10 दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है गणेश उत्सव, जानिए वजह
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गणेश चतुर्थी हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है जो चतुर्थी भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर, अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है। यह पर्व 10 दिनों तक मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों, दुकानों आदि में गणपति जी (बप्पा) की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। अनंत चतुर्दशी के दिन बप्पा का विसर्जन कर दिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार 10 दिनों तक पूजा करना सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 27 अगस्त से शुरू हो चुका है और 6 सितंबर को समाप्त हो जायेगा।
यह उत्सव 10 दिनों तक ही क्यों मनाया जाता है
गणेश चतुर्थी पर्व 10 दिनों तक चलता है और इसके पीछे एक पौराणिक कथा है जो महाभारत से जुड़ी है। इसके अनुसार, वेदव्यास जी ने जब भगवान गणेश से महाभारत ग्रंथ लिखने का आग्रह किया तो गणेश जी ने एक शर्त रखी कि वे इसे लिखने के दौरान एक बार भी नहीं रुकेंगे। यदि रुके, तब वे लिखना बंद कर देंगे। वेदव्यास सहमत हो गए और गणेश जी लगातार बिना रुके 10 दिनों तक महाभारत लिखते रहे। तभी से गणेश चतुर्थी उत्सव को 10 दिनों तक मनाए जानें की परंपरा बनीं हुई है।
विसर्जन का संदेश
गणपति जी की प्रतिमा का विसर्जन जीवन की नश्वरता और प्रकृति से एकात्मता का संदेश देता है। मिट्टी की बनी गणेश मूर्ति का जल में विलीन हो जाना यह दिखाता है कि सभी लोग प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं और एक दिन वापस प्रकृति में ही विलीन हो जाना है। यह भाव लोगों को विनम्र बनाता है और अहंकार से परे होकर जीवन जीने की प्रेरणा देता है।