प्रगति पथ पर अग्रसर है बीएल विद्यालय कुनिहार
- दो बच्चो व तीन अध्यापको के साथ शुरू हुआ था विद्यालय, आज है करीब 900 छात्र
कठोर परिश्रम करना एक ऐसा जज्बा है जिसके आधार पर मनुष्य मनचाही सफलता प्राप्त कर सकता है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। अंतरनिर्भर होने के साथ साथ अगर उसमे सामाजिक कल्याण की भावना निहित हो तो निश्चित वह एक असाधारण व्यक्तित्व का स्वामी होता है। ऐसे ही धेर्यवान व विवेकी व्यक्तित्व की अनकही गाथा ब्यान कर रहा है कुनिहार क्षेत्र के अंतर्गत स्थित बी एल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कुनिहार जो अपने स्थापना वर्ष 1995 से लेकर अब तक निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर है। इस विद्यालय की शुरुआत प्रबन्धक गोपाल शर्मा द्वारा महज दो बच्चो व तीन अध्यापको के साथ की गई। आज आलम यह है कि विद्यालय ही हर राह मंजिल पाने को आतुर है।
250 की फीस आधी तो 25 को निशुल्क शिक्षा:
समाज के हर तबके का ध्यान रखते हुए ही विद्यालय में लगभग 250 विद्यार्थियों की फीस आधी और 25 से अधिक को निशुल्क शिक्षा प्रदान की जा रही है जो प्रधानमंत्री के विचार “सब पढ़े सब बढ़े “ को प्रतिपादित करता है। इतना ही नही ग्रामीण क्षेत्रो के बच्चो को घर द्वार पर बस सेवा कम दरो पर उपलब्ध कराई जाती है ताकि उन्हें भी अच्छी शिक्षा ग्रहण करने का अवसर मिले।
यहाँ के छात्र हर क्षेत्र में अव्वल:
इस विद्यालय के विद्यार्थियो को शैक्षणिक गुणों के विकास के साथ साथ बहुमुखी प्रतिभा निखारने के अवसर प्रदान किए जाते है। पूरी तरह से आधुनिक तकनीक से लेकर यह स्कूल नैतिक मूल्यों के विकास, अनुशाशन और कर्मठता जैसे गुणों के विकास पर भी ध्यान देता है। व्यवहार वह दर्पण है जिसमे मनुष्य अपना अक्श झलकाता है। अतः इस का उद्देश्य एक ऐसी शिक्षा प्रदान करना है जो विद्यार्थियों का सर्वागीण विकास करें और जीवन की व्यवहारिकता पर भी खरी उतरें। वरन यह उसी का परिणाम है की यहाँ पढ़ चुके विद्यार्थी डॉक्टर, वकील, इंजिनियर, आर्मी व नेवी अफसरों जैसे उच्च पदों पर आसीन होकर न सिर्फ विद्यालय व अभिभावकों का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि एक अच्छे नागरिक व प्रशासक के रूप में समाज के कल्याण में अपनी सहभागिता निभा रहे है।