कार्टन पर बागवानों से वसूला जा रहा 18 फीसदी जीएसटी, बागवानों को नहीं मिल रहा 6 फीसदी कटौती का लाभ
केंद्र सरकार की ओर से कार्टन पर जीएसटी की दरों में 6 फीसदी कटौती का लाभ बागवानों को नहीं मिल पा रहा है। बाजार में बागवानों से कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी की वसूली हो रही है। प्रदेश सरकार ने इस साल से यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य तौर पर लागू किया है। बागवानों को उम्मीद थी कि जीएसटी में कटौती के बाद यूनिवर्सल कार्टन की कीमत घट जाएगी, लेकिन कुछ रिटेलर कार्टन पर अब भी 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। इसको लेकर बागवानों ने सरकार से शिकायत भी की है। जून में जीएसटी परिषद की बैठक में सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से घटाकर 12 फीसदी करने का फैसला लिया गया था। परिषद की 53वीं बैठक में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने यह मामला उठाया था। बीते साल भी हिमाचल ने कार्टन पर जीएसटी की दर घटाने की मांग उठाई थी, जो सिरे नहीं चढ़ पाई। जीएसटी छह फीसदी कम होने के बाद बागवानों को उम्मीद थी कि अब सेब कार्टन तीन से चार रुपये तक सस्ता मिलेगा। संयुक्त किसान मंच ने कार्टन पर जीएसटी के एवज में हो रही मनमानी वसूली पर कड़ी नाराजगी जताई है। मंच के संयोजक संजय चौहान का कहना है कि प्रदेश के कई जिलों में रिटेलर कार्टन पर 18 फीसदी जीएसटी वसूल रहे हैं। 500 पीस कार्टन खरीदने वाले बागवान को 5,400 रुपये जीएसटी चुकाने पड़ रहे हैं। संयुक्त किसान मंच सभी कृषि लागत वस्तुओं पर जीएसटी खत्म करने की मांग उठाता रहा है और भविष्य में भी बागवानों के हित में यह मांग जोर-शोर से उठाई जाएगी।