देहरा :केंद्रीय विश्वविद्यालय देहरा में अंगदान जन-जागरूकता संगोष्ठी का हुआ आयोजन

केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के एनएसएस इकाई, देहरा सप्त सिंधु परिसर तथा SOTTO (स्टेट ऑर्गन एंड टिशू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन) हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में अंगदान जन संजीवनी अभियान के अंतर्गत एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण से हुई, जिसे एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. श्रैया बख्शी ने प्रस्तुत किया। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता SOTTO हिमाचल प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर नरेश थे, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में समाजसेवी अमित शर्मा उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता ने स्वयंसेवियों, छात्रों और संकाय सदस्यों को अंगदान और नेत्रदान की आवश्यकता और महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अंगदान के माध्यम से एक व्यक्ति मरने के बाद भी आठ लोगों की जिंदगी बचा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि मृत्यु के बाद शरीर को जलाने या दफनाने की बजाय अंगदान करके किसी जरूरतमंद को नया जीवन दिया जा सकता है।
समाजसेवी अमित शर्मा ने बताया कि कोई भी व्यक्ति जिसकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है, वह अपनी स्वेच्छा से अंगदान की शपथ ले सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जानकारी के अभाव और भ्रांतियों के कारण अधिकांश लोग अंगदान से पीछे हट जाते हैं। सही जानकारी मिलने पर अधिक लोग इस दिशा में आगे आ सकते हैं।
संगोष्ठी में नरेश ने यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट www.sottohimachal.in के माध्यम से कोई भी व्यक्ति घर बैठे अंगदान के लिए पंजीकरण कर सकता है। वेबसाइट पर क्यूआर कोड स्कैन करके शपथ पत्र भरना संभव है, जिससे व्यक्ति अपनी अंगदान की इच्छा को औपचारिक रूप से दर्ज कर सकता है।
कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मी जिन्या ने किया और शोधार्थी शिवम् राज ने सभी अतिथियों का धन्यवाद किया।