दिन लगे, जबकि 100 से 500 तक पहुंचने में 9 दिन और 100 तक पहुंचने में 45 दिन लगे। हालांकि, मार्च में संक्रामितों की संख्या कुछ हद तक कम थी, पर Sars-CoV-2 पर अध्ययन कर रहे वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया कि देश में जुलाई 2020 तक ये संख्या लाखों के पार पहुंच जाएगी और लाखों मौतें हो सकती हैं।
यहां से हुआ पहला बड़ा कोरोना धमाका
मार्च में कोरोना का पहला सुपर स्प्रेड हुआ। इटली और जर्मनी से लौटे धर्म गुरु का 10 से 12 मार्च के बीच पंजाब के आनंदपुर साहिब में घूमना भारत मे पहला बड़ा कोरोना धमाका साबित हुआ। यहां 27 लोग संक्रमित हुए। साथ ही इस के बाद 20 गांवों के करीब 40 हज़ार लोगों को क्वारंटाइन कर दिया गया। उसके बाद मार्च के मध्य में हुआ तबलीगी जमात का कार्यक्रम देश का सबसे बड़ा स्प्रेड इवेंट रहा। यहां से यूपी, बिहार, बंगाल आदि राज्यों में संक्रमण तेज़ी से बढ़ा।
इस दिन लगा पहला लॉकडाउन
मार्च के अंत तक आते-आते सरकार अच्छे से समझ गई थी स्थिति गंभीर हो गई है। 25, मार्च 2020 को देश के पहले लॉकडाउन का ऐलान हुआ। पहले ये लॉकडाउन केवल 21 दिनों के लिए लगाया गया था, पर कोरोना का ऐसा विस्फोट हुआ जिसका किसी को अंदाज़ न था। जब तक अप्रैल में पहुंचे देश मे कोरोना संक्रामितों की संख्या मार्च से 23 गुना ज्यादा बढ़ गई थी। 14 अप्रैल 2020 को देश मे पहली बार 24 घंटों में एक हज़ार से ज़्यादा 1463 मामले दर्ज किए गए। अप्रैल के अंत में ये संख्या और भी बडीह गई, 30 अप्रैल को 1901 लोग संक्रमित पाए गए।
पहली बार दर्ज की गई थी 100 से ज़्यादा मौतें
लॉकडाउन के बावजूद भी देश मे संक्रमण रुकने का नाम नहीं ले रहा था। रोज़ 6 से 7 हज़ार मरीज़ सामने आ रहे थे। मई के पहले हफ्ते में देश मे पहली बार 100 से अधिक मौतें दर्ज की गई। 5 मई 2020 को देश में पहली बार 194 मरीजों की मौत हुई। मई के अंत तक पहुंचते पहुंचते देश में संक्रामितों कई संख्या एक लाख पार कर गई। 31 मई तक देश मे लॉकडाउन खत्म कर अनलॉक 1.0 का ऐलान हुआ।
अनलॉक के साथ बढ़े मामले
1 जून से अनलॉक की शुरुआत हुई और इसी के सतह कोरोना मामलों में भी बढ़ोतरी होने लग गई। जहां 1 जून को देश में 24 घण्टों में 8 हज़ार के करीब मामले आए थे वहीं ये 30 जून तक प्रतिदिन 18 हज़ार से अधिक मामलों तक पहुंच गया। मौतों की संख्या भी 1 जून को 230 से 30 जून को 418 तक पहुंच गई। जुलाई के अंत तक पहुंचते-पहुंचते प्रतिदिन आने वाले मामलों की संख्या करीब 3 गुना तक बढ़ गई। प्रतिदिन दिन 50 हज़ार के करीब मामले आने लगे। वहीं 23 जुलाई को देश मे पहली बार एक साथ 1129 मौतें दर्ज की गईं।
50 फीसदी बढ़ी मौतें, 1 लाख के करीब पहुंचे रोज़ाना आने वाले केस
अगस्त में भारत में कोरोना के 19 लाख 87 हजार 705 केस मिले और 28,859 मौतें हुईं। मौतों का यह आंकड़ा पिछले माह से दोगुना था। अगस्त के पहले दिन 54,735 केस और 31 अगस्त को 78,761 केस दर्ज हुए। अगस्त में रोज़ाना औसतन 800-900 मौतें दर्ज हुईं। सितंबर में कोरोना के मामले रोजाना 70 हजार से करीब एक लाख तक पहुंच गए। 17 सितंबर को रिकॉर्ड 97,984 केस सामने आए। इस दौरान कुल मौतों की संख्या भी 1 लाख के करीब पहुंच गई थी।
कम होने लगा कोरोना का कहर
3 अक्टूबर तक देश में कोरोना से कुल मौतों का आंकड़ा 1 लाख पार कार चूका था पर महीने के अंत तक रोज़ाना मौतों का आंकड़ा घटने लगा। नवंबर का महीना देश के लिए रहत भरा रहा। रोजाना औसतन मामले 45 से घटकर 38 हजार पर आ गए। मौतें भी रोजाना 400-450 तक आ गईं। कोरोना के घटते ग्राफ के बीच 18 दिसंबर को भारत में कुल केस एक करोड़ के पार हो गए। चौंकाने वाली बात सामने आई कि देश के महज 47 जिलों में ही करीब 50 फीसदी केस थे। कुल मौतों में करीब 50 फीसदी 24 जिलों में पाई गईं।
वैक्सीन तक पहुंचा भारत
2020 ख़तम हुआ और 2021 देश के लिए नई उम्मीद की किरण लेकर आया। देश में शुरू हुई वैक्सीन की खोज को दिशा मिली और इसके आपातकालीन इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई। 16 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान का शुभारम्भ किया। आज देश में करीब 33 लाख लोगों को टीका लग चूका है। और यह अभियान ज़ोरों शोरों से आगे बढ़ रहा है। धीरे धीरे ज़िन्दगी पटरी पर पहुंच गई है।