कुछ भी कर ले सरकार, नहीं टूटेगा युवा कांग्रेस का आत्मविश्वास : निगम भंडारी
महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार, आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति, करुणामूलक आधार पर नौकरी की मांग रहे लोगों की नियुक्तियों समेत कई मांगों को लेकर हिमाचल यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने धर्मशाला में एक विशाल रैली निकाली। इस दौरान उन्होंने तपोवन में चल रहे शीतकालीन सत्र के तहत विधानसभा में सरकार का घेराव करने के लिए विधानसभा की ओर कूच किया। जोश से भरे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हुई जिसमें युवा कांग्रेस के कई कार्यकर्ता घायल हुए जिसे कांग्रेस खूब भुनाने में लगी है। इस झड़प के बाद से कांग्रेस सरकार पर जनता की आवाज दबाने की कोशिश करने के आरोप लगा रही है और जाँच की मांग भी की जा रही है। क्या है पूरा मसला और क्या चाहते है युवा कांग्रेस के कार्यकर्त्ता इसको लेकर फर्स्ट वर्डिक्ट मीडिया ने युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी से ख़ास बातचीत की। पेश है बातचीत के कुछ मुख्य अंश.....
सवाल : प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन युवा कांग्रेस ने विधानसभा का घेराव किया आपसे जानना चाहेंगे कि क्या वजह रही कि युवा कांग्रेस को सड़क पर उतरना पड़ा ?
जवाब : वजह तो कई है पर इस सरकार को एक भी दिखाई नहीं देती। भाजपा सरकार के इस कार्यकाल में जनता त्रस्त है और सरकार मस्त। सरकार प्रदेश में बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी से निपटने में पूरी तरह असफल साबित हो रही है। सरकार की न तो कोई दिशा है और न ही कोई दशा। सरकारी खजाना खाली पड़ा है और सरकार चुनावों के मद्देनजर लोगों को हवा हवाई सपने दिखा रही है। घोषणाओं पर घोषणाएं की जा रही है मगर अब तक पिछले वादे भी पूरे नहीं हुए है। यही कारण रहा युवा कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता विधानसभा के बाहर इकट्ठा हुए ताकि सरकार को उन अधूरे वादों की याद दिलाई जा सके जिन्हें भुना कर इस सरकार ने वोट इक्कठे किये थे। आप ही देख लीजिये हिमाचल प्रदेश में अनगिनत बेरोजगार है और हिमाचल प्रदेश की जनता महंगाई से त्रस्त है। सरकार ने प्रदेश के किसानों से वादा किया था कि उन्हें उनकी फसलों के उचित दाम मिलेंगे जो अब तक अधूरा है, बागवान सरकार से परेशान हैं। कर्मचारियों को राहत पहुंचाने में सरकार असफल रही है। पुलिस कर्मचारियों की मांगों को दरकिनार कर दिया गया है। एक तरफ जहां सरकार ने अनुबंध काल को घटाकर 3 वर्ष से 2 वर्ष कर दिया वहीं पुलिस कॉन्स्टेबल का जो मुद्दा है उस पर सरकार कोई निर्णय नहीं ले पाई है और ना ही आगे लेने के बारे में कुछ सोच रही है। वो पुलिस कांस्टेबल जो कोविड काल के दौरान भी अपनी सेवाएं देते रहे मगर सरकार को उनके प्रति भी कोई सहानुभूति नहीं है। पुलिस कॉन्स्टेबल खुद आंदोलन नहीं कर सकते इसीलिए उनके परिवारजनों ने आंदोलन किया, परन्तु उन पर भी सरकार ने एफआईआर कर दी जो कि बिल्कुल गलत है। पुलिस कांस्टेबल के परिवारों पर सरकार द्वारा झूठे मुकदमे किए गए। सरकार भले ही अपने वादे भूल गई हो लेकिन हमें सब कुछ याद है। प्रदेश की जनता को सब कुछ याद है। जो जिम्मेदारी राष्ट्रीय कांग्रेस ने युवा कांग्रेस हिमाचल प्रदेश को सौंपी है उसका निर्वहन करते हुए यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि प्रदेश की जनता की आवाज हम समय-समय पर सरकार तक पहुंचाते रहे। इसीलिए युवा कांग्रेस के तमाम कार्यकर्ताओं ने यह निर्णय लिया कि इस बार हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र का घेराव कर कर सरकार को यह याद दिलाया जाए कि उनके कई वादे अब भी अधूरे है ।
सवाल : युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके साथ मारपीट हुई क्या ये सत्य है ?
जवाब :14 दिसंबर 2021 को जो विधानसभा का घेराव युवा कांग्रेस ने किया उसमें सरकार के इशारों पर युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर अत्याचार हुआ। कार्यकर्ताओं के साथ धक्कामुक्की हुई, उनको घसीट कर ले जाया गया जिसका वीडियो भी सामने है। इतना ही नहीं सरकार ने हमारे कई साथियों पर विभिन्न धाराएं भी लगाई है उन पर केस भी दर्ज किये। इसके बाद भी इनको तस्सली नहीं हुई और सरकार ने नई बात ये कही है कि युवा कांग्रेस ने पुलिस कर्मचारियों पर हमला किया जिसमे एक पुलिस कांस्टेबल भी जख्मी हुई है। मैं बता दूँ कि ऐसा कुछ भी नहीं था। हमें पता है कि हमारी लिमिटेशंस कितनी है और यह आरोप कि किसी लेडी पुलिस कर्मी की बाजू कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने तोड़ी यह आरोप निराधार है। परन्तु इस प्रकार की धाराएं लगा कर सरकार युवाओं का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रही है। मैं सरकार को ये चेतावनी देना चाहता हूँ कि हम कांग्रेस पार्टी के सिपाही है। हम राहुल गाँधी के सिपाही है उनकी विचारधाराओं से जुड़े है और निरंतर युवाओं की आवाज को उठाते रहेंगे और जन विरोधी नीतियों का खुलकर विरोध भी करेंगे।
सवाल : वन मंत्री राकेश पठानिया का कहना है कि युवा कांग्रेस का ये प्रदर्शन पूरी तरह से फ्लॉप शो रहा, आपका इसपर क्या कहना है?
जवाब : देखिये यही तो इस सरकार की सबसे बड़ी खामी है, इन्हें असल मुद्दा दिखता ही नहीं है। वन मंत्री राकेश पठानिया ने ये जो टीका टिप्पणी की है उसका कोई आधार नहीं है। वन मंत्री ने कहा कि युवा कांग्रेस के पास हज़ार युवा भी नहीं है। मैं वन मंत्री जी को बताना चाहूंगा कि वो महज़ चार युवा थे या हज़ारों, ये प्रदेश की जनता बखूबी जानती है। हज़ारों की तादाद में दाढ़ी मैदान से पदयात्रा कर 5 किलोमीटर चल कर युवा वहां पहुंचे थे। युवाओं का आक्रोश सरकार ने आँखे खोल कर देखा। परन्तु वन मंत्री अभी भी आप संख्या में फंसे हुए है। हमारी संख्या जानने के बजाए अगर वो काम करते तो आज भाजपा डबल इंजन होने के बावजूद 4-0 से न हारती। ये 4-० भाजपा सरकार के गाल पर जनता की ओर से करारा तमाचा है जिससे उन्हें सीख लेनी चाहिए। जनता ने उन्हें चुन कर भेजा है, उनकी समस्याओं को हल करने के लिए इस सरकार को काम करना चाहिए। अभी भी उनका ध्यान इसी बात पर रहता है कि कांग्रेस किस मुद्दे को उठा रही है, उनको कैसे भ्रमित किया जाए। कांग्रेस लगातार आम जन मानस की आवाज़ को उठा रही है, उससे पब्लिक का ध्यान कैसे भटकाया जाए। खैर, युवा कांग्रेस का घेराव किस हद तक प्रभावी रहा इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मंत्री को युवा कांग्रेस के घेराव पर टिप्पणी करनी पड़ रही है ।
सवाल : हाल ही में हुए चार उपचुनावों में युवा कांग्रेस की एक अहम भूमिका देखने को मिली है, अब आगामी शिमला नगर निगम को लेकर आपकी क्या रणनीति है और 2022 की तैयारी कब शुरू करेंगे ?
जवाब : प्रदेश में उपचुनावों से पहले जो चार नगर निगम चुनाव थे उनमे चार में से दो में कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। वहां पर भी सभी ने देखा था कि युवा कांग्रेस कि टीम किस तरह ग्राउंड लेवल पर काम करती है। सरकार के असफल कार्यकाल की जानकारी और सरकार की गलत नीतियों के बारे जनता को घर घर जाकर युवा कांग्रेस ने अवगत करवाया। लोगों की बातें सुनी उनकी आवाज़ बनें जिसका नतीजा रहा कि चार में से दो नगर निगम कांग्रेस के हुए। राजा वीरभद्र सिंह द्वारा जितने भी डेवलपमेंट के कार्य किये गए है उन्हें जनता तक पहुँचाने का काम युवा कांग्रेस करती है। उपचुनाव में भी युवा कांग्रेस के कार्यकर्त्ता पूरी ईमानदारी से पार्टी की जीत के लिए काम करते रहे। नतीजन चारों सीट पर कांग्रेस काबिज हुई। शीर्ष नेतृत्व के मार्गदर्शन पर युवा कांग्रेस काम करती है। हमारा लक्ष्य आने वाला 2022 का विधानसभा चुनाव है। आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में 15 लाख से अधिक युवा बेरोज़गार है। 5 लाख युवाओं की नौकरी कोरोना काल में चली गयी है। मगर ये सरकार किसी कि सुध नहीं ले रही।
सवाल : मंडी लोकसभा के उपचुनाव में अपने कांग्रेस के टिकट पर अपनी दावेदारी पेश की थी, क्या आप 2022 का चुनाव लड़ेंगे ?
जवाब : कांग्रेस हाईकमान जो आदेश करेगा हम वो करेंगे। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि यदि कोई युवा साथी आने वाला 2022 का चुनाव लड़ना चाहता है वो लगातार जनता की समस्याओं को अपने विधानसभा क्षेत्र में उठाता रहे, ज़मीनी स्तर पर कार्य करता रहे। जनता के बीच में जाए उनके सुख दुःख में उनका साथ दे। टिकट किसको देना है किसको नहीं, चुनाव कौन लड़ेगा कौन नहीं ये शीर्ष नेतृत्व को तय करना है। शीर्ष नेतृत्व ने हमें पूरा विश्वास दिलाया है कि युवा कांग्रेस के साथियों को इस विधानसभा चुनाव में मौका मिलेगा और जहाँ तक मेरी बात है मैं पिछले विधानसभा के चुनाव में भी टिकट का दावेदार था। मैने टिकट के लिए आवेदन किया था पर मुझे टिकट नहीं मिला था तो शीर्ष नेतृत्व के आदेशानुसार मैंनेकाम किया। जो भी पार्टी का निर्णय रहता है वो मेरे लिए सर्वोपरि है। इस बार भी हम एक प्रकिय्रा के तहत अपना आवेदन करेंगे। ये लोकतान्त्रिक है यदि शीर्ष नेतृत्व को लगेगा कि हमें ये चुनाव लड़वाना है तो हम लड़ेंगे,अगर शीर्ष नेतृत्व कहेगा कि अभी आपकी जगह हम किसी और को मौका दे रहे है तो भी हम उनके निर्णय के साथ खड़े रहेंगे।