है तैयार हम : किसी भी संभावित खतरे से लड़ने के लिए प्रदेश तैयार
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल की पहचान उन चुनिंदा नेताओं में होती है जिनका राजनैतिक करियर स्वच्छ और बेदाग है। सैजल उन नेताओं में से है जो अधिक बोलने में नहीं अपितु चुपचाप अपना कार्य करने में यकीन रखते है। शत प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना और अब दूसरी डोज हो या बच्चों की वैक्सीनेशन, हिमाचल निरंतर आगे बढ़ रहा है। इसका बहुत बड़ा श्रेय प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ राजीव सैजल को जाता है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति, कोरोना की तीसरी लहर के बढ़ते खतरे सहित कई अहम् मसलों पर फर्स्ट वर्डिक्ट ने डॉ राजीव सैजल से विशेष बातचीत की। सैजल ने पूरी ईमानदारी के साथ कमियों को भी स्वीकार किया, उपब्धियों पर भी प्रकाश डाला और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार के ब्लू प्रिंट को भी साझा किया। पेश है बातचीत के मुख्य अंश....
सवाल : हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 15 से 18 वर्ष के किशोरों के लिए वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है, इस अभियान को अब तक कितनी सफलता मिल पाई है ?
जवाब : ये वैक्सीनेशन अभियान जो हिमाचल प्रदेश में चलाया जा रहा है उसके लिए मैं सर्वप्रथम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करना चाहूंगा जिन्होंने प्रदेश के लिए फ्री वैक्सीन उपलब्ध करवाई। अब बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन शुरू हो गई है और प्रदेश में 15 से 18 के वर्ष तक के अधिकतर बच्चों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। ये अभिभावकों की सबसे बड़ी चिंता थी। देश की जनता में ये भय था कि तीसरी लहर जब आएगी तो वो बच्चों को ज़्यादा प्रभावित करेगी। मैं समझता हूँ कि वैक्सीन लगने के बाद बच्चों को कोरोना से सुरक्षा मिल पाएगी।
सवाल : प्रदेश में लगातार कोरोना का खतरा बढ़ रहा है। अभी तक प्रदेश में ओमीक्रॉन के ज़्यादा मामले नहीं आए है पर यदि प्रदेश में ओमीक्रॉन के मामले ज़्यादा बढ़ते है तो इसके लिए क्या सरकार तैयार है ?
जवाब : अब तक प्रदेश में ओमीक्रॉन के ज्यादा मामले सामने नहीं आए है। परन्तु जिस तरह से पडोसी राज्यों में लगातार ओमीक्रॉन के मामले बढ़ रहे है, और देश में भी ओमीक्रॉन का खतरा बढ़ रहा है ये हमारे राज्य के लिए भी चिंता का विषय है। अगर प्रदेश में इस संक्रमण के मामले बढ़ते है तो इसके लिए हम पूरी तरह से तैयार है। अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता हो या ऑक्सीजन की हिमाचल में सब उपलब्ध है। आज 41 पीएसए प्लांट्स हिमाचल प्रदेश में फंक्शनल है जो की पर्याप्त है। साथ ही मैन पावर, होम आइसोलेशन को लेकर तैयारियां, प्रदेश में क्वारंटाइन सेंटर्स की उपलब्धता, ज़रूरी इक्विपमेंट और अपरेटस की उपलब्धता, ऑक्सीजन कंस्ट्रेटर्स और वेंटिलेटर्स की संख्या सब कुछ सुनिश्चित किया गया है। हमने दूसरी लहर के तुरंत बाद ही तीसरी लहर के लिए तैयारियां करना शुरू कर दिया था। भविष्य में किसी भी संभावित खतरे से लड़ने के लिए हम पूरी तरह तैयार है।
सवाल : ओमीक्रॉन वैरिएंट की टेस्टिंग के लिए प्रदेश में कोई लैब नहीं है। सैंपल दिल्ली जाते है और वहां से रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता है। क्या हिमाचल में इस तरह की कोई लैब सरकार के इस कार्यकाल में प्रस्तावित है ?
जवाब : ओमीक्रॉन की टेस्टिंग के लिए पूरे देश में केवल 12 या 13 टेस्ट लैब्स ही है। जीनोम सीक्वेंसिंग जो ओमीक्रॉन की जांच के लिए की जाती है ये बेहद पेचीदा प्रोसेस है, जो बहुत कम लैब्स में हो रही है और इन्हीं लैब्स के साथ अलग-अलग राज्यों को लिंक किया गया है, जिनके सैम्पल्स इन लैब्स में जाते है। हमें एनसीडीसी दिल्ली के साथ जोड़ा गया है। हमारे सैम्पल्स टेस्टिंग के लिए वहीं जाते है। अभी हिमाचल प्रदेश में इस तरह की लैब स्थापित करने का प्रस्ताव प्रदेश सरकार के विचाराधीन नहीं है अगर भविष्य में कुछ ऐसा होता है तो आपको ज़रूर अवगत करवाएंगे।
सवाल : प्रदेश सरकार का चार साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, आपसे जानना चाहेंगे की स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रदेश को कितना आगे सरकार ले जा पाई है और वो क्या कार्य इस सरकार ने किये है जो पिछली सरकार नहीं करवा पाई थी ?
जवाब : हर सरकार विकास के लिए कार्य करती है। स्वास्थ्य का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसके विकास के लिए हर सरकार प्रतिबद्ध रहती है। मैं किसी सरकार को दोषारोपित नहीं करना चाहता हूँ। मैं बस इतना कहना चाहता हूँ कि इस सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत वृद्धि की है। इस प्रदेश सरकार ने डॉक्टरों की रिकॉर्ड भर्ती की है। कुल 1600 डॉक्टर्स चार वर्षो में प्रदेश के अलग अलग चिकित्सा संस्थानों में भर्ती किए गए है। आज दूर दराज़ के स्वास्थ्य केंद्रों में भी चिकित्सक मौजूद है जो सरकार की एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। इसके अलावा पैरा मेडिकल स्टाफ, नर्सेज,और फार्मासिस्ट के पद भरने का भी हमने निरंतर प्रयास किया है। इसके साथ प्रदेश सरकार ने जनता तक वैक्सीन को उपलब्ध करवाया है जो सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है। प्रदेश में वैक्सीन की जीरो वेस्टेज हुई है, जो एक रिकॉर्ड है। इसी के साथ कोरोना से लड़ने में भी हम सफल रहे है।
सवाल : डॉक्टर्स की भर्तियां तो प्रदेश में हुई है परन्तु अब भी प्रदेश में डॉक्टरों की संख्या काफी कम है। डब्ल्यूएचओ के मानकों के अनुसार 1000 की जनसंख्यां पर 1 डॉक्टर होना चाहिए परन्तु प्रदेश में केवल 2600 के करीब सरकारी डॉक्टर्स है। साथ ही प्रदेश के कई बच्चे है जिन्हें एमबीबीएस करने के पश्चात भी नियुक्तियां नहीं मिल रही है, तो क्या आपको नहीं लगता कि प्रदेश में डॉक्टर्स का कैडर बढ़ाने की आवश्यकता है?
जवाब : आज की अगर मैं बात करूं तो केवल 81 पोस्ट्स डॉक्टरों की खाली है हाईकोर्ट के ऑर्डर्स के चलते ये भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है और जैसे ही न्यायालय के आदेश होंगे ये रिक्त पद भी भर लिए जाएंगे। ये बात सही है की प्रदेश में मेडिकल ग्रेजुएट्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। प्रदेश में 7 मेडिकल कॉलेज है जिसमें से करीब 750 डॉक्टर्स हमें प्रतिवर्ष मिलेंगे। ये बात ठीक है कि कैडर स्ट्रेंथ बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। इस पर हम अध्ययन व विचार भी कर रहे है। इससे मैं इंकार नहीं करता कि भविष्य में प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में ज़रुरत के मुताबिक डॉक्टरों की पोस्ट सृजित की जानी चाहिए।
सवाल : प्रदेश को बड़े मेडिकल कॉलेज मिले है परन्तु छोटे अस्पतालों की हालत दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। आए दिन इस तरह की खबरें सामने आती है कि कभी किसी हॉस्पिटल में X-RAY मशीन नहीं है, मशीन है तो रेडियोलाजिस्ट नहीं है, यही सब कुछ है तो डॉक्टर नहीं है। इस तरह की विसंगतियों को समाप्त करने के लिए सरकार क्या प्रयास कर रही है ?
जवाब : ये बात ठीक है कि कई बार इस तरह के समाचार सामने आते है और ये आज से नहीं आते पहले से आते रहे है। ऐसा नहीं है कि ये बस हमारी सरकार के कार्यकाल में है ही हुआ, पहले भी ऐसा होता रहा है। कमियां , खामियां तो है ही और मैं इसे स्वीकार भी करता हूँ। सरकार का काम है कि उन कमियों खामियों को दूर करके स्वास्थ्य सुविधाएं सुचारू रूप से दी जाये और हम उस दिशा में आगे बढ़ रहे है। प्रदेश में डॉक्टरों की कमी नहीं है। हाँ, विशेषज्ञों की कमी है लेकिन भविष्य में ज़रूर होंगे। हमने प्रदेश में कई सिटी स्कैन प्लांट व एमआरआई मशीनों के लिए पैसा भी दिया है और लगवाई भी है। जहां भी सुधार की आवश्यकता होगी वहां हम सुधार करेंगे।
सवाल : प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों की कई लंबित मांगें है, डॉक्टर एनपीए को रीवाइज करने की मांग उठा रहे है, आयुर्वेदिक फार्मसिस्ट कैडर बढ़ाने की मांग कर रहे है, आशा कार्यकर्ताओं की कई डिमांड है, और भी कई कर्मचारी है और उनकी कई मांगें है। आपसे जानना चाहेंगे इन मांगों को लेकर आपकी क्या धारणा है और ये कब तक पूरी होंगी ?
जवाब : हमारी सरकार और हमारे मुख्यमंत्री कर्मचारी हितेषी है। कर्मचारियों का महत्व क्या है हमारी सरकार को इसका अहसास है। कर्मचारियों की कई लंबित मांगें इस सरकार के कार्यकाल में पूरी की गई है। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मांगों से हम परिचित है। आशा कार्यकर्ताओं ने कोरोना काल के दौरान सराहनीय कार्य किया है। उनके काम के लिए समय समय पर उन्हें इंसेंटिव भी दिया गया है। मैं समझता हूँ हिमाचल प्रदेश उन राज्यों में से है जो आशा कार्यकर्ताओं को अच्छा मानदेय दे रहा है ,परन्तु फिर भी भौतिक आवश्यकताओं को देखते हुए हम इनका मानदेय बढ़ाने का प्रयास करेंगे। अन्य भी जो कर्मचारी है उनकी मांगें भी हल करवाने का हम प्रयास कर रहे है।
सवाल : प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री होने के साथ- साथ आप कसौली के विधायक भी है, अपने विधानसभा क्षेत्र में कितना विकास आप कर पाए है ?
जवाब : कसौली में बहुत विकास हुआ है। मुख्यमंत्री का आशीर्वाद हमारे निर्वाचन क्षेत्र पर रहा है। क्षेत्र में जगह जगह पर सड़कें बनवाई गई है। राज्य में जो कई बड़ी पेयजल योजनाएं है उनमें से एक बड़ी पेयजल योजना कसौली विधानसभा के लिए स्वीकृत हुई है। करीबन 104 करोड़ की लागत से इस योजना का निर्माण होगा। बहुत जल्द मुख्यमंत्री दौरा भी करेंगे हमारे क्षेत्र का और तब इस परियोजना का शुभारम्भ भी होगा। एसडीएम कार्यालय भी हम ले पाए है। इसके अलावा भी कई अन्य विकास कार्य हो रहे है।