देहरा: ढलियारा के प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार बेस्ट टीचर अवार्ड-2025 से सम्मानित

शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ. संजय कुमार को इंडियन सोसायटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन (आईएसटीई) की ओर से बेस्ट टीचर अवार्ड-2025 से सम्मानित किया गया। डॉ. संजय मूलरूप से हिमाचल प्रदेश के गांव ढलियारा, जिला कांगड़ा के रहने वाले हैं। वर्तमान में डॉ. संजय गुरुग्राम विश्वविद्यालय के भौतिक विज्ञान (फिजिक्स) विभाग में सेवाएं दे रहे हैं। डॉ. संजय कुमार डेरा सच्चा सौदा से बचपन से ही जुड़े हुए हैं। माता निर्मला देवी एवं पिता मास्टर रिखी राम द्वारा दिखाई गई डेरा सच्चा सौदा की राह को वे कभी नहीं भूले।
आईएसटीई फैकल्टी कंवेंशन एंड एजुकेशन इंडस्ट्री लीडर्स समिट 2025 में यह सम्मान उन्हें दिया गया। डॉ. संजय कुमार ने गुरु संत डॉ. राम रहीम सिंह इन्सां को इस सम्मान का सारा श्रेय दिया। भारतीय तकनीकी शिक्षा सोसायटी (आईएसटीई) की ओर से स्वामी विवेकानंद इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, बनूर की ओर से यह समारोह आयोजित किया गया। टेक्निकल एजुकेशन एवं रिसर्च के क्षेत्र में विशेष उपलब्धि हासिल करने पर डॉ. संजय कुमार को बेस्ट टीचर-2025 अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. संजय कुमार ने इस अवार्ड पर संस्थान का आभार जताया। उन्होंने कहा कि संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह इन्सां की दी गई शिक्षाओं पर चलते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में सदैव बेहतर से बेहतर काम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि गुरु राम रहीम सिंह इन्सां ने सदा यही सीख दी है कि हम जिस क्षेत्र में काम करते हैं, उसमें पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया जाए तो हर तरह से सफलता मिलती है। गुरु का आशीर्वाद उनके साथ हमेशा रहता है। जिस भी प्रोजेक्ट की उन्होंने शुरुआत की, उसमें गारंटी से सफलता मिली है। उन्होंने गुरु संत डॉ. राम रहीम सिंह इन्सां का इस उपलब्धि के लिए कोटि-कोटि आभार जताया। डॉ. संजय कुमार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 रिसर्च पेपर प्रकाशित किए हैं।
डॉ. संजय कुमार ने बताया कि भारतीय तकनीकी शिक्षा सोसायटी (आईएसटीई) का उद्देश्य शिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करके, छात्रों के विकास को बढ़ावा देकर और कार्यबल के लिए कुशल पेशेवरों के विकास में योगदान देकर भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र को आगे बढ़ाना है। आईएसटीई शिक्षकों और प्रशासकों के लिए उनके ज्ञान और कौशल को अद्यतन करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करता है। उद्योग आवश्यक कुशल इंजीनियरों और तकनीशियनों को तैयार करने के राष्ट्रीय प्रयास में योगदान देता है।