जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक आयोजित
सोलन जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक मंगवार को उपायुक्त सोलन केसी चमन की अध्यक्षता में आयोजित की गई। उपायुक्त ने कहा कि सोलन जिला हिमाचल प्रदेश का औद्योगिक हब है और जिला का बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ क्षेत्र अपने औद्योगिक विकास के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयां होने के कारण यह आवश्यक है कि यहां विभिन्न प्रकार की औद्योगिक आपदाओं से निपटने के लिए पूरी तैयारी रखी जाए। उन्होंने संबंद्ध अधिकारियों को निर्देश दिए कि औद्योगिक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की औद्योगिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सभी उपाय सुनिश्चित बनाए जाएं और इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देशों का पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि जिला में संभावित केमिकल दुर्घटना वाली इकाईयों के लिए डिस्ट्रिक्ट क्राइसिस ग्रुप गठित किया जाएगा। इस ग्रुप में प्राधिकरण के निर्देशानुसार अधिकारी सदस्य होंगे। यह ग्रुप जिला में वृहद रासायनिक दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सर्वोच्च निकाय होगा और इस विषय में विशेषज्ञ निर्देशन उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने कहा कि जिला में रासासयनिक उत्पादन बनाने वाली कंपनियां चिन्हित कर ली गई हैं। उपायुक्त ने कहा कि यह ग्रुप जिला में घटित किसी भी रासायनिक दुर्घटना के विषय में स्टेट क्राइसिस ग्रुप को अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर प्रेषित करेगा।
केसी चमन ने कहा कि प्राकृतिक आपदा को टाला नहीं जा सकता, लेकिन बेहतर प्रबंधन व पूर्ण तैयारियों से नुकसान को कम किया जा सकता है। आपदा प्रबंधन को लेकर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आपदा के समय सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना है ताकि प्राकृतिक आपदा के समय एकजुट होकर इसका सामना किया जा सके। उन्होंने कहा कि आपदा की परिस्थिति में सही समय पर सूचना का सम्प्रेषण आवश्यक होता है और समय पर प्रभावी सूचना उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि सोलन, धर्मपुर, कुनिहार, नालागढ़ तथा कंडाघाट विकास खंड में राष्ट्रीय उच्च मार्ग के साथ स्थित ग्राम पंचायतों में किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण तथा 108 की सहायता से ग्रामीणों को प्रशिक्षित किया जाएगा। इस कार्य के लिए जिला के सभी पांच विकास खंडों में 39 ग्राम पंचायतों चिन्हित की गई हैं। आपदा से निपटने के लिए तैयारियों एवं प्रतिक्रिया के लिए खंड स्तर पर स्वयंसेवी युवाओं के कार्यबल गठित करने उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मिस्त्री, बढ़ई तथा बार बाइंडर के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य अगले तीन वर्षों में जिला की सभी ग्राम पंचायतों में कम से कम 5 प्रशिक्षित मिस्त्री तैयार करना है। इस कार्य के लिए 6 दिवसीय प्रशिक्षण के लिए सभी ग्राम पंचायतों में 5-5 मिस्त्री चिन्हित किए जाएंगे। मिस्त्री, बढ़ई तथा बार बाईंडर की आयु 45 वर्ष से कम होनी चाहिए। जोखिम प्रतिरोधी निर्माण के लिए मिस्त्रियों को 6 दिवसीय प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आपदा तैयारी एवं कार्यवाही के लिए युवा स्वयंसेवियों का कार्यबल तैयार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य जिला की सभी ग्राम पंचायतों में अगले तीन वर्षों में 10 से 20 स्वयंसेवियों को आपदा से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना है। इन युवा स्वयंसेवियों को आपदा रक्षकों की सहायता से प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा के दृष्टिगत विद्यालयों में छात्रों को प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम आरंभ कर दिया गया है। विद्यालय सुरक्षा प्रशिक्षण प्रयास के अंतर्गत यह कार्य किया जा रहा है। जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष धर्मपाल चौहान, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीविक्षाधीन अधिकारी डॉ. निधि पटेल, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी विवेक चंदेल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी एनके शर्मा, अधीक्षण अभियंता विद्युत बोर्ड एसके सेन, उपमंडलाधिकारी सोलन रोहित राठौर, उपमंडलाधिकारी कंडाघाट डॉ. संजीव धीमान, सहायक आयुक्त भानु गुप्ता, उपनिदेशक उद्योग विभाग संजय कंवर, अधिशाषी अभियंता सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग सुमित सूद, विभिन्न विभागों के अधिकारी, गैर सरकारी संस्थाओं के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।