देहरा: छात्र संघ चुनाव बहाल न करना छात्रों के अधिकारों का हनन : भागमल

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला देहरा जिला सयोंजक भागमल ने प्रदेश सरकार द्वारा छात्र संघ चुनाव बहाल न करने संबंधी जारी बयान की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर का यह तर्क कि "हिंसा के मामलों को देखकर छात्र संघ चुनाव बहाल करना सही नहीं है" पूरी तरह अलोकतांत्रिक और छात्र विरोधी है।
जिला सयोंजक भागमल ने कहा कि छात्र संघ चुनाव विद्यार्थियों का लोकतांत्रिक अधिकार है, जिसे सरकार लगातार 2013 से छीन रही है। वर्ष 2013 तक प्रदेश में छात्र संघ चुनाव होते रहे, लेकिन 2013 के बाद अब तक छात्रों को इस अधिकार से वंचित रखा गया है। शिक्षा मंत्री का बयान यह स्पष्ट करता है कि सरकार छात्रों की आवाज से भयभीत है।
उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव केवल नेतृत्व गढ़ने का मंच ही नहीं, बल्कि छात्र-छात्राओं में लोकतांत्रिक संस्कारों को विकसित करने का माध्यम भी हैं। आज आवश्यकता है कि युवाओं को राजनीति से जोड़ने, उनकी समस्याओं को उठाने और शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए छात्र संघ चुनावों का मार्ग प्रशस्त किया जाए।
जिला सयोंजक ने सवाल उठाते हुए कहा कि यदि सरकार और मंत्रीगण लोकतांत्रिक व्यवस्था पर विश्वास करते हैं तो फिर छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार को क्यों दबा रहे हैं? क्या सरकार को युवाओं की आवाज़ सुनने से डर लगता है?
अभाविप ने चेतावनी दी है कि यदि प्रदेश सरकार शीघ्र ही छात्र संघ चुनाव बहाल नहीं करती तो विद्यार्थी परिषद पूरे प्रदेश में व्यापक आंदोलन छेड़ेगी। नैंसी अटल ने स्पष्ट कहा कि अब प्रदेश के छात्र और अभाविप चुप बैठने वाले नहीं हैं, बल्कि हर स्तर पर संघर्ष करेंगे ताकि छात्रों को उनका लोकतांत्रिक अधिकार वापस दिलाया जा सके।