मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी माह 13 तारीख को प्रस्तावित चंबा दौरे की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज चंबा में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को प्रधानमंत्री के आकांक्षी जिला चंबा के दौरे को ऐतिहासिक बनाने के लिए पर्याप्त और पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री 180 मेगावाट की बजोली जल विद्युत परियोजना का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा वह 48 मेगावाट की चांजू-3 जल विद्युत परियोजना और 30.5 मेगावाट की दयोथल चांजू जल विद्युत परियोजना का शिलान्यास करेंगे तथा पीएमजीएसवाई-3 का शुभारंभ करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री चंबा के प्रसिद्ध चौगान में जनसभा को संबोधित करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आम लोगों को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था किए जाएं और यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए भी उचित व्यवस्था की जानी चाहिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को चंबा शहर की ओर जाने वाली सड़कों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करने के अलावा शहर और उसके आसपास बसों एवं अन्य वाहनों की पार्किंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों का सुचारू और निर्बाध आवागमन सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को कोई परेशानी न हो। जयराम ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों को शहर में निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जनसभा से पहले और इसके उपरांत शहर में विशेष स्वच्छता अभियान शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने नगर परिषद चंबा के अधिकारियों को रैली से पहले और रैली के उपरांत शहर तथा उसके आसपास सफाई सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पूरे चंबा शहर को आकर्षक और खूबसूरती से सजाया जाना चाहिए।
प्रदेश में भारी बारिश का दौर लगातार जारी हैं। पिछले 4 से 5 दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण नदी नाले उफान पर हैं तों प्रदेश के कई हिस्सों में नुकसान की भी खबरें हैं। भारी बारिश व तूफान से फसलों को भी काफ़ी नुकसान पहुंचा हैं। रविवार को सुबह से ही भारी बारिश के साथ तेज हवाओं का क्रम जारी हैं जिससे ऊपरी शिमला में सेब की फ़सल व प्रदेश के निचले इलाकों में टमाटर व मक्की की फ़सल को भारी नुकसान पहुंचा हैं। मौसम की मार से किसानों की चिंता बढ़ा दी हैं। भारी बरसात से चम्बा जिला के बकानी में 3 लोग पानी में बहने से लापता हो गए है। 8 पैदल पुल बह गए हैं, 6 घराट बह गए है और 1 गौशाला बह गई है। चंबा में भारी बारिश से रावी नदी का जलस्तर बढ़ गया है। रवि नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच गई है। चंबा में ही दो मकान बारिश के कारण ढह गए है। सुरेश सिंह सुपुत्र गजेंद्र सिंह, गांव करंगड़ ग्राम पंचायत कैला निवासी का घर भारी बारिश के कारण पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसी पंचायत के निवासी भानो सुपुत्र हरदेव के मकान की दीवार भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर गिर गई है तथा पूरे मकान को खतरा पैदा हो गया है। उधर बारिश से शिमला के ननखड़ी में सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। सेब के पेड़ों से सेब नीचे गिर गए है।
मनीष ठाकुर । भरमौर भरमौर उपमंडल की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खणी में एसएमसी की बैठक हुई, जिसमें एसएमसी के सदस्य तथा विद्यालय के शिक्षकों ने भाग लिया। इस बैठक की अध्यक्षता एसएमसी के प्रघान अशोक कुमार ने की। बैठक में नई शिक्षा नीति के मुख्य उद्देश्य के बारे में विस्तार से चर्चा की गई। एसएमसी के प्रधान अशोक कुमार ने बताया कि सितंबर माह में आयोजित होने वाली 9वीं से 12वीं तक की टर्म परीक्षा बारे सूचना तथा अभिवावकों को परिणामों को बेहतर करने बारे जागरूक किया गया। निपुण भारत मिशन, स्वच्छ भारत मिशन व फिट इंडिया मूवमेंट बारे विस्तृत जानकारी मुहैया करवाई गई। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों को नशे के दुष्परिणामों तथा मोबाइल का बेहतर इस्तेमाल एवं उसके दुष्परिणामों पर मंथन किया गया। एसएमसी के प्रघान अशोक कुमार ने एसएमसी के सदस्यों तथा अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर बल दिया। साथ ही विद्यालय में अनुशासन बनाने के संदर्भ में अभिभावकों से सहयोग देने की सलाह दी।
अनूठा इतिहास और अथाह खूबसूरती समेटे हुए है डलहौजी शहर देवभूमि हिमाचल प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से तो ख़ूबसूरत है ही, यहां का इतिहास भी शानदार है। ब्रिटिश राज के समय हिमाचल के कई शहरों को अंग्रेज़ों ने विकसित किया था जहाँ आज भी उनकी छाप दिखाई देती है। खुद में अनूठा इतिहास समेटे ऐसा ही एक ख़ूबसूरत शहर है डलहौजी। हिमाचल का डलहौजी लोकप्रिय विश्व पर्यटन केंद्र है जो भारतीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करता है। यहां स्कॉटिश और विक्टोरियन वास्तुकला की हवा की महक और परिवेश ब्रिटिश काल की याद दिलाते है। अंग्रेज यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर मंत्रमुग्ध हो उठे थे। डलहौजी हिल स्टेशन गर्मियों के समय अंग्रेजों के सबसे पसंदीदा स्थानों में से एक था, जिसकी वजह से इस क्षेत्र में राजसी विक्टोरियन शैली दिखाई देती है। डलहौजी देश के भीड़ वाले शहरों से दूर अपनी तरह का एक अद्भुत शहर है जो आपको प्रकृति की गोद में होने का अनुभव करवाता है और एक प्रदूषण मुक्त वातावरण प्रदान करता है। डलहौजी को हिमाचल प्रदेश की चम्बा घाटी का प्रवेश द्वार माना जाता है। अंग्रेजी हुकूमत के समय एक स्वास्थ्यवर्द्धक क्षेत्र के रूप में उभरा डलहौजी आज विश्वभर में एक सुप्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां पंजपूला, सुभाष बावड़ी, सतधारा व कलातोप खजियार अभयारण्य आदि पर्यटक स्थल विद्यमान हैं। लार्ड डलहौजी के नाम पर हुआ शहर का नामकरण : डलहौजी 1854 में अस्तित्व में आया था जब ब्रिटिश शासन के दौरान पांच पहाड़ियों को चंबा के राजा से प्राप्त किया गया। बैलून, कथलग, पोटरियां, टिहरी और बकरोटा इन खूबसूरत पांच पहाड़ियों पर डलहौजी बसा है। सन 1854 में ब्रिटिश सेना के कर्नल नेपियर ने डलहौजी को ब्रिटिश सेना और अधिकारियों के लिए यहां की जलवायु को देखते हुए हेल्थ रिसोर्ट के रूप में चुना था। डलहौजी पहले पंजाब के गुरदासपुर के अंतर्गत आता था, लेकिन 1966 में हिमाचल प्रदेश के पुनर्गठन के समय हिमाचल के चंबा में शामिल हो गया। डलहौजी का नाम लार्ड मैकलियोड के कहने पर 1854 में भारत के तत्कालीन वायसराय लार्ड डलहौजी के नाम पर रखा गया, जबकि लार्ड डलहौजी कभी भी डलहौजी नहीं आए। 1863 में जीपीओ जिसे गांधी चौक के नाम से भी जाना जाता है, यहां पहले चर्च सेंट जॉन का निर्माण किया गया। 1870 में डलहौजी में बुलज हेड के नाम से पहला होटल बना जिसे अब होटल माउंट व्यू के नाम से जाना जाता है। 1873 में रविंद्र नाथ टैगोर डलहौजी आए और उन्हें गीतांजलि लिखने की प्रेरणा मिली। 1884 में रुडयार्ड किपलिंग डलहौजी आए। तभी से यह प्रसिद्ध पर्यटक स्थल के रूप में जाना जाने लगा। 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू डलहौजी के सौ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर होने वाले कार्यक्रम में भाग लेने डलहौजी आए। 1959 में तिब्बती शरणार्थी डलहौजी में बसे। सन 1962 ,1988 में दलाई लामा ने भी डलहौजी का दौरा किया। 1966 में जब से डलहौजी हिमाचल प्रदेश का एक हिस्सा बना है तब से यह दुनिया के एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में जाना- जाने लगा है।1937 में सुभाष चंद्र बोस डलहौजी स्वास्थ्य लाभ के लिए आए थे। डलहौजी से नेताजी का रहा है खास नाता 1937 में जब अंग्रेजों की कैद में रहते हुए नेताजी सुभाष चंद्र बोस को क्षय रोग हो गया था तब नेताजी डलहौजी आये थे। क्षय रोग होने के कारण अंग्रेजों ने उन्हें रिहा कर दिया था और रिहा होने के बाद वे डलहौजी आ गए थे। यहां रहकर उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ और उन्हें काफी राहत मिली। नेताजी यहां लगभग 5 महीने रुके थे और वे जिस होटल और कोठी में ठहरे थे, वह आज भी मौजूद हैं। उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए बेड, कुर्सी, टेबल और अन्य सामान भी संभालकर रखा गया है। नेताजी जिस कमरे में ठहरे थे, वहां अब लोगों का जाना वर्जित है। नेताजी डलहौजी के सबसे पुराने गांधी चौक पर स्थित होटल मेहर के कमरा नंबर 10 में रहे थे। इसी दौरान जैन धर्मवीर को नेताजी के डलहौजी का आने का पता चल गया और उन्होंने नेताजी से गांधी चौक के पास पंजपुला मार्ग पर स्थित कोठी कायनांस में रहने का आग्रह किया, जिसे नेताजी ने मान लिया। नेताजी होटल छोड़कर कोठी में रहने चले गए। जैन धर्मवीर, नेताजी के सहपाठी रहे कांग्रेस नेता डॉ. धर्मवीर की पत्नी थीं। कोठी जाते समय नेताजी का शहरवासियों ने भव्य स्वागत किया था। 5 महीने नेताजी डलहौजी में रहे और इस दौरान वे रोजाना करेलनू मार्ग पर सैर करते थे और बावड़ी का पानी ही पीते थे। बावड़ी के पास मौजूद जंगल में बैठकर प्रकृति से संवाद करते थे। नियमित सैर और बावड़ी का पानी पीकर नेताजी को काफी स्वास्थ्य लाभ हुआ। बावड़ी को आज भी सुभाष बावड़ी के नाम से जाना जाता है। शहर के एक चौक का नाम भी नेताजी के नाम पर सुभाष चौक रखा गया है। चौक पर नेताजी की विशाल प्रतिमा लगी हुई है। स्वस्थ होने पर नेताजी डलहौजी से लौट गए थे। ........................ डिस्कवर डलहौजी मोबाइल एप लांच हिमाचल प्रदेश में डलहौज़ी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए डलहौजी के युवाओं कुबेर खन्ना व अनहद शर्मा द्वारा एक एप भी तैयार की गई। इस मोबाइल एप में डिस्कवर डलहौजी को भी लांच किया गया। एप में डलहौजी में होटल बुकिग, पर्यटक स्थलों की जानकारी, ऐतिहासिक स्थानों की जानकारी, रेस्तरां की जानकारी, एडवेंचर गतिविधियों की जानकारी दी गई है। ऐप में पर्यटन व्यवसाय में प्रशिक्षित युवाओं हेतु जॉब पोर्टल भी शामिल किया गया है। ............................ सप्तधारा : कभी एक साथ बहती थी सात जलधाराएं सप्तधारा झरना ताज़े देवदार के पेड़ों के शानदार दृश्यों से घिरा हुआ और बर्फ से ढके पहाड़ों से घिरा हुआ हैं। सात खूबसूरत झरनों के जल के एक साथ मिलने के कारण इस झरने का नाम सतधारा रखा गया है। किसी समय तक यहां 7 जलधाराएं बहती थीं ,लेकिन अब केवल एक ही धारा बची है। बावजूद इसके, इस झरने का सौंदर्य बरकरार है। इन झरनों का पानी समुद्र से 2036 मीटर ऊपर एक बिंदु पर मिलता है। माना जाता है कि सप्तधारा का जल प्राकृतिक औषधीय गुणों से भरपूर और अनेक रोगों का निवारण करने की क्षमता रखता है। यहां पर ठंडा और साफ पानी आपकी आंखों में ठंडक पहुंचाता है। खूबसूरत फूलों की सुगंध मन मस्तिष्क को आनंद से भर देती है। यह घूमने के लिए एक बेहतर स्थान है। कलातोप अभयारण्य कलातोप वन्यजीव अभयारण्य डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है। कलातोप नाम का अर्थ ‘काली टोपी’ है, जो अभयारण्य में सबसे ऊंची पहाड़ी पर घने काले वन को बताता है। कलातोप वनस्पति और जीवों में काफी समृद्ध है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद आकर्षित करती है। इस अभ्यारण तक पर्यटक ट्रैकिंग करते हुए भी पहुँचते है। इस जगह की अपनी अलग ही पहचान और ये जगह लोगों के बीच काफी लोकप्रिय भी है। यहां पर तीतर, सीरो और काला भालू सामान्य रूप से पाए जाने वाले जानवर है। यह अभयारण्य रावी नदी के रास्ते में स्थित है और शंकुधारी तथा ओक के जंगलों से घिरा हुआ है। यहां अन्य जानवरों में भालू, हिमालयन ब्लैक मार्टन, तेंदुआ, हिरण, बार्किंग गोरल, गिलहरी, सीरो, सियार, लंगूर आदि जानवर पाए जाते हैं। इसके अलावा कुछ दुर्लभ पक्षी भी यहां पाए जाते हैं, जैसे यूरेशियन जे, वाइटविंग ब्लैक बर्ड, ब्लैक हेडेड जे, चेस्टनट बिल्ड रॉक थ्रश, ब्लैकहेड् जे, ग्रे हेडेड कैनरी फ्लाईकैचर। पंचपुला के झरनो में पाएं जाते है औषधीय गुण पंचपुला एक बेहद प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहाँ पर बहने वाले पांच छोटे-छोटे झरनों की वजह से इस जगह को पंचपुला कहा जाता है। पंचपुला हरे देवदार के पेड़ों के आवरण से घिरा हुआ है, जो डलहौजी के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है की पंचपुला में बहने वाले झरनों में औषधीय गुण पाये जाते है। इस कारण यहाँ स्नान करने पर अनेक प्रकार के त्वचा रोगों से छुटकारा मिलता है। एक प्राकृतिक रमणीय स्थल होने के साथ-साथ इस जगह पर भारत के स्वतन्त्रता सेनानी वीर भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह जी की समाधि भी बनी हुई है। पंचपुला डलहौजी और उसके आसपास के छोटे-बड़े गाँवो में पानी आपूर्ति का मुख्य स्त्रोत भी माना जाता है। यह जगह ट्रेकिंग और अपने खूबसूरत दृश्यों की वजह से जानी जाती है। मॉनसून के मौसम में इस जगह के प्राचीन पानी का सबसे अच्छा आनंद लिया जाता है। बकरोटा हिल्स में ठहरे थे गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर बकरोटा हिल्स डलहौजी के सबसे आकर्षक पर्यटन स्थलों में से एक है। बकरोटा हिल्स को “अपर बकरोटा” के नाम से भी जाना जाता है, यह डलहौज़ी का सबसे ऊँचा इलाका है और यह बकरोटा वॉक नाम की एक सड़क का सर्किल है, जो खजियार की ओर जाती है। पूरा क्षेत्र देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। अंग्रेजों के समय बकरोटा में कई भव्य इमारतों का निर्माण हुआ था, जो करीब पौने दो सौ साल बाद भी भव्य शैली को कायम रखे हुए हैं। बकरोटा का संबंध रविंद्रनाथ टैगोर से भी रहा है। वह 1873 में 12 वर्ष की आयु में पिता महर्षि देवेंद्र नाथ टैगोर के साथ डलहौजी आए थे और स्नोडन नामक कोठी में ठहरे थे। बकरोटा हिल्स में लोग ट्रैकिंग करना पसंद करते हैं क्योंकि यह खूबसूरत नजारों से भरपूर है। सुभाष बावड़ी का जल पीकर स्वस्थ हुए थे नेताजी सुभाष बावड़ी डलहौजी में गांधी चौक से एक किमी दूर स्थित एक ऐसी जगह है जिसका नाम प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर रखा गया।है। यह खूबसूरत स्थान डलहौजी में 6678 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और बर्फ से ढके पहाड़ों का खूबसूरत नजारा पेश करता है। सुभाष बावड़ी वो जगह है जहाँ पर सुभाष चंद्र बोस 1937 में स्वास्थ्य की खराबी के चलते आये थे और वो इस जगह पर 7 महीने तक रहे थे। इस जगह पर रह कर वे बिलकुल ठीक हो गए थे। माना जाता है कि सुभाष चंद्र बोस डलहौजी की यात्रा करते थे तो वह इस स्थान पर आते थे। यहाँ पर एक खूबसूरत झरना भी है जो हिमनदी धारा में बहता है। डलहौजी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है डैनकुंड पीक डैनकुंड चोटी, डलहौजी क्षेत्र की सबसे ऊंची चोटी है और साथ ही यह एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। डैनकुंड पीक को सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है,। इस चोटी की ऊंचाई लगभग 2750 मीटर से भी अधिक है और डलहौजी में सबसे ऊंचा स्थान होने की वजह से घाटियों और पहाड़ों के अद्भुत दृश्य देखने को मिलते हैं। डैनकुंड अपनी खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे वातावरण के लिए जाना जाता है। चमेरा झील में ले सकते है रिवर राफ्टिंग का आनंद चमेरा झील, हिमाचल प्रदेश के डलहौजी में चंबा जिले में स्थित है। यह झील मुख्य हिल स्टेशन से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 763 मीटर है। इसके पास ही चमेरा बांध बना हुआ है तथा यहां से रावी नदी बहती है। चमेरा एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है और प्रमुख आकर्षण है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विभाग के द्वारा यहां पर मोटर बोटिंग और रिवर राफ्टिंग जैसे खेलों की अनुमति प्रदान की गई है। इससे पर्यटक मोटरबोटिंग और रिवर राफ्टिंग का आनंद उठाते हैं।
यात्रा को और सुरक्षित बनाने के साथ अधिक सुविधाएं जुटाने के लिए उठाए जा रहे हैं आवश्यक कदम यात्रा के सफल संचालन में विशेष योगदान और सेवाएं देने वालों का उपायुक्त ने किया आभार मनीष ठाकुर । भरमौर उत्तर भारत की प्रसिद्ध श्री मणिमहेश यात्रा आधिकारिक रूप से संपन्न हो गई है। उपायुक्त डीसी राणा ने बताया कि अधिकारिक तौर पर 19 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक यात्रा का आयोजन किया गया। तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने इस वर्ष पवित्र श्री मणिमहेश के दर्शन किए और डल झील में स्नान किया। डीसी राणा ने बताया कि 19 अगस्त से लेकर 3 सितंबर तक 2 लाख 50 हज़ार के करीब श्रद्धालुओं ने यात्रा की। इसी तरह 19 अगस्त से पहले भी लगभग 60 हजार श्रद्धालुओं ने श्री मणिमहेश के दर्शन किए। उन्होंने बताया कि यात्रा के दौरान बेहतर कानून व्यवस्था व यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए 4 राजपत्रित अधिकारियों सहित 774 पुलिस कर्मचारियों ने सेवाएं प्रदान की। जिनमें सशस्त्र वाहिनी के 308, जिला पुलिस के 160 व गृह रक्षक विभाग के 306 जवान शामिल रहे। उपायुक्त ने बताया कि श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासन द्वारा हर संभव प्रयास किए गए। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले समय के दौरान यात्रा को और अधिक सुरक्षित बनाने के साथ श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पहली बार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों को तैनात किया गया। बेहतर कानून व्यवस्था सुनिश्चित बनाने के लिए भरमौर से लेकर हड़सर तक सीसीटीवी कैमरे भी स्थापित किए गए। यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हड़सर से डल झील तक 55 अस्थाई शौचालय बनाने के साथ 102 नल भी स्थापित किए गए। यात्रा के विभिन्न स्थानों में अस्थाई स्वास्थ्य शिविर स्थापित किए गए। इनमें चिकित्सकों सहित 83 स्वास्थ्य कर्मियों ने सेवाएं प्रदान की। डीसी राणा ने बताया कि दो हेली टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनियों के माध्यम से 8800 श्रद्धालुओं ने भरमौर ओर से गौरीकुंड तक आने और जाने के लिए हेलीकॉप्टर सेवा का प्रयोग किया। उपायुक्त ने यह भी बताया कि यात्रा का अधिकारिक तौर पर आयोजन 3 सितंबर तक निर्धारित था। 4 सितंबर सांय से श्री मणिमहेश यात्रा के विभिन्न स्थानों पर प्रशासन द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली सुविधाओं को बंद कर दिया जाएगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे अब यात्रा ना करें। उपायुक्त डीसी राणा ने यात्रा के सफल संचालन में अपना विशेष योगदान और सेवाएं देने वाले सभी सरकारी अधिकारियों- कर्मचारियों, स्वास्थ्य पेशेवरों, मीडिया कर्मियों, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड, पर्वतारोहण उप केंद्र, स्थानीय स्वयंसेवकों, पंचायती राज संस्थाओं, गैर सरकारी संगठनों और लंगर संस्थाओं का आभार भी प्रकट किया है।
मुनीष ठाकुर। भरमौर जनजातीय क्षेत्र भरमौर की तहसील होली की ग्राम पंचायत कुठेड के तियारी गांव में द्रुबड़ी महोत्सव का आगाज हो गया। डीपू संचालक देशराज ने इस आयोजन का शुभारंभ किया। इसी के साथ वीरवार को विभिन्न खेलों के मुकाबले शुरू हो गए। यूथ क्लब झिकली तियारी के अध्यक्ष आदित्य बिहान ने जानकारी देते हुए बताया कि द्रुबड़ी महोत्सव के अंतिम संध्या को सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी होगा। उल्लेखनीय है कि यूथ क्लब झिकली तियारी की ओर से हर वर्ष पहली सितंबर से 3 सितंबर तक इस महोत्सब का आयोजन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है और तीन दिन तक यहां पर यह आयोजन चलता है। इसमें सांस्कृतिक संध्या के अलावा विभिन्न विभिन्न खेलों का आयोजन भी किया जाता है। इस मौके देश राज ने यूथ क्लब झिकली तियारी को 2100 रूपए, आयेाजन समिति को सहायता मुहैया भी करवाई। उधर, वीरवार को यूथ क्लब झिकली तियारी ने वॉलीबॉल और कबड्डी के मुकाबले का आयोजन भी करवाए गए। पहला वॉलीबॉल मुकाबला शिव शक्ति तियारी और रॉयल बिहान के बीच हुआ। जिसमें रॉयल बिहान ने शिव तियारी को पराजित किया। वहीं, कबड्डी के पहले रोमांचक मुकाबले में पालमपुर ने रॉयल बिहान को पराजित किया। यूथ क्लब झिकली तियारी के आयोजन समिति के पदाधिकारियों आदित्य बिहान (प्रधान), अभिषेक बिहान (सचिव), अंकज बिहान, अश्वनी बिहान, सुरेश बिहान व विनीत कपूर ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को भी यहां पर खेलों के मुकाबलें होंगे, जबकि शनिवार की शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।
5 लाख रुपए की राशि से निर्मित पातका से सतिमाता मंदिर संपर्क मार्ग का किया लोकार्पण युवाओं को खेल सामग्री उपलब्ध करवाने की घोषणा मनीष ठाकुर। भरमौर विधायक जियालाल कपूर ने आज ग्राम पंचायत उलाशां में 38.5 लाख रुपए की लागत से निर्मित होने वाले तीन मार्ग खडामुख से ओपन, खडामुख - सतनाला से सुलाखर और सतिमाता मंदिर से नाग मंदिर संपर्क मार्ग का विधिवत शिलान्यास किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने 5 लाख की लागत से निर्मित पातका से सतिमाता मंदिर संपर्क मार्ग का उद्घाटन किया। इसके उपरांत उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा क्षेत्र भरमौर में प्राथमिकता के आधार पर मूलभूत सुविधाओं और सड़कों के निर्माण के लिए कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़कें बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बन्नी माता संपर्क मार्ग में लगभग 25 करोड रुपए व्यय किए गए हैं। उन्होंने कहा कि तीन संपर्क सड़कों के निर्माण के लिए 38.5 लाख रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी। और उन्होंने लोक निर्माण विभाग को इन तीनों संपर्क सड़कों के निर्माण कार्य को तय सीमा के भीतर पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन तीन संपर्क मार्गों के निर्माण से ग्राम पंचायत उलाशां के सैकड़ों लोगो को बेहतर सुविधा मिलेगी। इस दौरान उन्होंने स्थानीय लोगों की समस्याओं को भी सुना। उन्होंने लोगों की पानी की समस्या समाधान करते हुए ग्राम पंचायत उल्लासा में दो 50 हजार लीटर क्षमता के पानी के स्टील टैंक बनाने की बात भी कही ताकि लोगों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित बनाई जा सके। उन्होंने स्थानीय युवाओं की मांग पर युवाओं को खेल संबंधी सामग्री मुहैया करवाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि होली को तहसील का दर्जा दिया गया है। नहीं तो पहले लोगों को अपने काम करवाने के लिए भरमौर जाना पड़ता था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लोगों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई गई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 125 यूनिट बिजली मुफ्त की गई है, इसके अलावा महिलाओं के लिए साधारण बसों में राज्य के भीतर 50 फीसदी किराए में भी छूट दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के पानी के बिल भी माफ किए गए हैं। इस अवसर पर अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग संजीव महाजन, सहायक अभियंता लोक निर्माण विभाग जयचंद ठाकुर, सहायक अभियंता विद्युत विभाग तेजू राम, ग्राम पंचायत प्रधान उलांशा हरि सिंह, भारतीय युवा मोर्चा महामंत्री भरमौर आशीष घराटी, भरमौर प्रधान अनिल कुमार सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
आयोजन की तैयारियों को लेकर बैठक आयोजित मनीष ठाकुर। भरमौर एसडीएम भरमौर असीम सूद की अध्यक्षता में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियों को लेकर आज एसडीएम कार्यालय भरमौर के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में विभिन्न विभागों के उपमंडल स्तरीय अधिकारियों ने भाग लिया। एसडीएम ने कहा कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष उपमंडल स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह भरमौर के राष्ट्रीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बाल भरमौर में मनाया जाएगा। समारोह में मुख्य अतिथि द्वारा 11:00 बजे ध्वजारोहण किया जाएगा और परेड का निरीक्षण करने के उपरांत पुलिस की टुकड़ियों द्वारा आकर्षक मार्च पास्ट की सलामी दी जाएगी। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को उचित प्रबंध और तय सीमा के भीतर आयोजन की तैयारियों को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान विभिन्न स्कूलों के बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि इसके अतिरिक्त मुख्यातिथि द्वारा कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार भी वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि समारोह के दौरान कोविड-19 के अनुरूप व्यवहार भी सुनिश्चित बनाया जाएगा। इस बैठक में तहसीलदार भरमौर बालकृष्ण शर्मा, सहायक अभियंता विद्युत विभाग तेजू राम, थाना प्रभारी भरमौर बाबू राम, बाल विकास अधिकारी सुभाष दियोलिया व उद्यान विभाग डॉ. अशीष शर्मा सहित अन्य आधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐतिहासिक चम्बा चौगान से हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्षों के उपलक्ष्य पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम प्रगतिशील हिमाचल-स्थापना के 75 वर्ष का शुभारम्भ किया। इस ऐतिहासिक अवसर पर लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुखद संयोग है कि इस वर्ष देश अपनी आजादी के 75 वर्ष का उत्सव मना रहा है और साथ ही हिमाचल प्रदेश भी अपने गठन के 75 वर्ष मना रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने इन 75 वर्षों में सभी क्षेत्रों में अतुलनीय विकास और प्रगति की है जिसका श्रेय प्रदेश के प्रत्येक मेहनतकश और ईमानदार व्यक्ति को जाता है। विभिन्न बाधाओं के बावजूद, हिमाचल प्रदेश को देश के सबसे प्रगतिशील राज्यों में से एक बनाने के लिए प्रदेशवासियों ने पूर्ण समर्पण और प्रतिबद्धता के साथ काम किया। मुख्यमंत्री ने राज्य की विकासात्मक यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1948 में राज्य की प्रति व्यक्ति आय मात्र 240 रुपये थी, जो अब बढ़कर 2,01,873 रुपये हो गई है। राज्य का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) जो वर्ष 1948 में 27 करोड़ रुपये था अब बढ़कर 1,75,173 करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने कहा कि राज्य की साक्षरता दर आज 83 प्रतिशत हो गई है, जो वर्ष 1948 में मात्र 4.8 प्रतिशत थी। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि उत्पादन 954 मीट्रिक टन से बढ़कर 1500 मीट्रिक टन और खाद्यान्न उत्पादन वर्ष 1948 में 1.99 लाख मीट्रिक टन था, जो बढ़कर 15.14 लाख मीट्रिक टन हो गया है। जयराम ठाकुर ने सड़कों को पहाड़ी प्रदेश की जीवन रेखाओं की संज्ञा देते हुए कहा कि हिमाचल के गठन के समय राज्य में केवल 228 किलोमीटर सड़कें थीं और आज राज्य में 39,354 किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कें हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा आरम्भ की गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) ने ग्रामीण सम्पर्क सुनिश्चित करने में एक प्रमुख भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि राज्य में पीएमजीएसवाई के तहत लगभग 20,000 किलोमीटर सड़कें निर्मित की गई हैं। उन्होंने कहा कि चम्बा जिले में गठन के समय केवल 48 किलोमीटर लम्बी सड़कें थीं, जबकि आज जिले में 2,660 किलोमीटर से अधिक लम्बी सड़कें हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने अपना साढ़े चार वर्ष का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है और इस अवधि में राज्य का संतुलित और चहुंमुखी विकास सुनिश्चित किया है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्षी नेता बेबुनियाद मुद्दों को उठा रहे हैं और चुनाव को देखते हुए लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार जरूरतमंदों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान करने पर प्रति वर्ष 1300 करोड़ रुपये से अधिक व्यय कर रही है, जबकि पिछली राज्य सरकार द्वारा केवल 400 करोड़ रुपये व्यय किए गए थे। उन्होंने कहा कि हिमकेयर, सहारा योजना, गृहिणी सुविधा योजना और शगुन योजना ने जरूरतमंदों और गरीबों को बहुत आवश्यक राहत प्रदान की है। जयराम ठाकुर ने सदियों से ऐतिहासिक मिंजर महोेत्सव को पूरे उत्साह एवं परम्परागत ढंग से मनाने के लिए राज्य के लोगों और विशेष रूप से चम्बा जिले के सभी निवासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि मिंजर महोत्सव हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी आज अपने मन की बात कार्यक्रम में राज्य में मनाए जाने वाले चम्बा मिंजर, सायर मेले और जागरा मेले का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने मिंजर के अवसर पर राज्य की जनता को बधाई भी दी। उन्होंने कहा कि यह राज्य और यहां के लोगों के प्रति प्रधानमंत्री के स्नेह एवं उनकी उदारता को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने मिंजर महोत्सव के अवसर पर इस उत्सव को अंतरराष्ट्रीय दर्जा देने की भी घोषणा की। उन्होंने चम्बा चौगान के सौंदर्य को और अधिक निखारने के लिए यहां रोशनी की उचित व्यवस्था करने की भी घोषणा की। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों द्वारा हिमाचल तब और अब थीम पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के गठन के 75 वर्षों पर आधारित गीत भी जारी किया गया। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा निर्मित हिमाचल प्रदेश के 75 वर्षों के गौरवशाली इतिहास पर आधारित एक वृत्तचित्र को भी प्रदर्शित किया गया।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आज बचत भवन चम्बा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम को सुना। कार्यक्रम मन की बात का यह अंक बहुत विशेष था क्योंकि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में चम्बा के मिंजर मेले का विशेष उल्लेख किया और चम्बा की प्राकृतिक सुंदरता की प्रशंसा में चंबियाली गीत की कुछ पंक्तियाँ भी सुनाईं। प्रधानमंत्री ने शिमला, मंडी, सोलन और कुल्लू जिले में मनाए जाने वाले सायर मेले तथा शिमला और सिरमौर जिले में मनाए जाने वाले जागरा मेले का भी उल्लेख किया। इस अवसर पर प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष हंस राज, मुख्य सचेतक बिक्रम जरयाल, विधायक पवन नैय्यर, अध्यक्ष एपीएमसी चम्बा डी.एस. ठाकुर सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
--बस सेवा शुरू होने से सैकड़ों लोग होंगे लाभान्वित भरमौर पांगी के विधायक जियालाल कपूर ने घरवाला में आज चंबा-धरवाला-राड़ी बस रूट पर हिमाचल पथ परिवहन निगम डिपो चंबा की बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इसका बुधवार को भरमौर पांगी के विधायक ने शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस बस सुविधा से राडी ग्राम पंचायत के सैकड़ों लोगों को लाभ मिलेगा। इस दौरान विधायक जियालाल कपूर ने धरवाला से राड़ी तक बस में बैठकर सफर भी किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में लोगों की मूलभूत सुविधाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य किए जा रहे हैं और क्षेत्र में विकासात्मक कार्यों को गति प्रदान की गई है। विधायक जियालाल कपूर ने बताया कि क्षेत्र के लोगों द्वारा काफी लंबे समय से बसों के रूट को चलाने की मांग उठाई गई थी। इस अवसर पर उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि इस बस के शुरू होने से पूरे क्षेत्र के लोगों की वर्षों पुरानी लंबित चली आ रही मांग पूरी हो गई है।
अगस्त माह में होने वाली श्री मणिमहेश यात्रा को लेकर परिवहन विभाग चम्बा ने बेहतर व्यवस्था को सुनिश्चित बनाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ओंकार सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बस व टैक्सी ऑपरेटरों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ओंकार सिंह ने बैठक में निर्देश जारी किए कि अगर कोई यात्री बस के इंजन पर लगी अतिरिक्त सीट पर बैठा हो या किसी महिला बेटी के साथ दुर्व्यवहार करता हुआ पाया गया तो उसकी शिकायत तुरंत पुलिस से करें। बस ऑपरेटर अपने चालकों को स्वयं यातायात नियमों के प्रति सचेत करें और समय-समय पर बसों का निरीक्षण भी करें। टैक्सी व बस ऑपरेटर निर्धारित किराए से अधिक न वसूल कर पाएंगे।यात्रा के दौरान संदिग्ध व्यक्ति मिलने व दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें। उन्होंने यह भी कहा कि मिंजर व मणिमहेश मेले के दौरान बस ऑपरेटर और टैक्सी चालक परिवहन विभाग, पुलिस व प्रशासन का सहयोग करें। सड़कों पर गलत ढंग से वाहनों को खड़ा न करें ताकि जाम की समस्या उत्पन्न न हो। बैठक में वाहनों में क्षमता से अधिक सवारियां भरने, सवारियों को टिकट न देने, कम अथवा अधिक किराया वसूलने की शिकायतें और बस व टैक्सी के स्टाफ के व्यवहार आदि के बारे में विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा सहित मिंजर मेले के दौरान विभाग की टीमें जिला चम्बा में जगह-जगह नाकाबंदी करेंगी। यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। आरटीओ ने कहा कि यातायात नियम चालान करने के लिए नहीं बल्कि वाहन चालकों व राहगीरों की सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं। इस मौके पर निजी बस ऑपरेटर यूनियन तथा जिले के टैक्सी चालक यूनियन के पदाधिकारियों सहित विभागीय स्टाफ भी मौजूद रहा।
मुनीष ठाकुर। भरमौर विकासार्थ विद्यार्थी द्वारा पौधारोपण महाअभियान के अंतर्गत आज इकाई भरमौर के कार्यकर्ताओं द्वारा पौधारोपण किया गया। इस मौके पर कार्यकर्ताओं द्वारा आज 500 पौधे लगाए गए। इकाई मंत्री विवेक चाडक ने बताया कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के आयाम स्टूडेंट फॉर डिवेलप्मेंट के माध्यम से इकाई ने भरमौर के घराडू में जा कर पौधारोपण किया। इसमें कार्यकर्ता के साथ स्थानीय स्कूल डीएवी के छात्र एवं छात्राओं ने भी पौधारोपण के कार्यक्रम में भाग लिया। विवेक चाडक ने बताया कि लोगों द्वारा पर्यावरण को सुरक्षित करने के लिए लगातार संघर्ष करना चाहिए। पर्यावरण ही मानव जीवन की संरचना का मूलभूत आधार है। अगर प्रकृति और पर्यावरण सुरक्षित रहेंगे, तभी मानव के जीवन का अस्तित्व सुरक्षित रह पाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद लगातार स्थापना काल से ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए कार्य कर रही है और यह संगठन एक ऐसा संगठन है, जो अपनी कार्यशैली और समाज को ध्यान में रखकर व संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रहा है।उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थी परिषद ने पूरे भारतवर्ष में अपने आयाम सेवार्थ विद्यार्थी के माध्यम से एक करोड़ से अधिक पौधारोपण का कार्य किया है। हिमाचल प्रांत में भी एक लाख से अधिक पौधा रोपण का कार्य किया जा चुका है, जिसके अंतर्गत जिला चंबा में भी विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं के द्वारा सेवार्थ विद्यार्थी के साथ मिलकर विभिन्न इकाइयों के द्वारा 5000 पौधे रोपे गए हैं तथा आज इसी अभियान के तहत इकाई भरमौर के कार्यकर्ताओं के द्वारा भरमौर के घराडू में जाकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं के द्वारा 500 पौधे लगाए गए। विद्यार्थी परिषद एक पर्यावरण हितैषी तथा उनके संरक्षण के लिए लगातार कार्य कर रहा है। इस मौके पर मुख्यातिथि जगपाल चौहान, नगर अध्यक्ष, एडवोकेट करण गौतम, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य, विवेक चाडक, इकाई उपाध्यक्ष, स्वाति शर्मा, एसएफडी प्रमुख दीपांशी शर्मा, बीए प्रमुख प्रियंका, सहसचिव शीतल शर्मा, कार्तिक चाढ़क, अमित ठाकुर, अतुल शर्मा, शिवानी शर्मा और नगर इकाई के कार्यकर्ता एवं वन विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहे।
अंडर-14 खेल प्रतियोगिता संपन्न, विधायक रहे मुख्यातिथि प्रतियोगिता के विजेताओं को वितरित किए पुरस्कार मनीष ठाकुर। भरमौर खेल हमारे जीवन का अभिन्न अंग जिससे इंसान मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रहता है। इसलिए बच्चे अपने विद्यार्थी जीवन में विशेष रूप से खेलों का अनुसरण अवश्य करें। यह बात उन्होंने आज भरमौर हेलीपैड में चार दिवसीय भरमौर जॉन अंडर-14 खेल प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर मुख्यातिथि शिरकत करते हुए अपने संबोधन में कही। उन्होंने कहा कि खेलों से जहां छात्र नशे इत्यादि से दूर रहते हैं। वहीं, दूसरी और उनके मन में अनुशासन की भावना उत्पन्न होती है। उन्होंनें प्रतियोगिता में भाग लेने वाले भरमौर जोन के 40 स्कूलों के 430 प्रतिभागियों को बधाई भी दी और भविष्य में खेलों के साथ जुड़े़ रहने की बात कही। विधायक जियालाल कपूर ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरमौर को खो-खो मैट देने की घोषणा भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र भरमौर में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और अधिक गुणवत्ता प्रदान करने के लिए प्राथमिकता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। विधायक जियालाल कपूर ने प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार भी वितरित किए। प्रधानाचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला भरमौर राजेश कुमार ने मुख्यातिथि को शॉल टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान खेलकूद प्रतियोगिता के समापन समारोह के अवसर पर छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
श्रीमणिमहेश मेले के दौरान स्थानीय उत्पादों की की जाएगी बिक्री मनीष ठाकुर । भरमौर विकास खंड भरमौर के सभागार में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में श्री मणिमहेश मेले के दौरान में स्थानीय उत्पादों की बिक्री को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में स्थानीय उत्पाद जैसे राजमाह, माह, कुलथ, सेब, अखरोट, शहद, स्थानीय शॉल व स्वेटर इत्यादि की बिक्री के लिए उनकी सही तरीके से पैकेजिंग करने का निर्णय लिया गया। खंड विकास अधिकारी कार्यालय के राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के समन्वयक संजय शर्मा ने कहा कि उत्पादों की पैकिंग के लिए जिला ग्रामीण विकास अभिकरण चंबा से आवश्यक धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी है। संजय ने कहा कि स्वंय सहायता समूह के लिए 10 कैनोपी उपलब्ध कराई गई। इसके साथ ही दादवा गांव में स्थाई हिम इरा दुकान भी खोली जा रही है, जिससे महिलाओं की आर्थिकी मजबूत होगी।
हिमाचल में लगातार बारिश का कहर जारी रहा। जिला चम्बा के साथ लगती ग्राम पंचायत सरोल तथा हरिपुर में बारिश के कारण भरी मात्रा में पानी व मलबा लोगों के घरो में घुस गया। लोगो को जान बचाने के लिए सुरक्षित स्थानों की ओर भागना पड़ा। इसके अलावा खेतो में भी पानी व मालवा आने से मक्की की फसलों को काफी नुकसान हुआ। इससे पहले लोग कुछ समझ पाते वे पहाड़ी की ओर भागने लगे। इस हादसे में अभी तक किसी तरह का जानी नुक्सान होने की कोई सुचना नहीं है। वीरवार को हुई बारिश के कारण चम्बा - पठानकोट एनएच् पर चनेड , उदयपुर तड़ोली में मालवा सड़को पर आ गया। जिस कारण मार्ग पर करीब आधा घंटा वाहनों की आवाजाही बंद रही। इसके अलावा चम्बा-सुंडला-सलूणी मार्ग पर कैला मोड़ पर डंगा गिर गया। जिसके कारण वहां से गुजर रही कार का एक हिस्सा लटक गया। इसके अलावा शहर के कई क्षेत्रो में भी काफी नुक्सान हुआ।
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर निशांत ठाकुर की अध्यक्षता में श्री मणिमहेश न्यास की बैठक का आयोजन लघु सचिवालय में किया गया। बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने श्रद्धालुओं की सुविधा के दृष्टिगत भरमौर बस स्टैंड से चौरासी मंदिर परिसर तक सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि यात्रियों की सहायता एवम सुविधा के लिए शिकायत कक्ष भी खोले जाएं। उन्होंने कहा कि इस बार हेलीकॉप्टर की सुविधा 1 सप्ताह पहले से शुरू हो जाएगी ताकि यात्रियों को कोई परेशानी ना हो। उन्होंने विशेषकर साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने के निर्देश भी दिए। बैठक में लंगर समितियों के अध्यक्षों ने भी अपने सुझाव रखे। अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ने लंगर समितियों के अध्यक्षों को प्रशासन द्वारा हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। बैठक में उपमंडल अधिकारी नागरिक असीम सूद, तहसीलदार भरमौर बालकृष्ण शर्मा, वन मंडल अधिकारी नरेंद्र सिंह, खंड चिकित्सा अधिकारी अंकित शर्मा, सहायक अभियंता जल विभाग से विवेक, कनिष्ठ अभियंता बिजली विभाग दिनेश, लंगर समिति अध्यक्ष विपिन महाजन सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
बुधवार को घोषित 10 के परिणाम में डीएवी पब्लिक स्कूल गोहजू के साहिल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में 10वा रैंक पाया है। साहिल शर्मा मूल रूप से जिला चंबा के भरमौर स्थित छोटे से गांव पालदा के रहने वाले हैं। उनके पिता डीएवी पब्लिक स्कूल गोहजू में फिजिकल एजुकेशन के अध्यापक हैं। साहिल की इस उपलब्धि पर स्कूल के क्षेत्रीय अधिकारी जीके भटनागर व स्कूल प्रबंधक संजीव ठाकुर ने बधाई दी है। साहिल शर्मा ने बताया कि अगर हम शुरू से ही पढ़ाई की तरफ ध्यान दें तो पेपर के समय कोई समस्या नहीं आती है। साहिल ने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 6 घंटे पढ़ाई करता था। उसकी सफलता के पीछे उसके माता-पिता, अध्यापक वर्ग, स्कूल के प्रधानाचार्य जयदेव शर्मा का विशेष हाथ रहा है।
मुनीष ठाकुर।भरमौर नेहरू युवा केंद्र चंबा के सौजन्य से आज विकास खंड तीसा की ग्राम पंचायत झाझा कोठी के गांव मीटयूड में नशामुक्त जागरूक अभियान चलाया गया। इसमें शक्ति युवक मंडल भट्ट महुआ के सदस्य और झाझा कोठी ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा बढ़ चढ़कर भाग लिया। इसमें नेहरू युवा केंद्र चंबा की स्वयंसेवी कविता ठाकुर ने लोगों को नशा मुक्त अभियान के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर उन्होंने नेहरू युवा केंद्र की कार्यप्रणाली के बारे में लोगों को जागरूक किया। इस कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में बीडीसी के वॉइस चेयरमैन दुनी चंद ने शिरकत की साथ ही में रिसोर्स पर्सन के तौर पर सीनियर सेकेंडरी स्कूल थानेकोठी के एलटी खेमराज साथ ही में समाजसेवी टेकचंद ने लोगों को नशा मुक्त अभियान के बारे में जागरूक किया। मुख्यातिथि ने लोगों को नशे के बारे में जागरूक किया और लोगों से आह्वान किया कि नशा एक धीमा जहर है। इसलिए अभी से ही इसे छोड़ने का प्रण लें। रिसोर्स पर्सन ने नशे के बारे में युवाओं को जागरुक किया और नशा मुक्त अभियान की पृष्ठभूमि के बारे में युवाओं को जागरूक किया। सर्वप्रथम नशा मुक्त अभियान कब से मनाया जाता है और इसके मनाने का मेन उद्देश्य क्या है। युवाओं को इसके बारे में जानकारी होनी चाहिए। नशा करने से शरीर को मानसिक संवेगात्मक व आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है।
जिला चंबा के होली मार्ग पर ज्यूरा मंदिर के पास गुरूवार सुबह अचानक पहाड़ी दरक गई। पहाड़ी दरकने से मुख्य मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ठप्प हो गई जिसके चलते लोगों काफी देर तक सड़क में फंसे रहना पड़ा। हादसे की सुचना मिलते ही लोक निर्माण विभाग ने सड़क को यातायात हेतू बहाल करने का कार्य आरंभ कर दिया, लेकिन सड़क पर भारी भरकम चट्टानें होने के कारण जेसीबी मशीनें भी इन्हें हटा नहीं पाई है। नतीजतन सड़क को बहाल करने के लिए ब्लास्टिंग का उपयोग किया जा रहा है। मामले की पुष्टि करते हुए पुलिस थाना भरमौर ने बरसात के चलते यात्रियों को आगाह किया है। पुलिस ने कहा है कि बरसात के मौसम में पहाड़ों में दरारें आ जाती है, जिसकी वजह से स्लाइडिंग होती है। पुलिस ने अपील की है कि बिना वजह घर से बाहर ना निकले, जरूरी हो तभी घर से निकले। वहीं भरमौर आने वाले पर्यटकों से भी पुलिस ने सुरक्षा का ध्यान रखते हुए सफर करने की अपील की है।
मनीष ठाकुर। भरमौर भारत सहित दुनियाभर में 21 जून को आठवां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़ी धूमधाम से मानने जा रहा है। इस अवसर पर मंगलवार को नेहरू युवा केंद्र चंबा के द्वारा भरमौर ब्लॉक के स्वयंसेवक यूथ क्लब महिला मंडल के माध्यम से खणी पंचायत में योग शिविर का आयोजन करवाने जा रहे है। योग दिवस कार्यक्रम के उपल्क्ष पर बतौर मुख्याथिति जिला परिषद अनिल कुमार व नेहरू युवा केंद्र के स्वयंसेवक उर्मिला कुमारी और मनीष ठाकुर शिरकत करेंगे। नेहरू युवा केंद्र चंबा के भरमौर ब्लॉक के स्वयंसेवक मनीष कुमार और उर्मिला कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष नेहरू युवा केंद्र के द्वारा खणी पंचायत में योग शिविर का आयोजन रखा गया है। कार्यक्रम का आयोजन सुबह 6:00 बजे से 8:00 बजे तक खणी के द्रोवी प्रगाण में किया जाएगा। उर्मिला कुमारी ने जानकारी देते हुए बताया कि भरमौर ब्लॉक के सभी युवा मंडल एवं महिला मंडल और अन्य स्वयंसेवी संगठन अपने-अपने क्षेत्रों में कोविड-19 की जारी गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को योग अभ्यास करने के लिए जरूर प्रेरित करे। उर्मिला कुमारी ने बताया कि योग ही हमारे शरीर में स्फूर्ति के साथ साथ ऊर्जावान बनाए रखता है।
पठानकोट-भरमौर एनएच मार्ग पर पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी मनीष ठाकुर । भरमौर स्टेट नारकोटिक्स क्राईम कंट्रोल यूनिट की टीम ने भरमौर एनएच पर खड़ामुख के पास एक व्यक्ति को 502 ग्राम चरस सहित गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान ओम प्रकाश निवासी ग्राम पंचायत उलांसा तहसील भरमौर जिला चंबा के रूप में हुई है। बहरहाल आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस थाना भरमौर में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है। जानकारी के अनुसार स्टेट नारकोटिक्स क्राईम-कंट्रोल फील्ड यूनिट की टीम ने रविवार को भरमौर एनएच पर खड़ामुख टनल के पास नाकाबंदी कर रखी थी। इस दौरान एक शख्स वहां से पैदल गुजर रहा था और जब उसने पुलिस टीम को देखा, तो वह हड़बड़ा गया। जिस पर टीम ने शक के आधार पर उसकी तलाशी ली तो, उसके कब्जे से 502 ग्राम चरस बरामद हुई। जिस पर आरोपी के खिलाफ पुलिस थाना भरमौर में एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आगामी छानबीन आरंभ कर दी है।
मोदी सरकार कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ ईडी को हथियार बना कर मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का खेल खेल रही है।इस केस को बंद कर दिया गया था। उसे भाजपा के इशारे पर फिर से खोल कर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को मानसिक रूप से प्रताडि़त करने का प्रयास किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश कांग्रेस सचिव राज सिंह ठाकुर ने चंबा में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री अब चंबा की जन समस्याओं का सामना करने के डरने लगे है तभी तो प्रेस वार्ता को छोड़ कर चले गए। राज सिंह ने कहा कि हिमाचल सरकार व उसके मंत्री जिला चंबा के लोगों के स्वास्थ्य को लेकर कतई गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि साढ़े चार सालों में मेडिकल कॉलेज चंबा की हालत बद से बदतर हो गई लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक महज आश्वासन देने में ही व्यस्त रहे। मेडिकल कॉलेज चंबा के पहले चरण का कार्य चालू वर्ष के दिसंबर में पूरा होने की मुख्यमंत्री व केंद्रीय मंत्री दावा कर चुके हैं लेकिन यह कार्य अगले वर्ष तक भी पूरा हो जाए तो बेहद गनीमत होगी, क्योंकि पहले चरण के लिए जो पैसा स्वीकृत हुआ है उतना भी निर्माण कार्य को अंजाम देने वाली कंपनी को अभी तक जारी नहीं किया गया है। कंपनी की करोड़ों रुपए की पेमेंट पर सरकार ने कुंडली मार रखी है। दूसरे चरण के निर्माण कार्य के लिए अभी तक एक फूटी कौड़ी तक जारी नहीं की गई है तो इसका अभी तक एफ.सी.ए. केस तक क्लीयर नहीं हुआ है। इस मौके पर जिला कांग्रेस कमेटी चंबा के प्रवक्ता जगदीश हांडा, जिला कांग्रेस अनुसूचित जाति सैल के अध्यक्ष जितेंद्र सूर्या व पूर्व युकां अध्यक्ष चंबा शिवांक शर्मा सहित विभिन्न पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधि मौजूद रहे।
21 लाख से निर्मित होगा राजकीय माध्यमिक पाठशाला लेच का भवन मनीष ठाकुर। भरमौर विधायक जियालाल कपूर ने विधानसभा क्षेत्र भरमौर की ग्राम पंचायत लेच में आज 2 करोड़ 87 लाख रुपए से निर्मित विकासात्मक कार्यों के विधिवत उद्घाटन व शिलान्यास किए। उन्होंने ग्राम पंचायत लेेच को रावी नदी पर 2 करोड़ 57 लाख से नाबार्ड के अंतर्गत निर्मित जीप योग्य पुल का उद्घाटन किया। इसके अलावा 21 लाख से निर्मित होने वाले राजकीय माध्यमिक पाठशाला लेच के भवन व मुख्य सड़क गैहरा से गांव सिधुंआ तक लाडा से स्वीकृत 9 लाख रुपए से जीप योग्य डेढ किलोमीटर लंबी संपर्क सड़क मार्ग का शिलान्यास भी किया, जिसके लिए विधायक जियालाल कपूर ने समस्त ग्राम पंचायत लेच की जनता को बधाई दी। कार्यक्रम के आरंभ में पिछले सप्ताह गैहरा में हुई सड़क दुर्घटना में जान गवाने वाले लोगों कि दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा। इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि रावी नदी पर जीप योग्य पुल के निर्माण होने से ग्राम पंचायत लेच की समस्त जनता को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत लेच के गांव सिंधुआ में 95 प्रतिशत लोग सिख समुदाय के हैं। गांव सिंधुआ के लोगों की गांव को संपर्क सड़क मार्ग से जोड़ने की मांग लंबे समय से है। उन्होंने कहा कि सड़क का निर्माण कार्य जल्द शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गांव लेच में राजकीय माध्यमिक पाठशाला लेच के भवन का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा, जिसके लिए 21 लाख रुपए की धनराशि खर्च की जाएगी, जिससे स्थानीय बच्चों को शिक्षा सुविधा घर द्वार पर ही उपलब्ध होगी। उन्होंने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा भरमौर विधानसभा को दिए जिम में से सर्वप्रथम जिम ग्राम पंचायत लेच में खोलने का आश्वासन दिया। विधायक जियालाल कपूर ने इस दौरान लोगों की समस्याओं को सुना और अधिकतम का मौके पर ही निराकरण भी किया। इस दौरान विधायक जियालाल कपूर ने प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी नीतियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार आम जनमानस के उत्थान के लिए सहारा योजना, शगुन योजना, मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना व हिमकेयर व आयुष्मान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं चलाई है। कार्यक्रम में भरमौर व गैर जनजातीय क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले विभिन्न विभागीय अधिकारियों को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला गैहरा के छात्र-छात्राओं ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए। इस अवसर पर पंचायत समिति सदस्य शिमला देवी, प्रधान ग्राम पंचायत लेच सुनीता भूषण, प्रधान ग्राम पंचायत भरमौर अनिल कुमार, अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग संजीव महाजन, डीपीओ समग्र शिक्षा राजेश शर्मा, सहायक अभियंता विद्युत विभाग तेज सिंह ठाकुर, सहायक अभियंता जल शक्ति विभाग सुरेश ठाकुर, कनिष्ठ अभियंता विद्युत विभाग गोविंद ठाकुर सहित अन्य गणमान्य मौजूद रहे।
मनीष ठाकुर।भरमौर विधायक जियालाल कपूर ने आज भरमौर के गला कटाई में मंडलीय भंडारण और कनिष्ठ अभियंता के आवास की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भरमौर विधानसभा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है और उन्होंने सड़क निर्माण के लिए लोगों द्वारा अपनी सहभागिता सुनिश्चित बनाने को भी कहा। उन्होंने कहा कि भरमौर क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भरमौर सीवरेज व्यवस्था की हालत दयनीय थी, उसके जीर्णोद्धार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा 19 करोड़ रुपए की धनराशि को स्वीकृति प्रदान की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने भरमौर में इंडोर स्टेडियम बनाने की घोषणा की थी, जिसके लिए धनराशि स्वीकृत हो गई है और जल्द ही कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भरमौर में हिमाचल पथ परिवहन निगम की नई 10 बसें और आ गई है। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को चौबिया बाईपास सड़क मार्ग को तय सीमा के भीतर पूरा करने निर्देश दिए और जल्द ही इसका उद्घाटन भी किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा श्री मणिमहेश यात्रा 2 साल बाद इस वर्ष होगी। यात्रा में आए यात्रियों की सुविधा के लिए नया हेलीपैड भी बनाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसके पश्चात विधायक ने 47 लाख रुपए की लागत से निर्मित स्वास्थ्य उप केंद्र हड़सर का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य उप केंद्र हड़सर के इस भवन के निर्माण से अब यहां के लोगों को और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है। उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के एकल परिवार में रहने वाले गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों को स्वास्थ्य सेवा के अतिरिक्त देखभाल के लिए सहारा योजना क्रियान्वित की जा रही है। योजना के तहत लाभार्थी को 3 हजार प्रतिमाह वित्तीय सहायता दी जा रही है। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से विभागीय योजनाओं का लाभ लेने की बात भी कही। इसके अतिरिक्त कृषि और उद्यान विभाग को विभागीय योजना से अवगत कराने के लिए शिविरों का आयोजन करने के निर्देश भी दिए। इसके पश्चात उन्होंने श्री मणिमहेश यात्रा के लिए विभागीय अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता भी की। श्री मणिमहेश यात्रा के लिए उचित प्रबंधन को लेकर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी जारी किए। इसी के साथ उन्होंने लाडा की बैठक की अध्यक्षता भी की। इस अवसर पर कार्यवाहक अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी भरमौर निशांत ठाकुर, एसडीएम भरमौर आसीम सूद, वेटरनरी सहायक निदेशक राकेश भंगालिया, पुलिस उप अधीक्षक चंबा अभिमन्यु, डीएफओ भरमौर नरेंद्र ठाकुर, अधिशासी अभियंता जल शक्ति दिलेर सिंह, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग महाजन व सीडीपीओ सुभाष देवरिया सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
--सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना से विद्यार्थी हो रहे है प्रोत्साहित : कपूर प्रदेश सरकार शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा को गुणवत्ता प्रदान करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है। यह बात विधायक जियालाल कपूर ने बुधवार को श्रीनिवासन रामानुज विद्यार्थी डिजिटल योजना के तहत मेधावी छात्र छात्राओं को मुख्यमंत्री की ओर से लैपटॉप वितरित करने के दौरान कही। इस दौरान उन्होंने जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 73 मेधावी छात्र छात्राओं को पुरस्कार के तौर पर लैपटॉप दिए। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस महत्वकांक्षी योजना के तहत परीक्षाओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रदेश सरकार द्वारा लैपटॉप दिए जाते हैं। इस दौरान उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य में शिक्षा के क्षेत्र में और बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित भी किया। इस अवसर पर उपमंडल अधिकारी नागरिक आसीम सूद, खंड परियोजना अधिकारी अरुणा चाढक, प्रधान ग्राम पंचायत भरमौर अनिल कुमार, बीपीओ मैहला रंजना शर्मा सहित शिक्षा खंड भरमौर के विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्य उपस्थित रहे।
आज राजकीय प्राथमिक पाठशाला थल्ली सियुका में शिक्षा संवाद का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता पाठशाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष राणा राम द्वारा की गई। इस शिक्षा संवाद में पाठशाला में शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों के सभी अभिभावकों ने भाग लिया। इस मौके पर पाठशाला से संबंधित व बच्चों के पठन-पाठन से संबंधित विभिन्न विषयों पर चर्चा परिचर्चा की गई। बच्चों की शिक्षा की बेहतरी व बच्चों के सर्वांगीण विकास को लेकर किस प्रकार बेहतर ढंग से कार्य किया जा सकता है। इस विषय पर विचार-विमर्श किया गया। इस मौके पर पाठशाला के प्रभारी देश राज व अध्यापक नेक राज द्वारा अभिभावकों को ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन शिक्षण के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए माता-पिता की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया। सभी माता-पिता को नए मूल्यांकन पैटर्न और कैलेंडर से अवगत करवाया गया। मूल्यांकन की ग्रेडिंग प्रणाली, सीखने के स्तर तथा परिणामों की रिपोर्ट साझा की गई ।
किशोर गुप्ता। चंबा उपमंडल के नकरोड़-चरडा- चांजू संपर्क मार्ग पर बाईक के गहरे नाले में जा गिरने से राइडर की मौत हो गई। मृतक की पहचान रूमी राम वासी गांव नाली पोस्ट ऑफिस चरडा के तौर पर की गई है। पुलिस ने मंगलवार को मृतक के शव का सिविल अस्पताल तीसा में पोस्टमार्टम करवाने के बाद अंतिम संस्कार हेतु परिजनों को सौंप दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर दुर्घटना के विस्तृत कारणों की जांच आरंभ कर दी है। गत शाम नाली गांव का रूमी राम मोटरसाइकिल पर सवार होकर नकरोड़ से वापस घर की ओर लौट रहा था। इसी दौरान कठवाड़ के नजदीक मोटरसाइकिल अचानक अनियंत्रित होकर सड़क से नीचे गहरे कंगेला नाले में जा गिरा। परिणाम स्वरूप मोटरसाइकिल राइडर रूमी राम की मौके पर ही मौत हो गई। मोटरसाइकिल गिरने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचे लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। सूचना पाते ही नकरोड़ पुलिस चौकी से टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों के सहयोग से मृतक के शव को उठाकर पोस्टमार्टम हेतु भिजवाया। पुलिस ने आरंभिक जांच के आधार पर इस संदर्भ में भादंसं की धारा 279 व 304 ए के तहत तीसा पुलिस थाना में मामला दर्ज किया है। उधर, डीएसपी हेड क्वार्टर अभिमन्यु वर्मा ने घटना की पुष्टि की है उन्होंने बताया कि घटना को दुर्घटना को लेकर नियमानुसार आगामी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई गई है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम करवाकर वारिसों के हवाले कर दिया गया है।
मुनीष ठाकुर। भरमौर हिमाचल प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्व-शासन को स्थापित और विकसित करने उत्तम प्रावधान बनाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयत्नशील है। पंचायतों को सुदृढ़ बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज विभाग द्वारा पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर 5 दिन बाद शनिवार को समाप्त हो गया। इसकी अध्यक्षता पंचायती राज के निदेशक रविंद्र कुमार ने की। प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 24 से 28 मई तक पंचायती राज विभाग द्वारा बैजनाथ में रखा गया था। इसमें जिला चंबा के अंतर्गत भरमौर, पांगी तीसा, चंबा ब्लॉक प्रधान, उपप्रधान, पंचायत सहायक, सचिव सहित सलाई अध्यापिका उपस्थित रही। ग्राम पंचायत होली के प्रधान देवी सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रशिक्षण के दौरान पंचायती राज के निदेशक रविंद्र कुमार द्वारा पंचायती राज विभाग की महत्वपूर्ण जानकारी प्रशिक्षण के दौरान प्रदान कारवाई गई। प्रधान देवी सिंह ने बताया कि इस दौरान सभी ब्लॉक के प्रधान, उपप्रधान, पंचायत सहायक, सचिव को मनरेगा, पंचायत राज अधिनियम व नियम, समाज में महिला मंडलों की भूमिका व ग्राम सभा की बैठकों के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी मुहैया कारवाई गई।
किशाेर गुप्ता। चंबा चंबा-साहो मार्ग पर गत देर रात पुलिस की एसआईयू सेल की टीम ने 819 ग्राम चरस सहित दो लोगों को दबोचने में सफलता हासिल की है। आरोपियों के खिलाफ मादक द्रव्य अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर हवालात में बंद कर दिया है। आरोपियों को पुलिस रिमांड हेतु अदालत में पेश किया जा रहा है। आरोपियों की पहचान सावरिया वासी गांव घडेतर और भगत राम वासी गांव भटवाड़ के तौर पर की गई है। जानकारी के अनुसार एस आईएसयू सेल के प्रभारी परमेश शर्मा की अगवाई में सुंगल जीरो प्वाइंट पर नाका लगा रखा था। इसी दौरान वहां से पैदल गुजर रहे सावरिया व भगत राम पुलिस टीम को देखकर घबरा गए। पुलिस टीम ने दोनों की गतिविधियां संदिग्ध दिखने पर तुरंत हरकत में आते हुए पकड़ लिया पुलिस ने संदेह के आधार पर इन दोनों की तलाशी दौरान 819 ग्राम चरस बरामद की। उधर, डीएसपी चंबा अभिमन्यु वर्मा ने 819 ग्राम चरस सहित दो लोगों के पकड़े जाने की पुष्टि की है।
20 दिनों तक चलेगा 'आप' का बदलाव मार्च अभियान हर विधानसभा में होगा 'आप' का बदलाव मार्च अभियान नितिश शर्मा। डल्हौजी पर्यटन के क्षेत्र में रोज़गार की अपार संभावनाएं होने के बावजूद ख़स्ता सड़कों-स्वस्थ एवं चरमराती शिक्षा व्यवस्था से जूझते तथा हिमाचल सरकार दाेबारा चुराह घाटी की अनदेखी से क्षुब्ध हो चुके लोगों ने आम आदमी पार्टी के बदलाव मार्च में बढ़-चढ़कर भाग लिया। 'आप' का बदलाव मार्च साढ़े 12 बजे भंजराड़ू चौक से शुरू होकर मुख्य बाज़ार से होते हुए तहसील तक पहुचा जिस दौरान इस बदलाव मार्च के माध्यम से लोगों को आम आदमी पार्टी की उपलब्धियों तथा अरविंद केजरीवाल के विकास मॉडल के बारे में अवगत कराया गया। इस बदलाव मार्च में बहुत सारे लोगों ने भाग लिया। ख़ूबसूरत चुराह घाटी में पर्यटन की हालांकि अथाह संभावनाएं हैं। चाहे चंबा को पांगी से जोड़ने वाला तथा पर्यटकों को आकर्षित करता आया साच पास हो, प्राचीन एतिहासिक गांव देवीकोठी हो, ट्रेकिंग एवं आस्था के कारण सभी को अपनी ओर खींचती आइ गड़ासरू झील या चाहे पधरी जोत हो सभी स्थानों को पर्यटकों के लिए विकसित करने की बजाय प्रदेश की वर्तमान भाजपा सरकार तथा पूर्व की कांग्रेस सरकार ने यहां के लोगों को सिर्फ़ बहलाया ही है। बीते दिन जिस तरह का व्यवहार एवं निम्न स्तरीय भाषा का उपयोग चुराह विधायक एवं हिमाचल प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष ने रेला स्कूल में विद्यार्थियों के साथ किया था, उस व्यवहार से साफ पता चल जाता है कि ऐसे नुमायंदों की वजह से प्राकृतिक रूप से संपन चुराह घाटी को भाजपा और कांग्रेस दोनो दलों ने मिलकर बारी-बारी लूटा ही है।
मनीष ठाकुर। भरमौर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां शुरू हो गई है। युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के स्वायत्तशासी संगठन नेहरू युवा केंद्र चंबा के सौजन्य से भरमौर ब्लॉक में स्वयंसेवी उर्मिला कुमारी और मनीष कुमार ने डीएवी स्कूल भरमौर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के तहत काउंट डाउन योग कार्यक्रम आयोजित किया गया। स्कूल में बच्चों को योगाभ्यास करवाया शरीर को फिट रखने के उपाय बताए गए। साथ ही आगामी 21 जून को होने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बारे में भी जानकारी दी। कार्यक्रम के तहत स्कूल में बच्चों को तरह-तरह के योग जैसे अनुलोम विलोम प्राणायाम, शीतली प्राणायाम, कपालभाति आदि के बारे में जानकारी दी। इस अवसर पर डीएवी स्कूल के डीपी कमेलेश कुमार, भरमौर ब्लॉक के स्वयंसेवी उर्मिला कुमारी और मनीष कुमार उपस्थित रहे।
मंडी हमारी है, मंडी फलाने की है, सियासत में अक्सर नेता इस तरह के बयान देते है। मंडी को लेकर तरह -तरह के दावे होते है। पर अगर कोई ऐसा है जिसे सही मायने में मंडी ने बाहें फैलाकर स्वीकार किया तो वो थे पंडित सुखराम। कुल 13 मर्तबा मंडी सदर हलके से पंडित जी या उनके पुत्र अनिल शर्मा विधायक बने, पार्टी चाहे कोई भी रही हो। पंडित जी सियासत में किसी भी मुकाम पर रहे हो, किसी भी ओहदे पर रहे हो लेकिन उन्होंने मंडी का विशेष ख्याल रखा। आज भी मंडी के सेरी मंच पर जाकर पता लगता है कि किसी सोच के साथ उस शहर को विकसित किया गया है, वो भी उस दौर में। इसीलिए मंडी के लोग पंडित जी को विकास का मसीहा मानते है। कोई किसी भी राजनैतिक विचारधारा का क्यों न हो ,दबी जुबान में ही सही लेकिन ये जरूर स्वीकार करता है कि मंडी के विकास में पंडित सुखराम का योगदान अमिट है। नब्बे के दशक में पंडित सुखराम केंद्र में दूरसंचार मंत्री थे और उस दौर में बड़े शहरों में भी टेलीफोन का कनेक्शन लेने के लिए महीनों -सालों इन्तजार करना पड़ता था। पर पंडित जी के राज में मंडी में टेलीफोन की घंटी खूब बजी। जिसने चाहा उसे कनेक्शन मिला, मंडी वालों के लिए विभाग का सिर्फ एक ही नियम था, वो था जल्द से जल्द कनेक्शन देना। केंद्रीय मंत्री रहते हुए भी पंडित सुखराम लोगों की पहुंच में थे, बिल्कुल सरल और जमीन से जुड़े हुए। छोटी -छोटी समस्याएं लेकर भी लोग पंडित जी के पास पहुंच जाते और हर छोटी समस्या को भी पंडित सुखराम पूरी तल्लीनता से सुनते और हरसंभव हल करते। सिंबल कोई भी रहा पर मंडी वालों ने दिया साथ : इसे मंडी वालों का पंडित सुखराम के प्रति स्नेह ही कहेंगे कि उन्होंने या उनके पुत्र अनिल शर्मा ने चाहे किसी भी सिंबल पर चुनाव क्यों न लड़ा हो, मंडी वालों ने हमेशा साथ दिया। पहली बार बतौर निर्दलीय चुनाव जीतने वाले पंडित सुखराम लम्बे वक्त तक कांग्रेस में रहे और हमेशा विधानसभा चुनाव जीते। इसके बाद जब 1998 में उन्होंने हिमाचल विकास कांग्रेस बनाई तो भी मंडी ने उनका साथ दिया। 2017 में जब पंडित जी और उनका परिवार भाजपाई हो गए तो भी मंडी वालों का साथ उन्हें मिला।
ठंडा पाणी कियां करी पीणा हो, तेरे नौणा (पनिहारा) हेरी-हेरी जीणा हो हिमाचल प्रदेश में मनाए जाने वाले मेलों का अपना अलग ही स्थान है। यहां के मेलों का सम्बंध अक्सर मिथकों या तथ्यों से जुड़ा है। ऐसा ही एक मेला चम्बा के स्थानीय लोगों द्वारा मनाया जाने वाला सूही का मेला है। यह मेला उस देवी की याद दिलाता है जिसने अपनी प्रजा को पानी उपलब्ध कराने के लिए अपना बलिदान दे दिया था। कर्तव्य के प्रति इतने महान बलिदान का उदाहरण संसार में शायद ही कहीं अन्य दिखाई दे। उस रानी के बलिदान की याद को हृदय से लगाए रखा चम्बा की प्रजा ने और इसकी परिणति मेले में कर दी। ताकि आने वाली पीढिय़ां इस बात को याद रखें कि उनके पूर्वजों को पानी मुहैया करने की खातिर चम्बा की रानी ने प्रजा के प्रति अपने फर्ज के लिये बलिदान दे दिया था। मेले का आरम्भ लगभग एक हजार वर्ष पूर्व हुआ था, जब राजा साहिल बर्मन द्वारा चम्बा नगर की स्थापना की गई थी। इससे पूर्व समस्त चम्बा क्षेत्र की राजधानी ब्रह्मपुर (भरमौर) हुआ करती थी। राजा साहिल बर्मन ने अपनी बेटी चम्पा के आग्रह पर चम्बा को अपनी राजधानी बनाया। इससे पूर्व चम्बा में ब्राह्मण समुदाय के कुछ टोले रहा करते थे। चम्बा तो बस गया पर प्रजा की तकलीफें बढ़ गईं। मुख्य कठिनाई थी पानी की। लोगों को रावी दरिया से पानी लाना पड़ता था। राजा प्रतिदिन लोगों को मीलों दूर से पानी ढोते देखता और दुखी रहता। पर उस समस्या का हल शीघ्र ही ढूंढ निकाला गया। शहर से कुछ दूरी पर सरोथा नाले से नहर बनाकर चम्बा के लोगों को पानी उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान जल्दी ही क्रियान्वित हो गया। परन्तु नहर के माध्यम से पानी चम्बा तक नहीं पहुंच पाया। जमीन समतल होने पर भी पानी आगे नहीं जाता था। राजा के दुखों का पारावार न रहा। इसी उधेड़बुन में कि कैसे पानी उपलब्ध हो, कैसे प्रजा को सुख पहुंचे, वह लगा रहता। राजा को स्वप्न में दैवीय आदेश मिला की राजपरिवार से बलि दी जाए तो पानी आ सकता है। इस बात की आम चर्चा हो गई। बात जब रानी के कानों पहुंची तो उसने अपनी प्रजा के लिए अपना बलिदान देना सहर्ष स्वीकार कर लिया। लोगों की रानी के प्रति श्रद्धा का सबूत यह गाना है जो आज भी प्रचलित है 'ठंडा पाणी कियां करी पीणा हो, तेरे नौणा (पनिहारा) हेरी-हेरी जीणा हो।' बलिदान को जाते समय रानी ने लाल वस्त्र पहने थे। लाल रंग को स्थानीय बोली में सूहा भी कहा जाता है। इसी कारण रानी सुनयना का नाम सूही पड़ गया। पर कुछ लोग सूही सुनयना का बिगड़ा रूप मानते हैं। रानी के बलिदान के बाद राजा बहुत परेशान रहने लगा। रानी की याद उसे पागल किए रहती। एक रात राजा को सपने में रानी दिखाई दी। उसने राजा को दुखी न होने की बात कही और सांत्वना देते कहा कि वह प्रतिवर्ष चैत्र माह में उसके (रानी के) नाम एक मेले का आयोजन करे जिसमें गद्दी जाति की औरतों को अच्छा-अच्छा खाना खिलाए। इन्हीं गद्दणों में मैं (रानी) भी हूंगी। यदि राजा पहचान सकता है तो पहचान ले। राजा ने चैत्र माह मेले का आयोजन किया और गद्दणों को खूब सारा बढिय़ा खाना खिलाया। पता नहीं राजा को रानी के दर्शन हुए या नहीं पर तब से आज तक यह मेला प्रतिवर्ष मनाया जा रहा है। शायद संसार का ये एकमात्र मेला है जो 'औरतों का मेला' नाम से प्रसिद्ध है। समय के साथ इसके मनाए जाने के ढंग में भारी परिवर्तन हुए हैं। आजादी से पहले प्रतिवर्ष प्रथम चैत्र से इस मेले का आरम्भ होता था। प्रथम चैत्र से 14 चैत्र तक फलातरे री घुरेई मनाई जाती थी। इन दिनों शहना और बाईदार (शहनाई और ढोल नगाड़े बजाने वाले) सपड़ी टाले से पक्का टाला तक शहनाई व ढोल बजाते जाते थे। इन्हीं चौदह दिनों तक धड़ोग मुहल्ला की औरतें, चम्बा शहर के शीर्ष में स्थित भगवती चामुंडा के मंदिर से फूल चुनती हुई घुरेई डालती सपड़ी मुहल्ले तक आती। 15 चैत्र से माता सूही के मंदिर में घुरेइयों का आयोजन आरम्भ होता। सूही का यह मंदिर उस जगह स्थित है जहां रानी सुनयना को बलिदान जाते समय पांव में ठोकर लगी थी और अंगूठे से खून बहने लगा था। जिस पत्थर से ठोकर लगी थी वह आज भी मां सूही के रूप में पूज्य है। 15 चैत्र से 20 चैत्र तक सफाई करने वाली औरतें (मेहतरानियां) सूही मां के मंदिर की निचली सीढिय़ों की सफाई भी करती थीं और घुरेई भी डालती हुई नीचे मढ (नौण, पनिहारा) तक जाती। इसके पश्चात घुरेई डालने की बारी आती थी कन्याओं की। 21 चैत्र से 25 चैत्र तक पहले इन्हीं दिनों औरतों की घुरेई भी हुआ करती थी। लड़कियां 'भाइयो नूरपुरे दे शैर, बागे अम्बी पक्की हो' या इसी तरह की कई अन्य घुरेईयां गाया करती थीं। मेले के अंतिम दिन, 26 चैत्र से 30 चैत्र तक 'राजे री सुकरात' के नाम से जाने जाते हैं। इन दिनों बाहर की संभ्रांत औरतें तथा राजकुमारियां सूही के मढ़ में आती हैं। महीने का अंतिम दिन सकरात के रूप में मनाया जाता था और यही मेले का मुख्य आकर्षण हुआ करता था। राजा तथा राजघराने के अन्य लोग और शहर के गणमान्य लोग इस दिन सूही माता के मंदिर से पूजा के बाद मां की मूर्ति के साथ 'सुकरात कुडिय़ो चिडिय़ों, सुकरात लच्छमी नरैणा हो। ठण्डा पाणी किआं करी पिणा हो, तेरे नैणा हेरी-हेरी जीणा हो..' गाते हुए राजमहल की जनानी री प्रौली (औरतों का दरवाजा) तक आते हैं। यहां मां की मूर्ति वापिस लाकर रख दी जाती है। मेले के अंतिम दिनों में गद्दी महिलाओं को भोजन कराने का विशेष प्रबंध किया जाता। बदलते परिवेश में मात्र एक सप्ताह तक सूही मेले का आयोजन हो रहा है। कन्याएं घुरेई डालने में अपनी बेइज्जती समझने लगी हैं। सभ्रांत महिलाएं इस मेले में हिस्सा लेना अपनी शान के विरुद्ध मानती हैं। राजघराने का कोई सदस्य देखने को नहीं मिलता। जो सीढिय़ां अठारहवीं सदी के अन्त में चम्बा के राजा जीत सिंह की रानी शारदा ने अपनी पूर्वज पूज्य देवी सूही की याद में बनवाई थी वह आज जर्जर अवस्था में देखी जा सकती है। सूही मढ़ में जहां शहर की औरतें बैठती व घुरेई डालती थीं वह किन्हीं अज्ञात कारणों से बंद कर दिया गया है। मालूणा जहां मां सूही ने बलिदान दिया था कि प्रजा को पानी मिल सके और आज भी वहीं से पानी का अधिकतर वितरण होता है देखने से रोना आता है।
बांका हिमाचल : यह रुमाल नहीं कमाल है चंबा रुमाल का नाम अचानक सुने तो लगता है कि यह महज़ एक आम सा रुमाल होगा, लेकिन चंबा रुमाल सही मायनों में कमाल है। यह कोई मामूली रुमाल नहीं बल्कि विश्व विख्यात व कढ़ाई हस्तशिल्प से निर्मित और बेहद ख़ूबसूरत रुमाल है। अनूठी हस्तकला के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध चंबा रूमाल किसी पहचान का मोहताज नहीं है। चम्बा रुमाल की हस्तकला का बोलबाला रियासतकाल से चल रहा है। वैसे तो हिमाचल प्रदेश में कला की कई तकनीक हैं जो यहां की समृद्ध शैली की परिचायक हैं, लेकिन चंबा रुमाल ने हिमाचल प्रदेश को विश्व भर में एक अलग ही पहचान दिलाई है। अंतरराष्ट्रीय मिंजर मेले में भी चंबा रूमाल की बड़ी बिक्री होती है। चंबा रूमाल की ख़ास बात ये है कि इसे रेशम व सूती कपड़े पर कढ़ाई कर इसे तैयार किया जाता है। ये रुमाल कितना ख़ास है आप इस बात से समझ सकते है कि इस रूमाल को बनाने में एक सप्ताह से दो महीने का समय लग जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में चम्बा रुमाल खरीदना आसान नहीं होता है। इसे चंबा आकर खरीदना या फिर मंगवाना पड़ता है। चंबा के संपन्न परिवार बेटी की शादी में विदाई के समय इस रूमाल का प्रयोग करते हैं। वर्तमान में ही नहीं बल्कि ब्रिटिश काल में भी अधिकारियों व पड़ोसी रियासतों के राजाओं को रूमाल उपहार के रूप में दिया जाता था। इतना ही नहीं जर्मन व इंग्लैंड संग्रहालयों में भी चंबा रूमाल मौजूद है।1965 में चम्बा रूमाल बनाने वाली कारीगर महेश्वरी देवी को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया और अब ऐसे कलाकारों की कमी नहीं, जो कई दिनों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार करते हैं। 'नीडल पेंटिंग’ के नाम से भी जाना जाता है चम्बा रुमाल पहाड़ी लघु चित्र और भित्ति चित्रों को अगर कपड़े पर सूई के माध्यम से बहुत ही बारीकी से कढ़ाई करके उकेरा जाए तो वह कपड़ा किसी कलात्मक तस्वीर से कम नहीं लगता है। इसका सही मायनों में उदहारण चंबा का रुमाल है। प्रसिद्ध चम्बा के रुमाल को ‘नीडल पेंटिंग’ के नाम से भी जाना जाता है। चंबा रुमाल रेशम एवं सूती कपड़े पर दोनों ओर समान कढ़ाई कर तैयार किया जाता है। विशेष तौर पर कढ़ाई का काम औरतें करती हैं और यह कला आमतौर पर रुमाल, टोपी, हाथ के पंखे, चोली आदि पर भी की जाती है। हर किसी के बस की बात नहीं इस रखना चम्बा रुमाल पर की गई कढ़ाई को चंबा साम्राज्य के पूर्व शासकों के संरक्षण में पनपने का मौका मिला था। यह अपनी अद्भुत कला और शानदार कशीदाकारी के कारण निरंतर प्रसिद्धि की नई इबारत लिखता रहा है। चंबा का रुमाल वास्तव में कोई जेब में रखने वाला रुमाल नहीं है, बल्कि कढ़ाईदार "वॉल पेटिंग " होती है। चूंकि इससे बना रुमाल चौकोर आकार में नहीं होता है, इसलिए इसे कभी वॉल पेंटिंग की तरह सजाया जाता है तो कभी उपहार में दिया जाता है। चंबा के रुमाल के बारे में एक रोचक बात यह है कि दूर से देखने पर बेशक ये बहुत आकर्षक न लगे पर जब पास से देखते हैं तो देखने वाले को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता है। इसे जेब में रखना हर किसी के बस की बात नहीं होती, दरअसल इसकी कीमत बहुत अधिक होती है। ललिता वकील ने सात समुंदर पार पहुंचाया चम्बा रुमाल का नाम पद्मश्री ललिता वकील ने चम्बा रुमाल को अन्तर्राष्ट्रीय पहचान दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ललिता वकील को बचपन में ही शोक था कि वह चंबा रुमाल पर बेहतरीन काम करे और आज इसी काम की बदौलत इन्होंने अपने चंबा शहर के नाम के साथ अपने प्रदेश और देश का नाम सात समुंदर तक पहुंचाया। इसका श्रेय वे अपने बजुर्गो के साथ सबसे पहले चंबा कढ़ाई में राष्ट्रपति से सम्मानित माहेश्वरी देवी को देती है, जिनको की साल 1965, में सम्मान मिला था। 14 अप्रैल 1954 को चंबा के सपड़ी मोहल्ला में जन्मी ललिता वकील ने चंबा रुमाल को देश-विदेश में नई पहचान दिलाई है। ललिता ने बचपन से ही चंबा रुचंबा रुमाल को नई बुलंदियों पर पहुंचाने वाली ललिता वकील को 2018 में नारी शक्ति पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। यह पुरस्कार राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रदान किया था। इससे पहले ललिता को 1993 में तत्कालीन राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा और 2012 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शिल्प गुरु सम्मान दे चुके हैं। अपने पूरे जीवन में उन्हें 25 से 30 अवार्ड मिल चुके हैं। रुमाल के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करना शुरू किया था। इस वर्ष उन्हें पदम् श्री के सम्मान से अलंकृत किया गया।
जिला चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी में स्थित ऐतिहासिक मिंधल माता के इतिहास को संजोए रखने के लिए माता मेरी माता मिंधला दी रानी भजन मंगलवार को य-ूट्यूब पर रिलीज किया गया है। इस भजन को हिल्स एकेडमी भद्रम में रिलीज किया गया है। भजन के निर्देशक सीएल ठाकुर ने बताया कि पांगी घाटी के मिंधल माता का इतिहास संजोए रखने के लिए इस भजन को गाया गया है। उन्होंने बताया कि इस भजन को वीरू राणा द्वारा नरेंद्र म्यूजिकल ग्रुप स्टूडियो सरोल में गाया गया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वीरू राणा पांगी के एक छोटे से गांव में मिंधल के रहने वाले हैं। और मौजूदा समय में एक पत्रकार है। मिंधल माता के प्रति काफी श्रद्धा रखते हैं। इससे पहले भी वह कई बार मिंधल माता के दरबार में जगराता कर चुके हैं। इस भजन के माध्यम से वीरू राणा द्वारा मां के भक्तों को यह बताया गया है कि मां मिंन्धलवासनी कैसे प्रकट हुई है और मिंधल गांव आत तक क्यों शाप से मुक्त नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि मिंदर गांव में एक बैल से की जा रही खेतीबाड़ी के बारे में भी इस भजन के माध्यम से बताया गया है। वीरू राणा बचपन से ही एक कलाकार बनना चाहता था लेकिन परिस्थितियों की वजह से नहीं बन पाए। आज के समय में वीरू राणा द्वारा अपना एक वेव पोर्टल चलाते है। साथ ही वीरू राणा के वेब पोर्टल को हाल ही में गूगल द्वारा मीडिया पार्टनर में लिया गया है। वहीं यूएसए की एक नामी कंपनी इजॉइक द्वारा वीरू राणा के वेब पोर्टल को मोनेटाइज वेब पार्टनर बनाया गया है और यह प्रदेश का पहला वेब पोर्टल है जोकि इजॉइक व गुगल जैसी नामी कंपनियों का मीडिया पार्टनर है।
विधानसभा उपाध्यक्ष डॉ. हंसराज ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को गुणात्मक एवं सर्वसुलभ बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने अनेक योजनाएं आरंभ की है। राज्य की अधिकांश आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। इन क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के व्यापक विस्तार के लिए प्रदेश सरकार ने अपने पग उठाए हैं। स्वास्थ्य अधोसंरचना के सुधार एवं विकास के लिए किए गए प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य को स्वास्थ्य के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के लिए पर सम्मान प्राप्त हुए हैं। यह बात आज उन्होंने आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र भंजराडू का दौरा कर मुख्यमंत्री द्वारा हाल ही लोकार्पित किए गए आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन की पूजा-अर्चना कर सेवाएं का शुभारंभ करने के दौरान कही। उन्होंने इस दौरान आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र को हेल्थ एंड वैलनेस केंद्र में स्तरोन्नत करने का भी आश्वासन दिया। इसके अतिरिक्त उन्होंने लोक निर्माण विभाग को उपमंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय भवन तथा औषधीय भंडार के प्राक्कलन को तैयार करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि इस आयुर्वेदिक स्वास्थ्य केंद्र से लगभग 6 पंचायतों के लोगों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस अवसर पर जिला महामंत्री वीरेंद्र ठाकुर, युवा मोर्चा अध्यक्ष विजय, प्रधान ग्राम पंचायत भंजराड़ू कृष्णा महाजन, उपमंडलीय आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुरेंद्र मोहन सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।
जनजातीय क्षेत्र भरमौर के बड़ग्राम सड़क मार्ग पर बीती रात को एक ऑल्टो 800 कार के डेढ़ किलोमिटर खाई में गिर जाने से दुर्घटना ग्रस्त हो गई। यह घटना कंडेलू से 300 मीटर दूरी पर घटी। जिसमें चालक दीपक कुमार स्पूत्र बलि बहादुर उम्र 28 वर्षीय निवासी गांव हरछू पंचायत पूलन तहसील भरमौर व सुरेन्द्र कुमार स्पुत्र रत्न चंद, गांव सिरडी उम्र 27 वर्ष की पहचान की गई। भरमौर पुलिस को बुधवार सुबह ग्राम पंचायत प्रधान पूलन अनिता कपूर द्वारा सूचित करने पर इस घटना की जानकारी दी गई। जिसकी सूचना मिलते ही भरमौर पुलिस वारदात मौके पर पहुंची। जिसके बाद गाड़ी में सवार दोनों युवकों को गहरी खाई से निकालकर घायल अवस्था में भरमौर अस्पताल लाया गया। जहां पर उनको प्राथमिक उपचार देने के बाद उन्हें मेडिकल कॉलेज चंबा रैफर कर दिया गया। एएसपी चंबा विनोद धीमान के द्वारा खबर की पुष्टि की गई है।
उपायुक्त डीसी राणा ने लोगों से जंगलों में लग रही आग की रोकथाम के लिए सहयोग की अपील की है। वहीं उन्होंने पंचायतीराज संस्थाओं व गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ऐसी घटनाओं को रोकने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि यदि वन संपदा को आग लगाता हुआ कोई पकड़ा जाए तो उस पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा जिला चंबा की भौगोलिक परिस्थितियां अति संवेदनशील हैं। ऐसे में आगजनी की घटनाओं को रोकना अत्यंत जरूरी है। आग मिट्टी में नमी बनाए रखने की क्षमता को समाप्त कर देती है। इससे जल की उपलब्धता प्रभावित होती है। हरित आवरण के जलने से भू-क्षरण की शुरू हुई प्रक्रिया भविष्य में भूमिकटाव व भूस्खलन की घटनाओं को और बढ़ाते हैं। आग के कारण झाडिय़ों, घास, पेड़ों और वनस्पतियों के सभी प्रकार के बीज भी जल जाते हैं जो भविष्य में हरित आवरण को बढऩे से रोक देते हैं। इसके साथ वनों की आग से निकला धुंआ भारी वायु प्रदूषण का कारण बन कर मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इस से लोगों में सांस, हृदय और प्रतिरक्षा संबंधी बीमारियां होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती हैं । उपायुक्त ने विगत वर्षों के दौरान जि़ला में असमय भारी बारिश, बादल फटने की घटनाएं, कम बर्फबारी के आंकड़ों के आधार पर विशेषकर युवा वर्ग से वन संपदा को सुरक्षित रखे जाने को लेकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन का आह्वान किया है। उपायुक्त ने सभी जिला वासियों से आग्रह किया है की वनों में आगजनी की घटना को अंजाम देने वाले लोगों की सूचना देने के लिए पुलिस, वन विभाग ,अग्निशमन केंद्र या जिला आपदा प्रबंधन इकाई के टोल फ्री दूरभाष नंबर 1077 या मोबाइल फोन नंबर 9816698166 या 01889-226950 संपर्क किया जा सकता है।
उपमंडल भटियात के समोट में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत स्वास्थ्य मेला लगाया गया। इस दौरान विधायक विक्रम जरयाल बतौर मुख्यअतिथि उपस्थित रहे। वहीं डॉ. विनीत ठाकुर ने बताया कि इस दौरान लोगों को कई स्वास्थ्य संबंधी प्रदान की गईं। इस मौके पर विभाग द्वारा 270 लोगों की स्वास्थ्य की जांच भी की गई। इस अवसर पर एसडीएम भटियात बच्चन सिंह, खंड चिकित्सक अधिकारी डॉ. सतीश, बीडीसी अल्पना जरयाल आदि मौजूद रहे।
मुनीष ठाकुर । भरमौर जनजातीय क्षेत्र भरमौर में वीरवार को मणिमहेश न्यास की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता एडीएम भरमौर डॉ संजय कुमार धीमान ने लघु संयुक्त कार्यालय पट्टी के सभागार में आयोजित हुई। ट्रस्ट द्वारा भरमौर में होनी वाली मणिमहेश यात्रा को सफल बनाने के लिए व्यापक रणनीति तैयार की गई। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इस वर्ष मणिमहेश आने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के प्रवाह को विनियमित करने के लिए तीर्थयात्रियों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा। जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 19 अगस्त जन्माष्टमी के दिन और 2 सितंबर राधा अष्टमी तक लाखों तीर्थयात्रियों की पवित्र झील में डुबकी लगाए जाने की संभावना जताई जा रही है। एडीएम भरमौर ने बताया कि इस बार मणिमहेश यात्रा के दौरान सभी विभागों द्वारा समय पर कार्रवाई करने, सेवाओं और बाधाओं का उचित मूल्यांकन करने का निर्णय लिया गया, ताकि यात्रियों को सभी न्यूनतम सुविधाएं समय पर प्रदान करवाई जा सकें। इस बैठक में तीर्थयात्रियों के लिए पुलिस को न्यूनतम पुलिस बल और होमगार्ड को कसरत करने के लिए निर्देशित दिए गए। वन धन योजना और ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से स्थानीय बेरोजगार युवाओं की आजीविका को सुविधाजनक बनाने का भी निर्णय लिया गया था। बैठक में भरमौर के विधायक जिया लाल कपूर, एसडीएम मनीष कुमार सोनी, एसएचओ भरमौर बाबूराम शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चम्बा जिला के ऐतिहासिक चम्बा चौगान में आयोजित 75वें राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह की अध्यक्षता की। उन्होंने तिरंगा फहराया और पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी और एनएसएस की टुकड़ियों से सलामी ली। परेड का नेतृत्व एसडीपीओ सलूणी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के मयंक चौधरी ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश का भी प्रसारण किया गया। संदेश में प्रधानमंत्री ने भौगोलिक और अन्य बाधाओं के बावजूद राज्य की विकास यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन वर्षों में राज्य ने ऊर्जा, बागवानी, पर्यटन और सम्बद्ध क्षेत्रों में प्रगति की है। प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि डबर्ल इंजन सरकारों के समन्वय से राज्य में सड़क नेटवर्क सुदृढ़ हुआ है तथा प्रदेश पर्यटन और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में विकास के नए अवसर सृजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में राज्य में सभी केंद्रीय योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जय राम ठाकुर के ईमानदार नेतृत्व और परिश्रमी प्रदेशवासियों के प्रयासों से हिमाचल प्रदेश देश के सबसे विकसित राज्य के रूप में उभरेगा। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक दिन पर राज्य के लोगों को प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए संदेश के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब किसी प्रधानमंत्री ने हिमाचल दिवस के अवसर पर प्रदेश के लोगों को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में महिला यात्रियों को 50 प्रतिशत छूट प्रदान करने की घोषणा करते हुए कहा कि इससे महिलाओं को लगभग 60 करोड़ रुपये के लाभ प्राप्त होंगे। उन्होंने प्रथम जुलाई से सभी विद्युत उपभोक्ताओं को 125 यूनिट तक जीरो बिल की सुविधा प्रदान करने व उनसे कोई विद्युत बिल न लेने की घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से प्रदेश के 11.5 लाख विद्युत उपभोक्ताओं को 250 करोड़ रुपये के लाभ प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे सभी परिवारों से पानी का कोई बिल न लेने की भी घोषणा की, जिससे प्रदेश के ग्रामीण परिवारों को 30 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ प्रदान होंगे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर होली-उतराला सड़क के कार्य में तेजी लाने के लिए पांच करोड़ रुपये और चम्बा मुख्यालय में लोगों की सुविधा के लिए मिनी सचिवालय खोलने की घोषणा की। उन्होंने चम्बा शहर के सौंदर्यीकरण तथा शहर में यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने की भी घोषणा की। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य को भी कोरोना महामारी के कारण कठिन समय का सामना करना पड़ा है, लेकिन लोगों के सहयोग से प्रदेश न केवल इस स्थिति को नियंत्रित करने में सक्षम रहा बल्कि विकास की गति को भी निर्बाध रखा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को विकास के मामले में केंद्र सरकार का पूरा सहयोग मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का हिमाचल प्रदेश के प्रति विशेष लगाव के कारण उनके कार्यकाल में राज्य को हजारों करोड़ रुपये की की परियोजनाएं की सौगात मिली हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और प्रदेश का तीव्र और संतुलित विकास सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपनी पहली मंत्रिमंडल बैठक में बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन प्रदान करने के लिए आयु सीमा को 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष कर दिया, जिसे अब और घटाकर 60 वर्ष कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर 436 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे थे, जबकि वर्तमान में इस पर 1300 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने लोगों की शिकायतों का उनके घर-द्वार पर समाधान करने के उद्देश्य से जनमंच आयोजित करने की अनूठी पहल की है। अब तक 244 स्थानों पर आयोजित 25 जनमंच में प्राप्त 54,565 शिकायतों में से 90 प्रतिशत से अधिक का समाधान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 की शुरुआत की गई है, जिसके माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे ही अपनी शिकायत दर्ज करवाकर निर्धारित समयावधि के भीतर अपनी समस्याओं का समाधान पा सकता है। उन्होंने कहा कि इस हेल्पलाइन पर अब तक करीब 3.55 लाख शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 3.41 लाख का निपटारा किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हुई है और उन्हें मुफ्त गैस कनेक्शन देकर पारंपरिक चूल्हों और ईधन लकड़ी इकट्ठा करने से काफी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के उन पात्र परिवारों के लिए मुख्यमंत्री गृहिणी सुविधा योजना शुरू की जो उज्ज्वला योजना के तहत कवर नहीं हो पाए। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 3.25 लाख परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन सहित तीन सिलेंडर प्रदान किए जा रहे हैं, साथ ही 1.37 लाख परिवारों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत भी मुफ्त गैस कनेक्शन प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष से इन दोनों योजनाओं के तहत लाभार्थियों को एक और अतिरिक्त मुफ्त सिलेंडर देने का निर्णय किया है और प्रदेश धुआंमुक्त राज्य घोषित होने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी, 2019 से हिमकेयर योजना आरम्भ की है, जिसके तहत लाभार्थी परिवार के पांच सदस्यों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक की निःशुल्क उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक 5.40 लाख परिवारों को हिमकेयर योजना के तहत पंजीकृत किया गया है और 218 करोड़ रुपये व्यय कर 2.40 लाख मरीजों को कैशलेस ईलाज उपलब्ध करवाया गया है। उन्होंने कहा कि गंभीर बीमारियों से पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री सहारा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत पात्र व्यक्तियों को 3,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रतिमाह प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लगभग 18 हजार लाभार्थियों को 60.50 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शगुन योजना के तहत 31 हजार रुपये की वित्तीय सहायता गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले परिवारों की बेटियों की शादी के लिए प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत स्टार्टअप के लिए एक करोड़ रुपये तक की मशीनरी, उपकरण और औद्योगिक संयंत्र में निवेश करने पर युवाओं को 25 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत उपदान को अब महिलाओं के लिए 30 से बढ़ाकर 35 प्रतिशत तथा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और दिव्यांगजनों के लिए 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 30 प्रतिशत उपदान कर दिया गया है। अब तक, लगभग 624 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 3758 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं जिससे 10 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य में कृषि क्षेत्र को एक नया आयाम देने में ‘प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना’ कारगर साबित हुई है और 1.68 लाख से अधिक प्रगतिशील किसानों ने इस योजना को अपनाया है। उन्होंने कहा कि नवम्बर, 2019 को प्रदेश के धर्मशाला में पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया, जिसमें 96,721 करोड़ रुपये के निवेश के 703 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने कहा कि 13,656 करोड़ रुपये की लागत के 240 परियोजनाओं की ग्राउंड ब्रेकिंग शिमला में आयोजित की गई और 27 दिसंबर, 2021 को राज्य सरकार के चार साल के कार्यकाल के पूर्ण होने के अवसर पर मंडी में प्रधानमंत्री द्वारा 28,197 करोड़ रुपये के 287 परियोजनाओं की दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए नई राहें-नई मंजिलें योजना के तहत 200 करोड़ रुपये से राज्य में विभिन्न पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अकुशल दैनिक वेतन भोगियों के न्यूनतम वेतन में 50 रुपये की बढ़ोतरी के साथ न्यूनतम वेतन 350 रुपये प्रति दिन और वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान दैनिक वेतन में 140 रुपये की वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय 1700 रुपये, आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय को 1825 रुपये बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि एस.एम.सी. शिक्षकों के मानदेय को 1000 रुपये बढ़ाया गया है। इसी प्रकार विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के मानदेय में भी 900 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि की गई है। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 महामारी के दौरान ऑनलाइन पुस्तकालय सुविधा आरम्भ करने के लिए जिला प्रशासन कुल्लू (उपायुक्त आशुतोष गर्ग), टीकाकरण अभियान में अपनी भूमिका के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एम.डी. एन.एच.एम. हेमराज बैरवा) और टीकाकरण अभियान में उपलब्धि के लिए जिला प्रशासन किन्नौर (उपायुक्त आबिद हुसैन) को सिविल सेवा पुरस्कार प्रदान किए। मुख्यमंत्री ने पुलिस ऑर्केस्ट्रा हार्मनी ऑफ द पाइन्स, बेसहारा पशुओं की सहायता के लिए एन.जी.ओ. क्रांति के धीरज महाजन, भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी, डॉ. टेक चंद, पद्मश्री बाबा इकबाल सिंह (प्राप्तकर्ता सरदार जगजीत सिंह), पद्मश्री विद्यानंद सरैक, पद्मश्री ललिता वकील, प्रसिद्ध लेखक डॉ. गौतम शर्मा, डॉ. प्रीत्यूष गुलेरी और विजय राज उपाध्याय को प्रेरणा स्रोत पुरस्कार-2022 प्रदान किए गए। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी विभाग (मुकेश रेशपर ने पुरस्कार प्राप्त किया) और डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय की डॉ. निवेदिता शर्मा को राज्य नवाचार पुरस्कार-2022 भी प्रदान किया। राज्य विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, सांसद किशन कपूर, मुख्य सचेतक विक्रम जरयाल, विधायक पवन नैय्यर और जिया लाल कपूर, विभिन्न बोर्डों और निगमों के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, मुख्य सचिव राम सुभग सिंह, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, सचिव सामान्य प्रशासन भरत खेड़ा, उपायुक्त चम्बा डी.सी राणा, निदेशक सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन अन्य गणमान्य व्यक्तियों सहित उपस्थित थे।
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को परिवहन निगम की बसों में सफर के दौरान किराए में 50 फ़ीसदी की छूट मिलेगी। हिमाचल में अब 125 यूनिट बिजली खर्च का उपभोक्ताओं को कोई बिल नहीं चुकाना होगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को पानी का बिल भी माफ होगा। यह घोषणाएं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को चंबा के ऐतिहासिक चौगान में आयोजित 75वें राज्य स्तरीय हिमाचल दिवस समारोह के दौरान की। मुख्यमंत्री ने होली-उतराला सड़क निर्माण के लिए 5 करोड़ की राशि देने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हर एक वर्ग को राहत प्रदान कर रही है। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी नीतियों के बारे में भी जानकारी दी। इससे पहले हिमाचल दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संदेश का प्रसारण भी किया गया। इसमें प्रधानमंत्री ने उपस्थित जनसमूह को हिमाचल दिवस की मुबारकबाद दी। समारोह के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कई विभूतियों को पुरस्कृत भी किया गया। समारोह के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों के सांस्कृतिक दलों ने प्रस्तुतियां भी दी। इससे पहले मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक चौगान में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ ही पुलिस, होमगार्ड, ट्रैफिक पुलिस, एनसीसी व एनएसएस कैडेटों के मार्च पास्ट की सलामी भी ली।
हिमाचल प्रदेश के सुप्रसिद्ध भरमौर के कुगती में भगवान भोलेनाथ के ज्येठ पुत्र कार्तिक स्वामी मंदिर के कपाट 136 दिन बाद आज बैसाखी के दिन खुल गए। मंदिर के कपाट 30 नवंबर को मौसम की प्रतिकूलता के कारण हर वर्ष नवम्बर महीने में बंद हो जाते हैं। कपाट बंद करने से पहले मंदिर के गर्भगृह में मूर्ति के सामने पानी से भरी एक गड़वी (कलश) को रखा जाता है। इस बार भी ऐसा ही किया गया। अगर कलश आधा भरा मिला तो कम बारिश की संभावना रहती है और कलश में पानी पूरा सूख गया हो तो अकाल जैसी स्थिति इलाके में आने की संभावना रहती है। आज के दिन भगवान कार्तिक स्वामी के जयकारों से पूरा कुगती क्षेत्र गूंज उठा। हजारों श्रद्धालु भगवान कार्तिक स्वामी के दर्शन करने कुगती पहुंचे। कार्तिक स्वामी गद्दी समुदाय के लोगों के अराध्य देवता हैं। मंदिर के कपाट खुलने का लोगों को अरसे से इंतजार रहता है। गौरतलब हो कि उत्तरी भारत की प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा के तहत लाहुल-स्पीति से आने वाले शिवभक्तों का कुगती एक अहम पड़ाव रहता है। इसको लेकर भी एक मान्यता है कि जो यात्री मणिमहेश यात्रा के दौरान सबसे पहले कार्तिक स्वामी मंदिर में दर्शन करते हैं, उन्हें यात्रा के दौरान किसी प्रकार का कष्ट नहीं होता। इसके अलावा मणिमहेश यात्रा के दौरान हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में शिवभक्त कुगती होकर मणिमहेश परिक्रमा यात्रा भी करते है।
भटियात जिला चंबा के भटियात विधानसभा क्षेत्र की कुड्डी पंचायत के निवासी निर्मल पांडे ने अपने समर्थकों के साथ नई दिल्ली में आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है। निर्मल पांडे कई वर्षों से समाजसेवा में जुटे हैं और पूर्व में भटियात की कुड्डी पंचायत के प्रधान भी रहे हैं। उनकी पत्नी वर्तमान में बनेट वार्ड से जिला परिषद सदस्य हैं। उनके जाने से चंबा जिला के भटियात में आम आदमी पार्टी को मजबूती मिलने के आसार हैं। 20 अक्तूबर, 2018 को उन्हाेंने भटियात की जनता के लिए सड़क शिक्षा व स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर ऐतिहासिक 69 दिन आंदोलन किया था। इस आंदोलन में बुजुर्गों महिलाओं और युवाओं ने बढ़-चढ़कर भाग लिया था। इसके बाद 27 दिसंबर, 2018 को 6 दिन के आमरण अनशन से प्रशासन को झुकना पड़ा और उनकी मांगें माननी पड़ी।
मनीष ठाकुर। भरमौर भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र के लिए कांग्रेस प्रत्याशी ने यूथ कांग्रेस कमेटी ने नई कार्यकारणी का गठन किया गया। हिमाचल प्रदेश के युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी के नेतृत्व में इस कार्यकारणी का विस्तार किया गया। चार राज्यों में मिली करारी हार के बाद युवा कांग्रेस कमेटी भरमौर द्वारा पार्टी को एकजुट करने का अभियान शुरू कर दिया है। जिसके तहत हिमाचल के पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी और अमित भरमौरी के नेतृत्व में जिला चंबा से आभियान शुरू कर दिया है। भरमौर विधनसभा क्षेत्र के लिए, यूथ कांग्रेस कमेटी ने नई कार्यकारणी में युवाओं को मौका प्रदान किया गया, जिसके तहत पार्टी में नए युवाओं को शामिल किया गया है। भरमौर विधनसभा क्षेत्र के लिए युवा कांग्रेस कमेटी भरमौर के लिए श्याम ठाकुर को अध्यक्ष, अभिनव पठानिया को युवा कांग्रेस कमेटी का उपध्यक्ष बनाया गया। हितेश जरयाल को महासचिव की कमान दी गई। राजीव शर्मा को युवा कांग्रेस कमेटी भरमौर के लिए सचिव का कार्यभार प्रदान किया गया। हितेश जरयाल को भरमौर-पांगी विधानसभा क्षेत्र के युवा कांग्रेस कमेटी भरमौर का महासचिव बनाए जाने पर पार्टी का आभार प्रकट किया है। साथ में उन्होंने पूर्व वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, अमित भरमौरी, चंद्रमणी कुलेठी, भारतीय युवा कांग्रेस महासचिव अमरप्रीत लाली और हिमाचल प्रदेश के युवा कांग्रेस अध्यक्ष नेगी निगम भंडारी का भी तह दिल से शुक्रिया किया। इस पद के लिए नियुक्ति किए जाने पर हितेश जरयाल ने पार्टी के सभी नेताओं का आभार प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि मुझे महासचिव की जिम्मेदारी सौंपने पर मैं तहे दिल से कांग्रेस पार्टी व आला पदाधिकारी का धन्यबादी हूं, जिन्होंने मुझे इस पद के काबिल समझा।
दीपक ठाकुर। भटियात भटियात के एसडीएम बच्चन सिंह ने 9 मार्च को पंचायत प्रधानों को एक लैटर सौंपा था, जिसमें ये लिखा था की अब हर पंचायत में दो से तीन लोकमित्र केंद्र खोल सकते हैं तथा दूसरी ओर भटियात लोकमित्र केंद्र संघ के अध्यक्ष अशोक कुमार ने कहा की हम लोग 2008 से पंचायतों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और बड़ी मुश्किल से दिन का दो-तीन साै रुपए दिहाड़ी कमाते हैं। अगर इस स्थिति में एक पंचायत में तीन से चार लोकमित्र केंद्र खोल दिए गए, तो सभी लोकमित्र केंद्रों का रोजगार नहीं चलेगा, जिससे बेरोजगारी बढ़ेगी।
फर्स्ट वर्डिक्ट। चंबा पांगी घाटी की जनसमस्याओं को लेकर पांगी घाटी का एक प्रतिनिधि मंडल स्थानीय विधायक जिया लाल कपूर की अध्यक्षता में प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिले। इस दौरान उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री से पांगी घाटी की जनसमस्याओं से अगवत करवाया। भरमौर पांगी के विधायक जिया लाल कपूर ने बताया कि उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार से मुलाकात की और पांगी घाटी में चल रही बिजली समस्या का समाधान निकालने के लिए मिनी पावर हाउस स्थापित करने की मांग उठाई है। वहीं, पांगी के सेचू पंचायत के मौजी व मुर्च्छ गांव में आंगनबाड़ी केंद्र खोलने की मांग उठाई हुई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उन्हें अश्वासन दिया है कि पांगी घाटी की इन समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जल्द समाधान किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने बताया कि पांगी घाटी के साच व किलाड़ में मात्र बैंक की एक-एक शाखा होने के कारण लोगों की समस्या बढ़ती जा रही है। जिसको ध्यान में रखते हुए पुर्थी, सेचू, धरवास में बैंक की शाखाएं खोनले की मांग की हुई है। वहीं, पांगी घाटी को जल्द डीजिटल इंडिया से जोड़ने के लिए जियो के नेटवर्क जल्द बहाल करने की मांग की हुई है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पांगी की 19 पंचायतों की जनसमस्याओं को ध्यान में रखते हुए विधायक जिया लाल कपूर द्वारा क्षेत्र में जल्द अग्निशमन केंद्र खोलने का भी आश्वासन दिया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष पांगी घाटी में अग्निशमन केंद्र स्थापित किया जाएगा। पुर्थी स्कूल को प्रमोट करके शहीद दिना नाथ मुख्यमंत्री आदर्श स्कूल करने की मांग की है। इस दौरान भाजपा मंडल पांगी के किसान मोर्चा अध्यक्ष डॉ हरीश, यूवा कार्यकर्ता विजय शर्मा, जनजातीय सलाहकार राजकुमार ठाकुर, भाजपा कार्यकर्ता जलम सिंह, गरीब दास, इंद्र सिंह व सुरेंन्द्र कुमार प्रधान सूचे मौजूद रहे।
चंबा के अथक प्रयासों से पूरी हुई थी पहाड़ी राज्य बनाने की संकल्पना मनीष ठाकुर। भरमौर चंबा रियासत की स्थापना 550 ई. को अयोध्या से आए सूर्यवंशी राजा मारू ने की थी। मारू ने भरमौर (ब्रह्मपुर) को अपनी राजधानी बनाया था। आठ मार्च, 1948 को चंबा रियासत का भारतीय गणतंत्र के साथ विलय हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को चंबा दिवस के तौर पर भी जाना जाता है। इसकी हिमाचल निर्माण में भी अहम भूमिका रही है। हिमाचल निर्माण के समय पंजाब के राजनेताओं का यह भरसक प्रयास था कि पूर्वी पंजाब की पहाड़ी रियासतों को पंजाब में मिला दिया जाए, किंतु चंबा के लोगों ने इसके विरुद्ध काफी आवाज उठाई थी। लोगों का तर्क था कि पहाड़ी क्षेत्रों का रहन-सहन, संस्कृति व भाषा आदि पंजाब से भिन्न है। अतः इसे अलग पहाड़ी राज्य बनाया जाना चाहिए। भारत सरकार के रियासतों संबंधी मंत्रालय के सचिव वीपी मेनन ने अपनी पुस्तक भारतीय रियासतों के भारत में विलय की कहानी में इसका उल्लेख किया है। उल्लेखनीय है कि चंबा यदि पंजाब में चला जाता, तो हिमाचल प्रदेश का गठन आर्थिक रूप से व्यावहारिक न माना जाता। जिस तर्क का प्रयोग उस समय पंजाब के नेताओं द्वारा किया जा रहा था, उससे तो हिमाचल का गठन ही न हो पाता, लेकिन चंबा ने हिमाचल गठन के लिए अग्रणी भूमिका निभाई और सोलन में हुई सभा में प्रजामंडल के प्रतिनिधियों ने भाग लेकर हिमाचल गठन में योगदान दिया। तीन जिला महासू, सिरमौर और मंडी पूर्वी छोर पर थे और चंबा जिला पश्चिमी छोर पर था। बीच में पंजाब का कांगड़ा जिला पड़ता था। यदि चंबा हिमाचल में विलय न करता, तो चंबा पंजाब के गुरदासपुर जिला का भाग बनता। उसकी वजह से जो महासू, सिरमौर व मंडी दूसरी तरफ थे, जो कि अपने अपने खर्चे खुद पूरे नहीं कर सकता था। ऐसे में हिमाचल का निर्माण हो पाना असंभव था। इसी बीच चंबा के हिमाचल में विलय के फैसले से ही हिमाचल प्रदेश के राज्य निर्माण का सपना साकार हो पाया था।
जेबीटी अभ्यर्थियों में बंधी नौकरी की आस मनीष ठाकुर। भरमाैर हिमाचल प्रदेश के जेबीटी/डीएलएड बेरोजगार संघ ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर और शिक्षक महासंघ के प्रांत मंत्री डॉ मामराज पुंडीर का आभार व्यक्त किया है। प्रदेश में आखिर लगभग 4 वर्ष के बाद कमिशन के रिजल्ट की प्रक्रिया शुरू हुई है। इसके लिए हम 40,000 हज़ार जेबीटी/डीएलएड प्रशिक्षु दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर प्रदेश सरकार के आभारी हैं। जेबीटी/डीएलएड बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष गुलाब ठाकुर, सचिव मोहित ठाकुर व प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सरकार का दिल की गहराइयों से धन्यवाद किया है और साथ ही साथ सरकार से अनुरोध किया है कि जल्द से जल्द जेबीटी के इन पदों को भरने की प्रकिया पूरी की जाए व हमीरपुर चयन बोर्ड को निर्देश दिए जाएं कि जब तक पात्र जेबीटी 1:3 के अनुपात से पूर्ण नहीं होते, तब तक प्रतीक्षा सूची जारी रखी जाए। नए कमीशन की नोटिफिकेशन पुराने आरएंडपी रूल्स से जारी की जाए, जिससे जेबीटी के सभी छात्रों को राहत की सांस मिलें सके। संघ ने आग्रह किया है कि जल्द से जल्द बैच वाइज भर्ती का परिणाम भी घोषित किया जाए, ताकि लंबे समय से इंतजार कर रहे बेरोजगार अध्यापकों को राहत मिल सके। जेबीटी प्रशिक्षित बेरोजगार संघ का कहना है कि पिछले 4 वर्षाें से जेबीटी के छात्र काफी परेशान हो चुके थे। संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया को पूरा किया जाए और प्रदेश के सरकारी स्कूलों में रिक्त पड़े पदों को जल्द भरने की कोशिश करें, ताकि सरकारी स्कूलों में अध्यापकों की कमी को पूर्ण किया जा सके।