शिवमंदिर दाड़लाघाट में शिव विवाह का किया गुणगान
प्राचीन शिवमंदिर दाड़लाघाट में चल रही शिव महापुराण कथा के छठे दिन शुक्रवार को शिव विवाह का गुणगान किया गया। हर रोज की तरह शिव विवाह का वृत्तांत सुनने के लिए संगत में खासा उत्साह देखने को मिला। भगवान शिव का विवाह कैसे हुआ और उस वक्त क्या माहौल रहा इस बात को जानने की संगत में खासी उत्सुकता देखने को मिली। कथावाचक आचार्य भगत राम नड्डा ने बताया कि शिव जब बारात लेकर आते हैं,तो उनके साथ आए बाराती आजकल की तरह सूटबूट में नहीं थे।देवता और असुर सब इस विवाह में उपस्थित थे क्योंकि शिव तो सबके प्रिय हैं। गले में सांप की माला देख हर कोई हैरान था कि पार्वती को ब्याहने ये कौन आ गया। कथा वाचक आचार्य भगत राम नड्डा ने संगत को बताया कि किस तरह बारात का स्वागत हुआ और उन्हें खाने में क्या-क्या परोसा गया। उन्होंने बताया कि मां पार्वती को शिव महादेव की आलौकिकता का ज्ञान था इसलिए वे शिव महादेव से विवाह करना खुद का सौभाग्य मान रही थीं। कथा वाचक आचार्य नड्डा ने कहा कि जिस शिव की भक्ति मात्र से ही सारे कष्ट दूर हो जाते हैं,उनसे विवाह करने वाला कितना सौभाग्यशाली होगा। उन्होंने सभी से आग्रह किया है कि शिव पुराण कथा में आए और अपने जीवन को पुण्य के भागी बनाएं।