कसौली क्लब में खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के 12वें एडिशन का आगाज
खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के 12वें एडिशन का आगाज शुक्रवार को कसौली क्लब में हुआ। इसमें मुख्य वक्ता लेखक डॉ. प्राकला प्रभाकर, मणि शंकर अय्यर, इंद्राणी मुखर्जी, राहुल सिंह, निरुपम दत्त सहित कई जानी-मानी हस्तियों ने अपने विचार व्यक्त किए। पहले दिन इंद्राणी मुखर्जी की किताब अनब्रोकन चर्चा में रही। इंद्राणी मुखर्जी ने इस दौरान किताब को लेकर खुलकर अपने विचार व्यक्त किए। इंद्राणी ने कहा कि 16 वर्ष की उम्र में मां बनना एक कड़वा अनुभव रहा। बाद में पति से तलाक होने के बाद मीडिया ग्रुप के किंग पीटर से दूसरी शादी होने के बाद जिंदगी में बहुत कुछ हासिल किया। पर पहली बेटी शीना की मर्डर मिस्ट्री के बाद गिरफ्तारी और 6 वर्ष तक जेल में रहते 'अनब्रोकन इंद्राणी मुखर्जीÓ किताब को लिखने का अवसर मिला। जेल में लिखे 1 लाख 26 हजार 582 शब्द ही असल कहानी है।
इंद्राणी बताती है कि नाबालिग बेटी की मर्डर मिस्ट्री के बाद जब उसे जेल भेजा गया तो पति पीटर ने वकीलों को पैसा देकर कई तरह के डॉक्यूमेंट साइन करने को भेजा, लेकिन उन्होंने किसी भी कागज को साइन करने से मना कर दिया। यदि उस वक्त कागज साइन कर दिए होते तो आज वह और उसके बच्चे बर्बाद हो जाते।मुखर्जी ने कहा कि वह आज तक नहीं समझ पाई की बेटी का मर्डर कैसे हुआ और किसने किया। किताब में उन्होंने उल्लेख किया कि पति पीटर ने सोचा था की इंद्राणी मुखर्जी जेल में 15 दिन तक जिंदा नहीं रह पाएगी पर ऐसा नहीं हुआ।
इंद्राणी ने कहा कि अपने आप को साबित करने के लिए जेल में कलम का सहारा लिया और वह आज जेल से बाहर खुशहाल जिंदगी जी रही है। इंद्राणी महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य कर रही है साथ ही नई किताब भी लिख रही है। इसके अलावा उन्होंने दिनचर्या में भी योगा, एक्सरसाइज और डांस को शामिल किया है। इंद्राणी ने कहा कि उसे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दुनिया उसके बारे में क्या कहती और सोचती है। इंद्राणी ने कहा कि अनब्रोकन इंद्राणी मुखर्जी के ऑडियो विजुअल राइट्स को बेच दिए है। अब उसकी कहानी फिल्मी पर्दे पर भी देखी जा सकती है, जिसमें अब सारी सच्चाई सामने आ जाएगी।
लेखक व साहित्यकार डॉ. परकला प्रभाकर ने अपनी किताब क्रूकेड टिम्बर ऑफ न्यू इंडिया पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि साल 2014 से शुरू हुई स्कीम मेक इन इंडिया, स्टैंड अप इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, स्किल इंडिया और स्वच्छ भारत यह सब सुनने में बहुत अच्छा लगता था, लेकिन सुनने तक ही रह गया। ये पॉलिटिकल पार्टी के महज पब्लिसिटी स्टंट है। अब जो बोलेगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और कैद कर दिया जाएगा। इसलिए शुरू हुई यह यात्रा अब शटअप इंडिया तक पहुंच गई है।
इस तरह के न्यू इंडिया को बनाने में ये राजनीतिक पार्टियां जिम्मेवार हैं। अब इस न्यू इंडिया से बाहर करने में यह मदद नहीं कर सकती। आने वाले 2024 के परिणाम भी हमें अपना भविष्य संवारने में मदद नहीं करेंगे। देश की स्थिति इस वक्त यह है कि हमारा स्किल रेट 5 फीसदी, जबकि सॉलिड इकोनॉमी वाले देश जैसे यूके साउथ कोरिया और जापान के 85 फीसदी टच करता है। हमारे देश से पिछले 9 वर्षों से एवरेज डेढ़ लाख हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल इंडियन सिटीजन छोड़ सिंगापुर या मिडल ईस्ट की ओर रुख कर रही है। पिछले 10 साल में 100 लाख करोड़ कर्ज चढ़ गया है। देश में पहले 30 से 32 फीसदी प्राइवेट इन्वेस्टमेंट होती थी जो आज महज 19 फीसदी रह गई है।